सईद नादां, रायसेन
जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर बेगमगंज तहसील के ग्राम सुनेटी में एक वीरबधू के द्वारा अपने शहीद पति सहित देश के सभी शहीद सपूतों की स्मृति में श्रीमद्भागवत कथा एवं भंडारे का आयोजन आज 15 जुलाई से प्रारंभ किया गया है। जिसकी सभी प्रशंसा कर रहे हैं।
बेगमगंज के इतिहास में पहली बार किसी वीर बधू को अपने पति की शहादत सहित देश के अन्य वीर सपूतों की शहादत पर श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन करते देखा जा रहा है।
शहीद रामस्वरूप शर्मा 5 वीं बटालियन जे एंड के राइफल्स ईएमई में पदस्थ थे और दिनांक -22 जुलाई 1997 को नागालैंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में नक्सलियों से मुड़भेड़ में उनका बलिदान हो गया था। वीरगति के बाद उन्हें विभिन्न सम्मान से सम्मानित किया गया था।
कार्यक्रम में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए मुख्य अतिथि के रूप में रिटायर्ड कर्नल श्री खत्री , विशेष अतिथि कैप्टन श्री राय व वीर नारी सविता देवी शर्मा एवं अतिथियों में सूबेदार सहित रिटायर्ड ईएमई सैनिक मौजूद रहे।
श्रीमद्भागवत कथा ग्राम सुनेटी में वीर सपूत शहीद रामस्वरूप शर्मा की प्रतिमा के अनावरण के साथ आज से मंगल कलश यात्रा के बाद श्रीरामजानकी मंदिर परिसर में प्रसिद्ध कथावाचक श्री पंडित देवकीनंदन शास्त्री जी के मुखारबिंद से प्रारंभ हो गई है। जिसकी पूर्णाहुति 21 जुलाई एवं महाप्रसादी 22 जुलाई को रखी गई है।
अपने शहीद पति सहित देश के सभी वीर सपूतों के लिए विशेष कथा का आयोजन करने वाली शहीद रामस्वरूप शर्मा की धर्मपत्नी मुख्य यजमान वीरबधू श्रीमती सविता शर्मा ने मार्मिक आमंत्रण पत्र में न्योता दिया है कि प्रिय देशवासियों भारतीय सेना के जवानों के साहस , समर्पण ओर बलिदान को समर्पित एवं हमारे पित्र मोक्ष के लिए संगीतमय श्रीमद्भागवत का एक विन्रम प्रयास उनकी अमर प्रेणना को जीवित रखने का , सात दिवसीय महापुरुषों का दुर्लभ समागम होगा।
यदि आपकी व्यस्तता भरी जिंदगी में एक दिन का अवकाश ना भी हो तो देश के अमर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पण करने के साथ जहां का एक क्षण भी आपकी जिंदगी का चिरस्मरण होगा , तो आवश्यकरूप से पधार कर देश के अमर शहीदों को समर्पित श्रीमद्भागवत कथा के सहभागी बने।
इसके लिए शहीद रामस्वरूप शर्मा के तीनों बच्चों शिल्पा शर्मा , शिखा शर्मा एवं पुत्र भारत रामस्वरूप शर्मा ने भी अलग से एक निवेदन अपील जारी की है । जिससे सुनेटी गांव में आज सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे हैं।
फोटो - अमर शहीद रामस्वरूप शर्मा ।
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