विश्व के पर्यटन स्थल मांडू में बुधवार को प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया। जिसका असर ऐतिहासिक स्मारक पर भी हुआ। यहां की ऐतिहासिक स्मारक जामी मस्जिद की गुंबद पर आकाशीय बिजली गिरने से भवन के उपरी हिस्से पर बने त्रिशूल और कलश क्षतिग्रस्त हो गए। घटना से इलाके में दहशत और अफरातफरी का माहौल है। इसके पहले भी ऐतिहासिक महलों में बिजली गिरने की घटना हो चुकी है।
शाम 4.30 बजे अचानक मौसम का मिजाज बदला बादलों की गर्जन और बिजली चमकते हुए तेज बारिश होने लगी । उसी दौरान तेज गर्जना के साथ जामा मस्जिद के गुंबद पर बिजली गिरी बिजली गिरने से गुंबद क्षतिग्रस्त हो गया और गुंबद के अंदर भी पत्थर गिरे पड़े दिखाई दिए। उसी दौरान कुछ महिलाएं और सफाई कर्मी उसी महलनुमा भवन में मौजूद थे । पत्थरों के गिरने के कारण वहां उपस्थित मुकेश पिता बद्री गंभीर घायल हो गए । इधर जानकारी लगते ही केंद्रीय पुरातत्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घायल को प्राथमिक उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा क्योंकि मुकेश को सिर में चोट आई थी।
ऊपरी हिस्से से महल परिसर में गिरे कई वजनी पत्थर
घटना अचानक होने से हर कोई हतप्रभ रह गया। ऊपरी भाग में आकाशीय बिजली गिरने से लगभग 1 से 2 किलो के 15 से 20 पत्थर गिर गए और ऐतिहासिक स्मारक के चारों ओर फैल गए। घटना के बाद केंद्रीय पुरातत्व विभाग के स्थानीय उप मंडल के प्रभारी संरक्षण सहायक उमेश शर्मा दल के साथ जामा मस्जिद परिसर में पहुंचे। उन्होन पाया कि स्मारक के ऊपरी हिस्से पर बिजली गिरी है। वह तो गनीमत समझो कि तडि़त चालक लगा होने के कारण बिजली गिरने का असर कम हुआ है। ऊपर बने त्रिशूल और कलश क्षतिग्रस्त हो गए। शर्मा ने बताया कि हमने परिसर से सभी पत्थरों कइकट्ठा कर लिया है और घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी है ।
"हमारी तो जान ही निकल गई", कहा एक पर्यटक ने: ~
बारिश से बचने के लिए हम महलनुमा जामा मस्जिद में आकर रुके, उसी दौरान इतनी तेज बादलों की गडग़ड़ाहट के जैसे बादल फट गए हो। कुछ पल के लिए हम सहम गए थे, हमारी तो मानो जान ही निकल गई थी। कुछ देर बाद पता चला की बिजली गिरी है। हमें कुछ नहीं हुआ पर हमारे नजदीक ही खड़े मुकेश के उपर भवन से टूटकर पत्थर गिरे जिससे वे अचानक गिर पड़े और घायल हो गए । ---- मधुबाला बलवंत (प्रत्यक्षदर्शी)
गुंबद के अंदर भी गिरे लाल पत्थर
प्रसिद्ध जामी मस्जिद पर बिजली गिरने से गुंबद पर स्थित संगमरमर का कलश चकनाचूर हो गया तथा त्रिशूल भी क्षतिग्रस्त हो गया है।बिजली के तीव्रता इतनी अधिक थी की गुंबद के अंदर लगाए गए लाल पत्थर भी गिर कर बिखर गए । गुंबद के अंदर तीन.चार स्थानों से पत्थर नीचे गिरे है ।
तडि़त चालक लगे होने से कम हुआ नुकसान
आकाशीय आपदा से बचने के लिए विभाग द्वारासभी ऐतिहासिक महलों पर तडि़त चालक यंत्र लगाए गए हैं । जिस गुंबद पर बिजली गिरी, वहां भी तडि़त चालक लगा हुआ था । तडि़त चालक लगे होने से बिजली गिरने का असर जामा मस्जिद के ऊपरी हिस्से और अंदर कुछ असर हो पाया है। अगर महल पर तडि़त चालक नहीं होता तो शायद बड़ा हादसा हो सकता था।
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