लॉकडाउन के कारण चोरल में फंसी हैं दो विदेशी महिलाओं ने मीडिया की मदद ली और अपनी वेदना सुनाई जिसका असर भी हुआ और मध्य प्रदेश सरकार ने उनको इंदौर से दिल्ली तक के लिए सड़क मार्ग से जाने के लिए ईपास आखिर अब से कुछ देर पहले दे दिया। अगर आज पास नहीं मिलते तो उनका स्वदेश लौटना फिलहाल असंभव हो जाता।
जर्मनी की मार्गरेटा रिंगल और नीदरलैंड की सोफिया वान अपने मन में पड़े अरमान लेकर योग सीखने भारत आई थी । इसी उद्देश्य को लेकर वे खंडवा रोड पर चोरल रिवर व्यू प्वाइंट के पास हाल ही में बने सत्यधारा योगा लाइफ आश्रम पर 16 मार्च को पहुंचे ।
कुछ ही दिनों में उन्हें कोरोनावायरस की समस्या के विश्व भर में भयावह रूप ले लेने के बारे में पता चला और 25 मार्च को हुए लॉकडाउन के कारण उनकी परेशानी बहुत बढ़ गई।
उनके योग गुरु डॉ राधेश्याम मिश्रा ने कोर्स को तीन हफ्तों में ही पूरा कर दिया पर उनकी परेशानी थी पहले इंदौर पहुंचना और फिर वहां से दिल्ली के लिए रवाना होना । इस समय सभी फ्लाइट्स बंद हैं पर उनके और उन जैसे कई अन्य यूरोपीय नागरिकों के लिए विशेष निवेदन पर यूरोपियन यूनियन ने एक फ्लाइट आज और एक सोमवार- मंगलवार की दरमियानी रात को दिल्ली से रवाना होने की विशेष व्यवस्था की है । अगर उनको पास आज रात तक नहीं मिलता तो उनका स्वदेश लौटना फिलहाल असंभव हो जाता।
दोनों महिलाओं ने जियान न्यूज़ और एक अन्य अखबार के माध्यम से मध्य प्रदेश सरकार से निवेदन किया कि उन्हें चोरल से लेकर इंदौर और फिर इंदौर से दिल्ली एयरपोर्ट तक के लिए ई-पास दिए जाएं जिससे वे समय पर दिल्ली पहुंच सकें और यूरोपियन यूनियन द्वारा दी गई आखरी फ्लाइट में अपने देश रवाना हो सके।
जैसे ही अब से कुछ देर पहले ही ई-पास उनके हाथ में आए, उन दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने मीडिया का और भारत सरकार समेत मध्य प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया।
अब से कुछ देर पहले वह लोग एक कार में सड़क मार्ग से दिल्ली के लिए रवाना हो गई। जियान न्यूज उनके सुरक्षित सफर की कामना करता है, साथ ही उनके योग गुरु डॉक्टर मिश्रा के प्रयत्नों की भी प्रशंसा करता है।
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