संसद में पेश किए गए इनकम टैक्स बिल पर इंदौर में हुआ एक सेमिनार का आयोजन

टीपीए एवं इंदौर सीए शाखा द्वारा हाल ही में लोकसभा में पेश किये गए नई इनकम टैक्स बिल पर एक सेमिनार का आयोजन किया जिसे सीए मनीष डफरिया ने सम्बोधित कियाl 

टीपीए प्रेसिडेंट सीए जे पी सराफ ने कहा कि प्रस्तुत नया आयकर बिल स्टेकहोल्डर्स से विचार विमर्श करके बनाया गया है तथा नया कानून लाने का मुख्य उद्देश्य पुराने कानून ने व्याप्त कठिनाइयों एवं अव्यवहारिक प्रावधानों को हटाकर नए व् सरल आयकर कानून को लाना हैl 

टीपीए के मानद सचिव सीए डॉ अभय शर्मा ने बताया कि नया कानून आज के परिदृश्य के हिसाब से करदाताओं को सहूलियत देने वाला कानून होगाl कर्मचारी के निधन के बाद परिवार को मिलने वाली फैमिली पेंशन में स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर एक तिहाई या 25 हजार रुपए में से जो कम हो, मिलेगा। पहले सीमा एक तिहाई या 15000 रुपए थी। अब डिजिटल प्रूफ मान्य होंगे एवं नौकरीपेशा टैक्सपेयर अपने एम्प्लायर को निवेश सम्बंधित डिजिटल प्रूफ दे सकेंगे। पहले फिसिकल दस्तावेज देने पड़ते थे। 

मुख्य वक्ता सीए मनीष डफरिया ने कहा कि टीडीएस रिटर्न नहीं भरने पर तो 500 रु रोज की पेनल्टी लगेगी पहले 10हजार से 1 लाख तक की पेनल्टी लगती थीl अब असेसमेंट एआई आधारित होंगे। बैंक अकाउंट इनकम टैक्स से लिंक होंगे। जीएसटी फाइलिंग, आईटी रिटर्न की रियल टाइम प्रोसेसिंग होगी। कंपनियों को सीएसआर ट्रेनिंग पर खर्च का डिडक्शन नहीं मिलेगा। पहले मिलता था। कारोबार में फ्रॉड, इनसाइडर ट्रेडिंग पर संबंधित खर्च की छूट नहीं ले सकेंगे। पहले प्रावधान यह नहीं था। बैंक और एनबीएफसी को बेड डेट का 8.50% डिडक्शन मिलता था। अब एनबीएफसी के लिए यह 5% किया। बैंक के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया है । टीडीएस प्रोविजन में करदाता की मांग पर विभाग राहत दे सकेगा। पहले विभाग को अधिकार नहीं थे।

 आयकर सर्च में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड, डिजिटल सबूत आदि को वर्चुअली सीज किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त सर्च, सीजर और असेसमेंट के इलेक्ट्रॉनिक मोड में भेजे गए नोटिस को भी कानूनी मान्यता दे दी गई है। इसका आईटी एक्ट में उल्लेख था, लेकिन आयकर में नहीं। सर्च में जब्त संपत्ति के लिए करदाता मालिकाना हक साबित कर टैक्स भर देता है, तो उसे संपत्ति समय सीमा में मिल सकेगी। पहले कोई प्रावधान नहीं था। आयकर अधिनियम में शहरी क्षेत्र के करीब स्थित खेती की जमींन बेचने से आय को कृषि आय न मानकर कैपिटल गेन माना जाता है। शहर से खेत की दूरी को कैसे मापा जाए, इसे लेकर स्पष्टता नहीं थी। अब यह दूरी सड़क से नहीं, हवाई दूरी के आधार पर मानी जाएगी।चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन के लिए हर दान का ऑडिट अनिवार्य होगा। एक रुपया भी दान में मिला तो ऑडिट करना जरूरी होगा । रियल एस्टेट डेवलपर की बिना बिकी याने क्लोजिंग इन्वेंटरी पर प्रॉपर्टी की सालाना वैल्यू पर डीम्ड रेंट के आधार पर पहले टैक्स लगता था। अब दो साल तक टैक्स नहीं लगेगा। दो साल की छूट मिलेगी। नए बिल में टैक्स चोरी, पर 200% तक जुर्माना किया गया है । 50 लाख से ज्यादा टैक्स चोरी पर जेल की सजा का भी प्रावधान है । व्यक्तिगत आयकरदाता पर 6 माह की देरी पर 25,000 रुपए तक का पेनाल्टी, कंपनियों के लिए यह 5 लाख रुपए होगी । आपराधिक प्रकरण तक दर्ज होगा। 

नए आयकर कानून में छोटे वाक्यों का इस्तेमाल किया एक है। टेबल व फॉर्मूले के जरिए यह पढ़ने में आसान होगा । 

सेमिनार का सञ्चालन टीपीए के मानद सचिव सीए डॉ अभय शर्मा ने कियाl धन्यवाद् अभिभाषण सीए विजय बंसल ने दियाl इस अवसर पर सीए शैलेन्द्र सिंह सोलंकी, सीए प्रमोद तापड़िया, सीए अजय सामरिया, सीए सोम सिंघल, नीलेंदु दवे, सीए दीपक माहेश्वरी, सीए प्रणय गोयल, गोविंद गोयल, सीए अंशुल मंगल सहित बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद थे। उक्त जानकारी टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन, इंदौर के मानद सचिव सीए डॉ अभय शर्मा ने दी।



 

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