सईद नादां, रायसेन
जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर बेगमगंज तहसील में ग्रामीण अंचल की दर्जनों शासकीय शालाओं के भवन जर्जर स्थिति में होने से वर्षाकाल में भवनों में कक्षाएं नहीं लग रही है। शिक्षकों के लिए औपचारिकता के लिए गांव में इधर -उधर दूसरे व्यक्तियों के भवनों में कक्षाएं लगाना पड़ रही है।
एक ओर सरकार शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा निवेश कर रही है तो दूसरी ओर ग्रामीण अंचल की शासकीय शालाएं अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। ग्राम पंचायतों को दिया जाने वाला भारीभरकम बजट विकास के नाम पर औपचारिकता की भेंट चढ़ जाता है , लेकिन शालाओं के विकास के नाम पर कोई बजट उपलब्ध नहीं कराने से वो दुर्दशा का शिकार हो रही है। तहसील को दर्जनों शासकीय शाला भवन आज जर्जर स्थिति में होने से वर्षा होते ही उनमें कक्षाएं लगना बंद हो जाती है। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए पंचायत भवन , सरपंच या ग्राम पटेल की दालानों में औपचारिक रूप से कक्षाएं लगाई जा रही है।
ग्राम बेरखेड़ी जोरावर की शासकीय प्राथमिक शाला में दो शिक्षक प्रधानाचार्य गजराज सिंह एवं शिक्षिका श्रीमती प्रभा नायक है और 20 छात्र है। वर्षो पहले बना शाला भवन आज जीर्णशीर्ण स्थिति में है। इसकी मरम्मत या मेंटीनेंस नहीं होने के कारण कक्षाओं की छतों से पानी टपक रहा है। एक भी कमरा सुरक्षित नहीं है। जिसके कारण कमरे की वजह अब सीलन भरी दालान में शाला लग रही है। जिससे मासूम बच्चे बीमार हो रहे हैं।
शाला का पहुंच मार्ग कच्चा होने से वर्षा में कीचड़ दलदल में बदल गई है। अभिभावकों ने अपने बच्चों को शाला पहुंचने के लिए सड़क के साइड में पत्थर डालकर अस्थाई रास्ता बनाया है। इसके अतिरिक्त भवन के चारों ओर कीचड़ , गंदगी और बड़ी -बड़ी घांस , झाड़ियों से जहरीले कीड़ों का भी खतरा बना रहता है। बाथरूम जर्जर हो गया है तो उसका उपयोग पूरी तरह से बंद है।
यहां पदस्थ शिक्षकों का कहना है कि मजबूरी है , बच्चों को पढ़ाना है तो कहीं भी कक्षाएं लगाना पड़ेंगी ।
जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं तो शाला भवन धीरे -धीरे क्षतिग्रस्त हो रहा है जो कभी भी धराशायी हो सकता है। बच्चों को भी खतरा बना रहता है। अभिभावकों ने अपने बच्चों की सुरक्षा की मांग की है।
इस संबंध में ब्लॉक शिक्षाधिकारी राजेन्द्र श्रीवास्तव का कहना है कि सभी शैक्षणिक संस्था प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि क्षतिग्रस्त भवनों में कक्षाएं ना लगाए । पंचायत स्तर पर किसी सुरक्षित भवन में कक्षाएं लगाने की व्यवस्था करें । क्षतिग्रस्त भवनों की मरम्मत के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से बजट की मांग की जा रही है ।
फोटो - क्षतिग्रस्त शासकीय प्रा. शाला बेरखडी जोरावर ।
addComments
एक टिप्पणी भेजें