जानकारी के मुताबिक पायलेट प्रोजेक्ट के तहत यह स्कीम पहले पांच जिलों में चलाई जाएगी. भोपाल, इंदौर, छिंदवाड़ा, सतना और रीवा में बेहतर परिणाम आने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा.
शुक्रवार को जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि सभी निजी अस्पतालों में हादसे में घायल लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी. ऐसे मामलों में इलाज का खर्च राज्य सरकार उठाएगी. योजना तैयार कर ली गई है और जल्द इसका फायदा आम लोगों को मिलने लगेगा. बता दें कि अब तक सड़क हादसों के घायलों को सरकारी अस्पतालों में निशुल्क इलाज की सुविधा दी जाती थी.
जानकारी के मुताबिक पायलेट प्रोजेक्ट के तहत यह स्कीम पहले पांच जिलों में चलाई जाएगी. भोपाल, इंदौर, छिंदवाड़ा, सतना और रीवा में बेहतर परिणाम आने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा.
रोड एक्सिडेंट इंश्योरेंस करने वाली कंपनी का चयन तीन वर्ष के लिए किया जाएगा. इसके बाद मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन दोबारा टेंडर जारी करेगा, टेंडर में न्यूनतम प्रीमियम लेने वाली कंपनी का चयन किया जाएगा. एमपीआरडीसी मुफ्त इलाज के लिए जिन अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन करेगा उसकी सूची इंश्योरेंस कंपनी को भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे कंपनी को घायलों के सर्वे और सत्यापन में किसी तरह की दिक्कत न हो.
जिन अस्पतालों को इस स्कीम के तहत लाया जाएगा. उनके पास आधार का एक सर्वर होगा. जैसे ही किसी गंभीर घायल को अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा वैसे ही उसके थंब इंप्रेशन के माध्यम से उसका पूरा रिकार्ड का पता चल जाएगा. इसी आधार नम्बर के जरिए घायलों का अस्पताल में रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. रजिस्ट्रेशन के बाद सरकार को यह भी पता चल जाएगा कि घायल आयुष्मान भारत योजना स्कीम में है या नहीं.
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