सईद नादाँ, बेगमगंज
आज रक्षाबंधन पर उप जेल में भाई-बहन का पवित्र पर्व मनाया गया। जब छात्राओं ने जेल में निरुद्ध 75 बंदियों को भाई मानकर उनकी कलाई पर राखी बांधकर अपराध और किसी भी प्रकार का नशा नहीं करने की सौगंध दिलाई तो बंदियों की आंखे नम हो गई।
रक्षाबंधन के पावन पर्व पर बेगमगंज उप जेल में इस बार कुछ अलग नजारा देखने को मिला। एचपी पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्राएं जेल पहुंचीं और बहनों के रूप में बंदियों को भाई मानकर उन्हें राखी बांधी ओर उनका मुंह मीठा कराकर सभी बंदियों को किसी भी प्रकार का नशा नहीं कर नशामुक्त जीवन जीने और भविष्य में अपराध नहीं करने की सौगंध भी दिलाने के साथ उनसे वचन लिया कि जेल से छूटने के बाद वो अपने परिवार के साथ अच्छा और सामान्य जीवन व्यतीत करेंगे । गुटका , तंबाकू ,बीड़ी-सिगरेट , गांजा , शराब जैसे नशीले पदार्थो से हमेशा दूर रहेंगे।
बंदियों ने भी अपनी भावनात्मक बहनों को वचन दिया कि वो उसका पालन करेंगे। स्कूल के अध्यक्ष अंकुर श्रीवास्तव के नेतृत्व में आज सुबह 22 छात्राएं जेल पहुंचीं थी। जेल में कई बंदी ऐसे भी थे, जिनकी बहनें नहीं थी और कुछ की आ नहीं पाई थी।
आमतौर पर ऐसे बंदियों की कलाइयां इस पावन पर्व पर सूनी रह जाती थीं, लेकिन इस बार छात्राएं बहन बनकर आईं और हर कैदी की कलाई पर राखी बांधी।
बिना सलाखों के कराई गई खुली मुलाकात
प्रशासन ने रक्षाबंधन के मद्देनजर विशेष तैयारी की थी। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए परिजनों की मुलाकात जेल गेट के बाहर कराई गई, लेकिन बहनों को विशेष अनुमति देकर जेल के अंदर भेजा गया ताकि वे अपने बंदी भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकें।
जेल प्रशासक एसडीएम सौरभ मिश्रा एवं जेलर कमलकिशोर कोरी ने छात्राओं की इस पहल को सराहनीय बताते हुए मुक्तकंठ से प्रशंसा कर कहाकि हम ऐसे आयोजन से बंदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। उनसे भावात्मक जुड़ाव उनमें आत्मग्लानि लाकर उन्हें अपराध से दूर कर सकता है।
फोटो - बेगमगंज उपजेल में बंदियों को राखी बांधकर सौगंध दिलाती हुई छात्राएं ।
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