कोरोनाकाल की पत्रकारिता पर एक दिवसीय व्याख्यान, मीडिया ने आम जन और शासन के बीच माध्यम की भूमिका निभाई

 इंदौर। कर्मसाक्षी मासिक पत्रिका के 10 साल पुरे होने के अवसर पर कोरोनाकाल की पत्रकारिता विषय पर जाल साभागार में परिसंवाद का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भोपाल से बंसल न्यूज चैनल के हेड शरद द्विवेदी , रोजगार निर्माण समाचार पत्र के सम्पादक और माखनलाल चतुवेर्दी विश्वविद्यालय के पत्रकारिता संकाय के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर पुष्पेन्द्रपाल सिंह, पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र, दैनिक दोपहर अखबार के सम्पादक नवनीत शुक्ला,पंडित योगेश महंत, दादू महाराज, स्टेट प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवीण खारीवाला तथा खनिज विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविंद मालू सहित कई गणमान्य जन उपस्थित थे। 

इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए पुलिस कमिश्नर हरीनारायण चारी मिश्रा ने कहा कि जिस तत्परता से पत्रकारों ने कोरोनाकाल में पत्रकारिता की वह काबिले तारिफ है। उन्होंने कहा जब पूरी दुनिया, देशा बंद थे तब जनता और प्रशासन की बीचा संवाद का माध्यम पत्रकारिता थी. उसने बखूबी अपने दायित्वों का निर्वाहन किया। 

प्रोफेसर पुष्पेन्द्र पाल सिन्हा ने कहा कि इस बीमारी से बचाव के लिए सोश्ल डिस्टेंट की बात की जा रही थी, तब पत्रकार साथियो ने अस्पतालों में क्वारंटाइन सेंटरों वा आम जनता के नजदीक जा कर संवाद कायम किया और उनकी दिक्कतों, तकलीफों को शासन वा प्रशासन के पास तक पहुंचाया.एक प्रेरक की भूमिका में मीडिया रहा। इस दौरान कुछ भ्रामक खबरे भी सामने आयी। 

बंसल न्यूज के चैनल हेड शरद द्विवेदी ने कहा कि हम सब एक भयावह स्थिति से बाहर आ गए,जो बच गए ,वे सबसे अधिक भाग्यशाली है. वही संत दादू महाराज ने कहा कि अगर मीडिया न होता तो स्थिति बहुत बुरी होती, इसके लिए मीडिया संस्थानों को साधुवाद। अतिथियों ने इस अवसर पर कर्म साक्षी पत्रिका के साप्ताहिक अंक का विमोचन भी किया। इस गरिमामय समारोह में 25 से अधिक मीडियाकर्मियों,डॉक्टर्स,समाजसेवियों को कर्मसाक्षी सम्मान से नवाजा गया। अतिथियों का स्वागत कर्मसाक्षी पात्रिका की प्रधान संपादक श्रीमती सरिता शर्मा संपादक, मुकेश शर्मा,पुरवा जोशी और झरना शर्मा ने किया। संचालन वरिष्ठ पत्रकार रजनी खेतान तथा आलोक बाजपेयी ने किया। 



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