टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन एवं इंदौर सीए शाखा द्वारा पारमार्थिक संस्थाओं द्वारा दाखिल किये जाने वाली ऑडिट रिपोर्ट; फॉर्म 10B तथा 10BB एवं आईटीआर-7 पर एक सेमिनार का आयोजन शुक्रवार को टीपीए हॉल में किया गया।
टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट सीए जे पी सराफ ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से पारमार्थिक संस्थाओं के कराधान पर सरकार की कड़ी नज़र है। फर्जी संस्थाएँ जो कि ग़लत छूट का दावा पेश करतीं थीं; पर आयकर के नये प्रावधानों ने बहुत कुछ हद तक रोक लगाई है।
टीपीए के मानद सचिव सीए डॉ अभय शर्मा ने बताया कि पारमार्थिक संस्थाओं को छूट का दावा करने के लिए ऑडिट रिपोर्ट फॉर्म 10 B एवं 10 BB में अनिवार्यतः दाखिल करना होगी। 46 पृष्ठों का फॉर्म 10 B, 10 पृष्ठों का फॉर्म 10 BB तथा आईटीआर 7 बहुत लेंदी तो है ही उसके साथ ही बड़ा डिफ़िकल्ट भी। पहले फॉर्म 10 B सिर्फ 2 पृष्ठ का तथा बड़ा आसान होता था। सदस्य इन दोनों फॉर्म्स की बारीकियों को समझ सकें इस हेतु इस सेमिनार का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता सीए भगवान अग्रवाल ने कहा कि किसी संस्था या ट्रस्टजो कि धारा 12-A या 10(23C) में रजिस्टर्ड है को निम्न शर्तें दशाओं में फॉर्म 10B में ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करना आवश्यक है :
1) कुल इनकम वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ या अधिक हो,
2) फॉरेन कंट्रीब्यूशन प्राप्त किया है तो भी फॉरेन कंट्रीब्यूशन की दशा में फॉर्म 10B दाखिल करना होगा,
3) देश के बाहर अपनी आय का कुछ भी हिस्सा उपयोग किया हो।
उन्होने कहा कि इन फॉर्म्स को 31 अक्टूबर के पहले आयकर पोर्टल पर अपलोड करना आवश्यक है। सीए अग्रवाल ने कहा कि करदाता निम्न जानकारियां देना आवश्यक है: -
1) संस्था की मुख्य व्यावसायिक गतिविधियाँ,
2) ट्रस्ट के उद्देश्य को पूरा करने के लिए वर्ष के दौरान कुल राजस्व और खर्च की गई राशि,
3) यदि आय का उपयोग ट्रस्ट के उद्देश्य के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है, तो ऐसे उपयोग का विवरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
4) संस्था द्वारा एकत्रित आय का विवरण जो कुल आय का 15% से अधिक हो।
5) संगठन का लाभ भंडार कुल आय का अधिकतम 15% होना चाहिए। दूसरे शब्दों में, धर्मार्थ ट्रस्टों या संस्थानों को ट्रस्ट की गतिविधियों पर अपनी कुल आय का 85% से कम खर्च नहीं करना चाहिए।
6) फंड या अन्य परिसंपत्तियों में किसी भी निवेश का विवरण
7) संगठन के आय एवं व्यय खाते का विवरण
8) अन्य ट्रस्टों को दान/हस्तांतरण का विवरण।
9) पिछले वर्ष में प्राप्त स्वैच्छिक योगदान
10) पिछले वर्ष में किया गया कोई भी गुमनाम दान।
सीए भगवान अग्रवाल ने आगे कहा कि ये ऑडिट रिपोर्ट्स डिफिकलट्स तो हैं ही, साथ ही इन्हे उचित सावधानी के साथ भरा जाना चाहिए। जरा सी लापरवाही से आयकर नोटिस का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि आयकर विभाग के इस कदम से फर्जी संस्थाएं जो कि गलत छूट का दावा कर टैक्स इवेजन कर रहीं थीं उन पर रोक लगेगी। इसके साथ ही संस्थाओं को अपने बुक्स ऑफ एकाउंट्स एवं अन्य रिकार्ड्स पूरी सावधानी से मेंटेन करना आवश्यक हैं।
धन्यवाद् अभिभाषण नीलेंदु दवे ने दिया। इस अवसर पर सीए शैलेंद्र पोरवाल, सीए राकेश भावसार, सीए अभिषेक गांग, सीए अविनाश खंडेलवाल, सीए उमेश गोयल सहित बड़ी संख्या में सदस्य उपस्थित थे।
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