मेहनत करे तो राह आसान है परिश्रम ही सफलता की कुंजी है - न्यायाधीश अरुण सिह ठाकुर, एक लक्ष्य रखो मिलेगी सफलता,

आशीष यादव, धार 



धार शहर के अरुण सिंह ठाकुर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर के द्वारा आयोजित परीक्षा में आल इंडिया 51 वी हासिल कर न्यायाधीश बनें। उन्होने बताया कि यह लगातार 5-6 वर्ष में इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे और पूर्व में इसी परीक्षा के 2 साक्षात्कार दे चुके थे।और वे छत्तीसगढ़ और राजस्थान की भी मुख्य परीक्षा दे चुके थे । और उन्होने उच्च न्यायालय इंदौर व सत्र न्यायालय इंदौर मे वरिष्ठ अभिभाषक स्व. जय सिंह, विवेक सिंह के साथ 5 वर्ष तक वकालत की थी जिनके कारण उन्हें एकेडमी के ज्ञान के अतिरिक्त व्यवहारिक न्यायालय की प्रकिया का भी बखूबी ज्ञान था जिसके कारण उन्हें साक्षात्कार में बहुत मदद हुई थी। उन्होने यह भी बताया कि उनकी पत्नी वैशाली भी 2 बार इसी परिक्षा के का साक्षात्कार दे चुकी है और वह दोनो एक साथ पढ़ाई करते थे । और रोजना प्रारम्भिक परीक्षा के साथ-साथ मुख्य परीक्षा की तैयारी रोज टेस्ट पेपर देकर करते थे ।न्यायाधीश अरूण ने बताया की मैन्स परीक्षा में एक दिन में दो पर्चे होते है और उसके लिए 3-3 घंटे का समय मिलता है। इसके लिए कोई प्रश्न छूटने से नंबर कम ना हो जाए इसलिए लिखने के लिए स्पीड को भी बढ़ाया और वे रोज 6 घंटे लिखने की प्रैक्टिस करते थी। जो भी छात्र-छात्राएं अगर जज बनना चाहते है तो इसके लिए यही कहूंगा 


मेहनत की सफलता की कुंजी है। 

वही ठाकुर निश्चिततौर पर एक व्यवहार कुशल और विधि क्षेत्र की सभी बारिकियों के बारे में अच्छे सें जानते है और उनका यह अनुभव निश्चित तौर पर देश की युवा पीढ़ियों और विशेष तौर विधि के क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए बहुत बहुमूल्य होगा। और वे उनसे प्रेरणा लेकर उनके मार्गदर्शन में रह कर एक कुशल न्यायाधीश बन सकेंगे । 



जिला जज व प्रशासन ने किया सम्मान:

न्यायाधीश बनने पर जिला अभिभाषक संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार शर्मा, अपर सत्र न्यायाधीश आलोक कुमार मिश्रा, कुटुम्ब न्यायालय के न्यायाधीश धीरेंद्र सिंह व अन्य न्यायाधीश व जिला प्रशासन के प्रमुख कलेक्टर पंकज जैन पुलिस अधीक्षक आदित्यप्रताप सिंह, एएसपी देवेंद्र पाटीदार मौजूदगी में हुए कार्यक्रम में अरूण ठाकुर का सम्मान किया गया। अभिभाषक संघ के पदाधिकारी व अन्य अधिवक्ता भी शामिल हुए। 


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