आशूरे के दिन अल्लाह को याद करें और रोजा रखें


धार। मुहर्रम का महीना इस्लामी तारीख में खास अहमियत रखता है। यह इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना होता है। यानी हिजरी (1447) का आगाज इसी महीने से होता है । मुसलमानों के बीच इस तारीख का खास महत्व है। इसे मुख्य रूप से पैगंबरे इस्लाम के नवासे, इमाम हुसैन की शहादत के लिए जाना जाता है। शहर काज़ी वकार सादिक ने बताया कि आशूरा इस साल 6 जुलाई को है। इस महीने ही कर्बला का वाकिया हुआ था इस वाकिये ने ये साबित कर दिया कि कौन हक पर है। इस वाकिये ने कयामत तक के लिए हक और बातिल के बीच एक ऐसी लकीर खींच दी` शहर काज़ी ने बताया कि अशरए मोहर्रम में मिलाद करना वाकेआते-करबला सही रवायत बयान करना व तहम्मल रजा व तसलीम का बहुत मुकम्मल दरस है एहकामे-शरीअत की पाबंदी और इत्तेबा सुन्नत का जबरदस्त अमली सबूत है। मुसलमानो

को चाहिए मुहर्रम की 9 तारीख व आशूरा के दिन रोजा रखना चाहिए और इस दिन खूब इसाले सवाब करना चाहिए, लोगो की मदद भी करना चाहिए खासतौर पर नौजवानों से अपील है कि इस दिन गैर शरई बातों से दूर रहे, इस पाक महीने में अगर कोई शरारती तत्व माहौल बिगड़ने की कोशिश करता है तो अपने इलाके के सम्मानित व्यक्ति व पुलिस से सम्पर्क करें अपने हाथ में कानून न लें। शहर काज़ी वकार सादिक ने लोगो से यह भी अपील की कि आशूरा के दिन नियाज, फातेहा लंगर का ज्यादा से ज्यादा एहतिमाम करें।

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