माँ अहिल्या काव्य उत्सव सम्पन्न, माँ अहिल्या देश के हृदय की महारानी - ग्रीष्मा त्रिवेदी



इन्दौर। पुण्यश्लोका माँ अहिल्या के जन्म त्रिशताब्दी निमित्त मातृभाषा उन्नयन संस्थान व मातृभाषा डॉट कॉम द्वारा आयोजित अहिल्या काव्य उत्सव रविवार शाम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ग्रीष्मा त्रिवेदी व विशेष अतिथि मातृभाषा उन्नयन संस्थान की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. नीना जोशी रहीं। मुख्यतः यह आयोजन मातृशक्ति के द्वारा, मातृशक्ति ने मातृभाषा के माध्यम से किया।

आरम्भ में मालवी भाषा में शारदे वंदना आरम्भ हुआ, संचालन –संयोजन मणिमाला शर्मा ने किया।

कविता पाठ के क्रम में डॉ. सुनीता फड़नीस ने कविता 'दैवीय गुणों से सुशोभिति प्रातः पूज्या अहिल्या, धर्म परायण, दुःख विनाशिनी अहिल्या' का पाठ किया।

सरला मेहता ने 'बचपन से तेजस्वी रही माँ अहिल्या, वन्दे मातरम्', इनके बाद अनुपमा समाधिया ने कविता 'सुप्रशासन से कीर्तिलब्ध है मालवा, ऐसी रही माँ अहिल्या, न्याय प्रियता बुद्धिमता में कोई नहीं रहा सानी' का पाठ किया।

कवयित्री सुरेखा सिसौदिया ने कविता 'नमन है तव चरणों में, माता वंदन है, माँ अहिल्या तेरा जीवन पुण्याई है।'

सपना साहू ने अहिल्या चरित्र पर प्रकाश डालते हुए अपनी कविता 'शिवराज्य के निर्णय लेती, शिवलिंग पर हाथ रखकर' का पाठ किया। डॉ. शशि निगम ने शिवार्पण करके ‘सबकुछ, नारी शक्ति का बन आदर्श रही समर्पित माँ अहिल्या' व मणिमाला जी ने काव्य पाठ किया।

मुख्य अतिथि ग्रीष्मा त्रिवेदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि 'पुण्यश्लोका माँ अहिल्या के होने से हम सब इन्दौर के लोगों की पहचान है। माँ देश के हृदय की महारानी है, न केवल भौगोलिक इन्दौर की महारानी थी।'

संस्थान द्वारा सभी प्रतिभागियों के सम्मान किया गया व उपहार दिए गए। कार्यक्रम में डॉ. अर्पण जैन, डॉ. अखिलेश राव, इंदौर लेखिका संघ अध्यक्ष विनीता जी तिवारी, कमलेश सेन, राजेन्द्र गुप्ता, श्याम दांगी, किशोर कोडवानी, राजकुमार जैन, सपना मिश्रा आदि मौजूद रहे।

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