भोपाल। तय लक्ष्य से वूसली में पीछे चल रहे आयकर विभाग ने अब सात साल पुराने मामलों में राजधानी के करीब दस हजार लोगों को नोटिस जारी किए हैं। यह नोटिस उन लोगों को भेजे गए हैं जिनके द्वारा शेयर, बैंक डिपॉजिट और प्रॉपर्टी में बड़े लेन-देन की जानकारी छुपाई गई थी। नोटिस में उन्हें जवाब देने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है। जवाब ठीक न होनेे पर विभाग उन पर नए सिरे से कर की देनदारी निकालेगा। यह नोटिस वर्ष 2012-13 वर्ष के लिए ही दिए गए हैं। विभागीय सूत्रों की माने तो इनका निपटारा फास्ट ट्रैक पर किया जा रहा है। विभाग की मंशा है कि करदाता इसी वित्तीय वर्ष में बढ़ा हुआ टैक्स जमा करें। इसकी वजह है विभाग का इस साल के तय लक्ष्य से कर वसूली में काफी पीछे होना।
31 मार्च के पहले करना होगा पूरा काम
नोटिस के दायरे में आए लोगों के जवाब संतोषप्रद नहीं मिलने पर उन्हें अधिनियम 1961 की धारा 148 के दायरे में रखा जाएगा। यह काम 31 मार्च के पहले पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद उन्हें दोबारा इस सेक्शन 148 के तहत नोटिस जारी होंगे। विभाग 31 जनवरी तक लक्ष्य की तुलना में केवल 50 प्रतिशत ही कर राजस्व अर्जित कर सका है।
इसलिए दिए गए नोटिस
क्रेडिट कार्ड में 2 लाख रुपए से अधिक का ट्रांजेक्शन।
बॉन्ड, डिबेंचर, म्यूच्युअल फंड, शेयर में 5 लाख रुपए से अधिक की खरीद या बिक्री।
एक ही कंपनी के आईपीओ में 1 लाख रुपए से अधिक के निवेश पर।
30 लाख रुपए से अधिक की अचल संपत्ति खरीदने पर।
आरबीआई के बॉन्ड में 5 लाख रुपए से अधिक के निवेश पर।
आयकर वसूली के टारगेट में पीछे चल रहे आयकर विभाग ने अपनाया नया रास्ता
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