1 माह से अंधेरे में डूबी है ओंकारेश्वर तीर्थ नगरी, जिम्मेदार है खामोश

विद्युत विभाग नगर परिषद में तालमेल के अभाव में कार्तिक माह में 1 सप्ताह से अंधेरे में डूबी तीर्थ नगरी जिम्मेदार खामोश। ओकारेश्वर ( ललित दुबे ) तीर्थ नगरी ओकारेश्वर डूबी अंधेरे में मांधाता विधानसभा उपचुनाव के बाद चुनिंदा जनप्रतिनिधि भी जनहित की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहे लोगों का कहना है चुनाव के दौरान गली गली मोहल्ले मोहल्ले वोट के लिए दौड़ने वाले दोनों दलों के नेता भूमिगत हो गए हैं तीर्थ नगरी ओकारेश्वर में कार्तिक मेले पर प्रतिबंध जरूर लगा दिया किंतु पंचकोशी यात्रा में आस्था रखने वाले आसपास क्षेत्र के लोग सोशल डिस्टेंस एवं कोविड-19 के तहत ओकारेश्वर जरूर पहुंच रहे हैं पिछले 1 सप्ताह से मध्य प्रदेश विद्युत विभाग द्वारा नगर परिषद ओकारेश्वर में लाखों के बकाया बिल के चलते नगर के प्रमुख मार्ग एवं अनेक स्थानों की स्ट्रीट लाइट कनेक्शन एक सप्ताह से बंद करने से अंधेरे में डूब गई धार्मिक नगरी जिससे असामाजिक तत्वों एवं उठाई गिरोह का खतरा भी बढ़ने लगा है 1 सप्ताह से अंधेरे में दुबे तीर्थ नगरी ओकारेश्वर के बावजूद भी ओकारेश्वर के जनप्रतिनिधि कुंभकरर्णि नींद्रा में सोए हुए हैं जिसका खामियाजा तीर्थयात्री व नगर वासियों को भुगतना पड़ रहा है ओकारेश्वर प्रवेश करते ही ऐसा प्रतीत होता है जैसे किसी ग्रामीण क्षेत्र में ओकारेश्वर पहुंच चुके हैं मध्य प्रदेश विद्युत विभाग एवं नगर परिषद में आपस में तालमेल के अभाव में जनता को मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ने लगा है इस संबंध में जब नगर परिषद के जिम्मेदारों से बात की जाती है तो एक दूसरे पर पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं नगर परिषद मुख्य कार्यपालन अधिकारी वितिय व्यवस्था का बहाना बनाकर हाथ ऊंचे कर रहे हैं तो वही नगर परिषद अध्यक्ष केवल आश्वासन देकर तीर्थयात्री एवं नगर वासियों को भ्रमित कर रहे हैं अब देखना यह है कि शासन-प्रशासन तीर्थ नगरी ओकारेश्वर की स्ट्रीट लाइट व प्रमुख मार्गों की बंद हुई लाइट कितने दिनों में चालू करा कर अंधेरे से निजात दिला पाते हैं उल्लेखनीय है कि ओकारेश्वर में एन केन प्रकारेण तरीके से वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर पुनः वापस आए मध्य प्रदेश विद्युत विभाग के कुछ कर्मचारियों की मनमानी चरम सीमा पर पहुंच गई है घरेलू उपभोक्ताओं को भी अभद्र व्यवहार के साथ पूर्ण टूटी फूटी सेवाएं दे दे पा रहे हैं जैसे तीर्थ नगरी ओकारेश्वर की छवि धूमिल हो रही है



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