क्या मेनका गांधी कहती है कि कुत्ते हमारे बच्चों को काटे? हम कुत्तों के दुश्मन नहीं लेकिन इनसे बचाव भी जरूरी! आवारा कुत्तों से परेशान शहर के बुद्धिजीवी हुए एकजुट


इंदौर । शहर में आवारा कुत्तों द्वारा राजगीरों को काटने की घटनाएं दोनों दिन बढ़ती जा रही है । आवारा कुत्तों को लेकर शहर के बुद्धिजीवी लोग आज नेहरू पार्क में एकजुट हुए । यहां स्वान प्रेमी भी मौजूद थे । यहां अधिकांश लोग कुत्तों के काटने से पीड़ित थे या उनके परिजन आवारा कुत्तों के शिकार बन चुके थे।  

उन्होंने एकजुट होकर यही कहा कि हम कुत्तों के दुश्मन नहीं है । हम भी जानते हैं कि बे बेजुवान जानवर है। उन्हें भी धरती पर रहने का हक है लेकिन उनके काटने से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं और कई लोगों की जान भी जा चुके हैं। कुछे लोगंों ने मेनका गांधी का हवाला दिया कि कुत्तों को मारा नहीं जा सकता है। इस बात पर कुत्ता पीड़ित पक्ष का यहीं कहना था कि क्या मेनका गांधी कहती है कि कुत्ते हमारे बच्चों पर हमला करे तो हम देखते रहे। यह किसी एक की समस्या नहीं है इससे निजाद जरुरी हैै। 

 हम लोग सफाई में सात बार पहली नम्बर पर है । शहर से गाये गायब हो गई लेकिन शहर अवरा कुत्तों से कब मुक्त होगा। हम लोग तमाम टैक्स देने के बाद भी इस समस्या से परेशान हो रहै । जिस तरह गयों को लिए गौशाला बनी है उसी तरह अवारा कुत्तोंं के लिए भी शेल्टर होम बनना चाहिए। 

कुछ श्वान प्रेमियों ने अपने तर्क भी रखे कि वे भूखे होते है हमें उनकी मदद करना चाहिए । इस पर अवारा कुत्तों से पीडित लोंगों ने भी इस बात का समर्थन किया कि हम मदद करते है हम कु्त्तों के दुश्मन नहीं है, जिस तरह से इनके काटने की घटनाएं बढ़ रही है उसकों लेकर उन्हें अलग से रखने की व्यवस्था करनी चाहिए। 

पालतु कुत्तों को लेकर भी समस्याएं समाने आई जिसमें पीडितों ने बाताया कि ये पशु प्रेंमी दूसरों के घरों के सामने गंदगी कराते है और मना करने पर यह लोग विरोध तथा मारपीट पर भी उतारु हो जाते है। इन सभी मुद्दों पर चर्चा करने के बाद पीड़ितों ने महापौर व कलेक्टर को अवगत कराने साथ ही जनप्रतिनिधियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। 


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