मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने गुलशन कुमार हत्याकांड को लेकर कुछ सनसनीखेज खुलासे किए हैं. राकेश मारिया ने अपनी किताब 'लेट मी से इट नाउ' में लिखा है कि क्राइम ब्रांच को पहले से ही गुलशन कुमार के हत्या के प्लान की जानकारी थी.
राकेश मारिया ने अपनी किताब में लिखा है कि 22 अप्रैल 1997 को उनके पास एक खबरी का फोन आया. उस खबरी ने उन्हें बताया कि गुलशन कुमार की हत्या का प्लान बनाया गया है. ये पूछने पर कि इसके पीछे कौन है, खबरी ने बताया- अबू सलेम. खबरी ने बताया था कि शिव मंदिर जाते वक्त उनकी हत्या का प्लान बनाया गया है. गुलशन कुमार हर रोज शिव मंदिर जाकर पूजा अर्चना करते थे. राकेश मारिया के इस दावे के बाद गुलशन कुमार हत्याकांड की यादें फिर से ताजा हो गई हैं.
फर्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी और दर्दनाक अंत
कैसेट किंग के नाम से मशहूर टी सीरीज कंपनी के मालिक गुलशन कुमार की कहानी फिल्मी पटकथा से कम नहीं है. गुलशन कुमार का संगीत या बिजनेस से कोई सरोकार नहीं था. एक वक्त ऐसा था, जब वो अपने पिता के साथ दिल्ली के दरियागंज में जूस की दुकान चलाते थे. उनकी किस्मत ने जबरदस्त पलटी खाई. वो जूस मेकर से कैसेट किंग बन गए. 80 के दशक में उन्होंने टी सीरीज की स्थापना की और 90 के दशक तक वो कैसेट किंग के नाम से मशहूर हो चुके थे. टी सीरीज करोड़ों की कंपनी बन चुकी थी.
वैष्णोदेवी के भक्त की मंदिर के बाहर हुई हत्या
गुलशन कुमार वैष्णो देवी के भक्त थे. वैष्णो देवी में उनकी गहरी आस्था थी. उन्होंने वैष्णों देवी में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए काफी सारे काम करवाए. इसके अलावा वो हर रोज पश्चिमी मुंबई के अंधेरी इलाके में जीतनगर के जीतेश्वर महादेव मंदिर जाया करते थे. 12 अगस्त 1997 को सुबह करीब आठ बजे गुलशन कुमार पूजा करने मंदिर पहुंचे थे.मौत से पहले गुलशन कुमार ने सुबह सात बजे एक प्रोड्यूसर को फोन किया था. उन्होंने कहा था कि एक सिंगर और फिर एक दोस्त से मिलने के बाद वो मंदिर जाएंगे. इसके बाद वो उनसे मिलने आएंगे. गुलशन कुमार के इस कॉल के 3 घंटे बाद खबर आई कि जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई है. उनकी हत्या की खबर फैलते ही पूरे बॉलीवुड में सनसनी फैल गई.
गुलशन कुमार को मारी गई थीं 16 गोलियां
कैसेट किंग गुलशन कुमार को 16 गोलियां लगी थीं. करीब साढ़े दस बजे का वक्त रहा होगा. गुलशन कुमार मंदिर में पूजा करके बाहर निकल रहे थे. तभी उन्हें अपनी पीठ पर बंदूक की नाल महसूस हुई. उन्होंने सामने एक शख्स को हाथ में बंदूक लिए देखा.
गुलशन कुमार ने सामने खड़े शख्स से पूछा, 'ये क्या कर रहे हो. उसने जवाब दिया, 'बहुत पूजा कर ली. अब ऊपर जाकर करना.' इसके बाद गुलशन कुमार कुछ कह पाते उसके पहले ही उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी.
बंदूक से उन पर 16 राउंड फायरिंग की गई. उनकी गर्दन और पीठ में 16 गोलियां लगी थीं. बचने के लिए वो आसपास के घरों के दरवाजे पीटते रहे. लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला. उस वक्त गुलशन कुमार के साथ सिर्फ उनका ड्राइवर था. ड्राइवर ने अपने मालिक को बचाने के लिए हत्यारों पर कलश फेंकना शुरू कर दिया. लेकिन हत्यारे नहीं रुके वो गोलियां बरसाते रहे. उन्होंने ड्राइवर के पैर पर भी गोली चलाई, जिससे वो वहीं जख्मी हो गया.
गुलशन कुमार की हत्या में कहां चूक हुई थी
गुलशन कुमार को सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई थी. लेकिन उन्हें मुंबई पुलिस के बजाए यूपी पुलिस ने सुरक्षा मुहैया करवाई थी. जिस दिन गुलशन कुमार की हत्या हुई, उस रोज उनका बॉडीगार्ड बीमार था. इसलिए वो उनके साथ नहीं था. मारिया ने अपनी किताब में लिखा है कि क्राइम ब्रांच ने उन्हें सुरक्षा उपलब्ध करवाई थी. लेकिन जब यूपी पुलिस ने उन्हें कमांडो सिक्योरिटी उपलब्ध करवाई तो मुंबई क्राइम ब्रांच ने अपनी सुरक्षा वापस ले ली.
किसने की थी गुलशन कुमार की हत्या
गुलशन कुमार की हत्या में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और अबू सलेम का नाम लिया जाता है. कहा जाता है कि दाऊद इब्राहिम ने गुलशन कुमार से 10 करोड़ की फिरौती मांगी थी. गुलशन कुमार ने ये रकम देने से मना कर दिया था. उन्होंने कहा था कि पैसे उसे (दाऊद) देने के बजाए वो उन पैसों से वैष्णो देवी में भंडारा करवाना पसंद करेंगे. इसी के बाद उनकी हत्या कर दी गई.
जानकारी के मुताबिक अबू सलेम के कहने पर दो शार्प शूटर दाऊद मर्चेंट और विनोद जगताप ने गुलशन कुमार की हत्या की थी. 9 जनवरी 2001 को विनोद जगताप ने कुबूल किया कि उसने गुलशन कुमार को गोली मारी. जिसके बाद साल 2002 को उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. दाऊद मर्चेंट को भी इस मामले में उम्रकैद की सजा हुई.
गुलशन कुमार हत्याकांड की कई थ्योरियां
इस मामले में मुंबई पुलिस ने एक अभियुक्त नदीम को भी बनाया था. मुंबई पुलिस ने अपनी इनवेस्टीगेशन के बाद कहा था कि फिल्मी हस्तियां और माफिया के लोग गुलशन कुमार की हत्या के जिम्मेदार थे. हत्या का आरोप फिल्म संगीतकार नदीम सैफी पर भी लगा था. कहा गया कि निजी दुश्मनी की वजह से उसने दाऊद और अबू सलेम को पैसे देकर हत्या करवाई थी. हत्या के वक्त नदीम लंदन में था. केस में नाम आने के बाद वो लंदन से वापस नहीं लौटा. हालांकि बाद में पुलिस नदीम पर हत्या का आरोप साबित नहीं कर पाई.
गुलशन कुमार पर बंदूक तानकर बोला था हत्यारा- बहुत हुई पूजा, अब ऊपर जाकर करना!
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