सावधान रहिए कोरोना से भी और दलाल टूल किट पत्रकार गिरोह से भी

सावधान-देश में एक नई ToolKit काम कर रही है Corona Pandemic के बहाने देश में गृह युद्ध भड़काने की कोशिश हो रही है, एक ट्वीट को बार-बार अलग-अलग हेंडल से फैलाया जा रहा है ताकि देश में असंतोष भड़के और हिंसा फैले, काले अंग्रेज बहुत चतुराई से फिर से देश तोड़ने की साज़िश कर रहे हैं.

जिन कारणों की बात होनी चाहिए उनको ऑक्सीजन की कमी, चुनावों की रैली, कुंभ स्नान, वैक्सीन की आवक कम बता कर, उसकी आड़ में छुपा दिया गया है । और, विपक्ष के सरकार विरोध मीडिया ने ऐसा माहौल बना दिया हैं कि लोगो का इन पर बातो से ध्यान ही हट गया है ।


*टूल किट और उसके किरदार*


पिछले एक हफ्ते से पहले जब बंगाल की लगातार कवरेज हो रही थी, तो हर चरण खत्म होने के साथ विपक्ष का आखिरी तुरुप का पत्ता ममता बानो की हर साज़िश बेनकाब होती गई, टीएमसी के इलाकों में आम जनता का रक्तपात होना, ममता के लगातार फोन लीक होना, रवीश कुमार जैसे मीडिया के मुख्य दलाल पत्रकार तक की फोन लीक हो गई, जिस से ये पता चल गया की कौन कौन से पत्रकार इसके गिरोह में शामिल है,और क्योंकि ये मुख्य सरगना था, तो ये बिलबिला गया ।


*#टूल_किट के किरदार नंबर दो*


#महाराष्ट्र सरकार ने अचानक केंद्र सरकार पर #ऑक्सीजन, और दवा देने में भेदभाव का आरोप लगा कर विक्टिम कार्ड खेलना शुरू कर दिया,

और ये रवीश गैंग के फोन लीक के तुरंत बाद में शुरू हुआ, जब अधिकतर पत्रकार दिन रात बंगाल को कवर कर रहे थे, और इस सनसनी की वजह से "2 मई, ममता गई" से मुद्दा बदलकर कोरोना का कहर, दूसरी लहर की तरफ हो गया,

जबकि पूरे देश में चर्चा बंगाल में बीजेपी की बढ़ती लोकप्रियता की हो रही थी,

उद्धव ने अचानक #ब्रेक_द_चेन  का ऐलान कर दिया और बिहार व उत्तर प्रदेश के गरीब परिवारों का पलायन अपने अपने राज्यों की ओर हो गया, 

उसी कड़ी में जानबूझ कर महाराष्ट्र के कई टर्मिनल भारी भीड़ के साथ दिखा कर देश में मजदूरों का पलायन वायरल किया गया,

खेल शुरू हो चुका था, जिस महाराष्ट्र में रोज़ एनआईए, सीबीआई जा कर वसूली गैंग को उठा रही थी, उसी महाराष्ट्र में अचानक लाशे उठने की खबरों ने देश को दहला दिया ।


*टूल किट के किरदार नंबर तीन ।*


दिल्ली का विज्ञापन किंग, जिसको हाई कोर्ट से लताड़ पड़ चुकी कि दिल्ली के कर्मचारियों की तनख्वाह के पैसे नहीं, तो विज्ञापन भी बंद करो जिनपर लगभग 830 करोड़ रुपए उड़ा दिए गए, वो रोज हर ब्रेक में आ आकर दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं के कसीदे पढ़ रहा था, कि दिल्ली सरकार ने एप बना लिया हैं, हर अस्पताल में बेड की व्यवस्था है, 5000 बेड खाली पड़े हैं ।


अचानक दिल्ली में खराब हालत की लगातार खबरे वायरल होती हैं और दो दिन बाद ही केजरीवाल कहता है की दिल्ली में बहुत बुरी हालत होने वाली है और अब हमारे पास बेड नही है ।


इस खबर को मरीजों की भीड़ दिखा दिखा कर पूरे देश को आतंकित किया जाता है 

साथ ही बड़ी धूर्तता से केजरीवाल कहता है कि अब हमे दिल्ली में लॉकडाउन लगाना पड़ेगा, और मजदूर भाई दिल्ली छोड़कर जाए नहीं, पिछली बार दिल्ली की हर एक कॉलोनी में आप पार्टी के लोगों ने रातों को अनाउंसमेंट कर कर के यूपी, बिहार, और राजस्थान के लोगों को डराकर अपने राज्य भागने पर मजबूर किया था, केजरीवाल की धूर्तता काम आई, आज दोपहर को उसकी कॉन्फ्रेंस के बाद से ही मजदूरों का पलायन शुरू हो गया ।


याद कीजिए मोदी जी ने पिछली बार बिना कोई मौका दिए सभी से विनती की थी कि जो जहां है वो वहीं रहे । लेकिन, दिल्ली और महाराष्ट्र की सरकारों ने लगातार अफवाह फैला कर लोगों में दहशत भर दी, कि वो फिर से अपने राज्य जा रहे हैं अब अगर हर राज्य में संक्रमण महामारी फैला देता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा ।


*टूल किट का अगला एजेंडा ।*


आज देश में संक्रमण और मौतों के आंकड़े में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है 

केरल दूसरे, आंध्र तीसरे, कर्नाटक चौथे, तमिलनाडु पांचवे, दिल्ली छठे, और उत्तर प्रदेश सातवें नंबर पर है ।


उसके बावजूद मीडिया में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अस्पतालों और शमशानों की खबरें लगातार चलाई जा रही हैं ।


उत्तराखंड के कुंभ की चर्चा जोर शोर से हो रही है, जबकि उत्तराखंड में मात्र 1453 लोग संक्रमित हुवे है जबकि महाराष्ट्र का आंकड़ा 62000 से ऊपर चला गया और दिल्ली 24000 से ऊपर है 

देश में सभी लोग न्यूज में दिखाए आंकड़े भी देखती है इन सभी खबरों को इस तरह वायरल किया जा रहा है कि जैसे अब कोई नही बचेगा ।


*कुंभ को मध्यान्ह में ही रोक दिया गया  देश के 100 से ज्यादा अस्पतालों में पीएम केयर फंड की ओर से ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे उत्तर प्रदेश में 10 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाएगा डीआरडीओ*


बंगाल में सभी पार्टियां रैली कर रही थी 

दीदी और उसके गुंडों ने लोगों को डरा, धमका कर, हत्या कर, अराजकता फैला रखी थी लेकिन रवीश जैसे दलाल चर्चा करते हैं कि बंगाल की जनता मोदी से नाराज़ क्यों नही है ?


जिस दिन से रवीश का टेप बाहर आया है और साथ ही बाकी बिकाऊ पत्रकारों का झुंड भी उसमे दिखाई दे गया 

उस दिन से लगातार उत्तर प्रदेश और शमशानो की बात हो रही है,

अभी कल ही रवीश प्रयागराज का मजाक उड़ा रहा था और लखनऊ को लाशनऊ बता रहा था ।

क्या महाराष्ट्र को, महालाष्ट्र कह सकता है, जबकि मौत वहां पिछली बार भी सबसे अधिक थी और अभी भी सबसे अधिक हैं

जिस दिन से सचिन वाज़े ने महाराष्ट्र सरकार की 100 करोड़ की वसूली उजागर की थी, और साथ ही परमवीर ने भी भांडा फोड़ दिया था, उस दिन के बाद रवीश लगातार कई दिन प्राइम टाइम से गायब रहा और तीरथ सिंह के फटी जींस वाले बयान के दिन प्रकट हुआ 

महाराष्ट्र पर प्राइम टाइम करने से तो मालकिन नाराज हो जायेगी न।


*इस टूल किट के हर कदम पर नजर रखिए, बंगाल में बीजेपी की बढ़त से इनको दिक्कत है, विश्व में मोदी के दवा वितरण से इनको दिक्कत है, उत्तर प्रदेश के योगी को हार्वर्ड और WHO द्वारा प्रशंसा मिलने से इनको दिक्कत है, कुंभ से इनको दिक्कत है जबकि देश की हर मस्जिद में हो रही इफ्तार की भीड़ से इनको कोई दिक्कत नही है, उत्तर प्रदेश का घेराव अभी से 2022 के लिए शुरू है  जबकि राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र में हालत इनको नहीं दिखती ।*



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