जीएसटी के अंतर्गत कर ब्याज एवं पेनल्टी के संबंध विवादों के निराकरण के लिए अपीलेट ट्रिब्यूनल का गठन हो चुका है और इसके लिए अपील दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर 2025 से प्रारंभ हो चुकी है। किसी भी प्रकरण में अपील दाखिल करते समय क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी और इस संबंध में क्या सावधानी रखना चाहिये इसके लिए टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन इंदौर एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की इंदौर शाखा द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
एडवोकेट आशीष गोयल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जीएसटी में किसी भी प्रथम अपील या रिवीजन ऑर्डर से असंतुष्ट होने पर करदाता को ट्रिब्यूनल में अपील दाखिल करने का अधिकार है। ट्रिब्यूनल में अपील से संबंधित प्रावधान धारा 112 में दिए गए हैं। सभी अपील ऑनलाइन फाइल होगी। सरकार द्वारा इसके लिए अलग से एक पोर्टल बनाया गया है जिस पर अपील दाखिल की जा सकती है। अपील की संख्या को देखते हुए इसे विभिन्न चरणों में दाखिल करने की व्यवस्था की गई है ताकि पोर्टल सुचारू रूप से कार्य करता रहे। उन्होंने कहा कि जिस आदेश के विरुद्ध अपील दाखिल की जा रही है वह इंग्लिश में नहीं होने पर इसका इंग्लिश में अनुवाद करके अपील के साथ संलग्न करना होगा। उन्होंने अपील दाखिल करते समय किन बातों का समावेश करना चाहिए इस सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की।
सी ए कृष्ण गर्ग ने कहा कि भोपाल में जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल की स्थापना का कार्य प्रारंभ हो चुका है। अपील दाखिल करते समय करदाता द्वारा पूर्व में प्रथम अपील दाखिल करते समय जमा की गई 10% की राशि के अलावा 10% अतिरिक्त कर का भुगतान प्री डिपॉजिट के रूप में करना होगा जो की अधिकतम 20 करोड रुपए हो सकती है। इसके अलावा अपील दाखिल करने की फीस का भी भुगतान करना होगा जो अधिकतम 25000 रुपए है। एक बार अपील दाखिल करने के पश्चात कर डाटा के विरुद्ध विभाग रिकवरी की कार्यवाही नहीं कर सकता है।
सीए सुनील पी जैन ने बताया कि वैसे तो अपील दाखिल करने की समयसीमा करदाता के लिए 3 माह तथा विभाग के लिए 6 माह है । परंतु ट्रिब्यूनल के देरी से गठन होने के चलते सरकार ने दोनों के लिए ही 31 मार्च 26 तक के आदेश के संबंध में अपील की समय सीमा 30 जून 26 निर्धारित की है। सरकार ने अपील फाइल करने के लिए विस्तृत गाइडलाइन तथा ट्यूटोरियल वीडियो भी पोर्टल पर प्रदर्शित किए हैं। ट्रिब्यूनल की कार्यपद्धति को लेकर एक विस्तृत नियमावली भी जारी की है जिसके तहत अधिकृत प्रतिनिधि के ड्रेस कोड की भी चर्चा है।
टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष का सीए जे पी सर्राफ ने कर दाता एवं कर सलाहकारों को जीएसटी पोर्टल की बारीकी को समझ कर अपील दाखिल करने का सुझाव दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि कर सलाहकार को भी अपील फाइल करने के लिए GSTAT पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
कार्यक्रम में नवीन खंडेलवाल, पंकज सेठी, अरविंद चावला, पलजेश असावा, निखिल जैन, रजनीकांत नीना, सतीश चंद बंसल एवं बड़ी संख्या में कर सलाहकार उपस्थित थे। धन्यवाद प्रस्ताव उमेश गोयल ने दिया।
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