ओकारेश्वर ( ललित दुबे ) ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर ममलेश्वर के मध्य स्थित गोमुख घाट की दशा दुर्दशा को व्यवस्थित कर टीन सेट लगाकर दशाकर्म के लिए व्यवस्था दिए जाने की गुहार दशा कर्म करने वाले पंडितों ने शासन प्रशासन से लगाकर व्यवस्था में सुधार करने की मांग की। नर्मदा के तट दशाकर्म के लिए पितरों की शांति के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त ओकारेश्वर आ रहे हैं शास्त्रों में वर्णित है कि नर्मदा के दर्शन मात्र से जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं वहां पहुंचकर मृत आत्मा की शांति के लिए दशाकर्म एवं पिंडदान अस्थि विसर्जन किए जाने से मृत आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है इसीलिए ओकारेश्वर के अति प्राचीन गोमुख घाट पर दूर-दूर से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में दशा कर्म करने के लिए श्रद्धालुओं का आगमन होता है किंतु नगर परिषद की लापरवाही के चलते घाट अव्यवस्थित होकर गंदगी का साम्राज्य बना है ओकारेश्वर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मूलभूत सुविधाओं का अभाव है घाट के पेशाब घर में होने से संपूर्ण घाट पर इधर उधर शौच करते श्रद्धालु नगरवासी देखे जा सकते हैं नगर में गंदगी फैल रही है तो वही अव्यवस्था देख तीर्थ की छवि खराब हो रही है। दशा कर्म करने वाले पंडित अश्विन केल्हारकर ने मीडिया के माध्यम से स्थानीय एवं जिला प्रशासन से घाट को सुव्यवस्थित कर टीन शेड बनाकर एक स्थान चयन कर कर्म करने की अनुमति एवं गंदगी फैलाने वालों के विरुद्ध जुर्माना कर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है जिसे तीर्थ में आने वाले श्रद्धालुओं को लगे कि नगर परिषद द्वारा व्यवस्था कर कुशल प्रशासन का परिचय दिया है
क्या कहते है जिम्मेदार__ __ आपके द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी दी है किस घाट का मामला है क्या व्यवस्था हो सकती है अगर अव्यवस्था फैल रही है तो अवलोकन कर शीघ्र व्यवस्थाओं में सुधार किया जाएगा। श्रीमती मोनिका पारधी मुख्य कार्यपालन अधिकारी नगर परिषद ओंकारेश्वर
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