रक्षाबंधन पर्व पर यात्रियों को ले जाने वाली ओवरलोड़ बस अनियंत्रित होकर घाटी में पलटी , एक दर्जन से ऊपर यात्री हुए घायल , 8 गंभीर रेफर

 


सईद नादां, रायसेन 

             जिला मुख्यालय से 55 किमी दूर बीते शनिवार को शाम करीब 7 बजे गैरतगंज से हैदरगढ़ जा रही एक यात्री बस अनियंत्रित होकर पलटने से रक्षाबंधन पर्व मनाने आने -जाने वाले यात्रियों में से करीब एक दर्जन यात्री घायल हो गए । जबकि 8 यात्रियों की हालत गंभीर होने के कारण जिला अस्पताल रायसेन रेफर किया गया है।

एसडीओपी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि गैरतगंज से हैदरगढ़ ( विदिशा ) चलने वाली यात्री बस क्र. एमपी 0 4 वाईएफ 8128 क्षमता से दोगुने यात्रियों को भरकर गैरतगंज से शाम 5 बजे रवाना हुई थी। बस में सवार यात्रियों के बयान के अनुसार बस के ब्रेक भी ठीक से काम नहीं कर रहे थे।

शाम करीब 6 बजे जब बस ग्राम उड़दमऊ -जैतपुर घाटी के जंगल में पहुंची तो अनियंत्रित होकर पलट गई जिससे 12 यात्रियों को चोटें आई है ।


 यात्रियों की चीखपुकार सुनकर उड़दमऊ एवं जैतपुर के लोग भागते हुए घटना स्थल पर पहुंचे और आननफानन में यात्रियों को बस की खिड़कियों एवं कांच तोड़कर उन्हें बाहर निकाला।

पुलिस को डायल 100 पर सूचना दी तो घटना स्थल पर करीब 7 बजे पहुंचे । पुलिसकर्मियों ने घायलों को गैरतगंज सिविल अस्पताल लाकर भर्ती कराया।


 उनमें 8 यात्री घनश्याम आदिवासी पिता मोती लाल आदिवासी 50 वर्ष , प्रेम बाई कुशवाहा पति कमलसिंह कुशवाहा 40 , ग्यारसी लाल अहिरवार पिता मुन्नालाल अहिरवार 22 वर्ष तीनों निवासी देवरी गढ़ी एवं रानी बाई वंशकार पति रामसिंह वंशकार 38 ग्राम घाना , लक्ष्मी बाई अहिरवार पति हरिदास अहिरवार 28 ग्राम गेंहुरास , मालती बाई पति कल्याण सिंह 32 गैरतगंज , भारती कुर्मी पति सोनू कुर्मी 28 ग्राम खमरियागंज , केरा बाई पति छोटेलाल अहिरवार ग्राम सर्रा की स्थिति ज्यादा नाजुक होने के कारण जिला अस्पताल रेफर कर दिया है। जबकि शेष 4 अन्य घायलों का गैरतगंज अस्पताल में इलाज चल रहा है।


8 गंभीर घायलों को ले जाने के लिए दो घण्टे तक जब एम्बुलेंस या कोई भी सरकारी वाहन नहीं मिला तो मजबूरी में उनके परिजनों द्वारा किराए के 3 निजी वाहनों से उन्हें रायसेन ले जाया गया।

बस चालक मौके से फरार हो गया।पुलिस ने बस अज्ञात बस चालक के खिलाफ मोटरव्हिकल एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला कायम कर लिया है।

फोटो - बस दुर्घटना में घायलों का।



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