मदर्स डे पर विशेष समूचे ब्रह्मांड में मां की तुलना किसी से नहीं की जा सकती

 


पीहू हासन 

दुनिया का सबसे खूबसूरत और अनमोल शब्द है मां । जी हां मां एक ऐसा शब्द है जिसे किसी भी परिभाषा की जरूरत नहीं। क्योंकि ये शब्द नहीं हैं ये एक बहुत ही खूबसूरत एहसास है। जिसमे प्रेम, त्याग ,सेवा और समर्पण की भावना होती हैं । सच में ईश्वर का सबसे मोल रहित उपहार है मां। अपने परिवार और बच्चों के लिए निस्वार्थ भाव से अपना सम्पूर्ण जीवन निछावर कर देती हैं और उसके चेहरे पर कोई एक शिकन तक नही होती। मां पहली शिक्षिका और विद्यालय होती हैं ।

चाहे हम कितने भी आधुनिक क्यों ना हो जाए, चाहे हम दुनिया के किसी भी देश किसी भी शहर या गांव या कस्बे में रहते हो, चाहे हम जंगल में ही क्यू ना रहते हो, चाहे हम अमीर हो गरीब। मां सीता हो कैकई हो । मां होती हैं और हर मां को सम्मान करना हर बच्चे का परम धर्म होता हैं। आज हम आधुनिकता के चलते इस हद तक गुजर गए हैं की अपनी सभ्यता और संस्कारों से दूर होते जा रहे हैं यही परिवार का विघटन का कारण बनता जा रहा है। हर किसी को प्राइवेसी चाहिए। जो मां हमे 9 महिने अपने पेट में पलती है, खुद गीले में सो कर हमे सूखे में सुलाती है,खुद भूखा रहकर आपने बच्चों को खिलाती है । हमारी छोटी से छोटी जरूरत से लेकर बड़ी से बड़ी चीज का ध्यान रखती हैं। और हम जैसे ही किसी बंधन में बांधते हैं। हम खुद का परिवार बनाने लग जाते हैं । हम ये भूल जाते हैं की अगर मां ने हमे बचपन में पालन पोषण नहीं किया होता तो क्या आज हमारा कोई अस्तित्व होता, नही ना। लेकिन आज वर्तमान समय में देश में लगभग 250 से ज्यादा जिलों में लगभग 400 से अधिक वृद्ध आश्रम हैं और हर रोज़ 50 प्रतिशत महिलाएं बेटे और बहू से प्रताड़ित होती है। आज लगभग 1.8 करोड़ बुजुर्ग वृद्ध आश्रम में अपना जीवन गुजर रहे हैं। वह भी अपने बच्चो के होते हुए। यही नहीं 2050 तक भारत में ये अकड़ा 1.8 करोड़ से 31.9 करोड़ हो जायेगा । लाडली बहनों तुम भी किसी की बेटी हो, अगर तुम्हारी मां के साथ गलत व्यवहार होगा तो क्या तुम्हे दुख नहीं होगा। अपनी सास की बेटी नहीं बन सकती कोई बात नहीं । जैसे की लड़कियां बोलती की सास कभी मां ना ही हो सकती तो पहले आप खुद चेक करो अपने आपको की क्या आप में बेटी बनने वाली योग्यता हैं ? अगर आप बेटी नहीं बन सकती तो सास की मां भी ना बनो। तुम्हें एक मां से अपने बेटे को दूर करने का कोई हक नहीं । अगर यह सिलसिला नहीं थमा तो तुम भी एक दिन वृद्ध आश्रम की ओर प्रस्थान करोगी। एक संपूर्ण परिवार में रहे जिसमें सबका आशीर्वाद प्यार और सम्मान हो, जिसमें बच्चो को भी अपने दादा दादी का प्यार मिले, माता पिता एक छत की तरह होते हैं, आपने हाथ से वो छत खुद कभी मत गिराना। मातृत्व दिवस हैं सही मायने में देखा जाए तो मां के लिए कोई एक दिन नहीं होता हर दिन मां के लिए और मां के साथ होता हैं ,या फिर सिर्फ इंस्टा, फेकबुब्क या वॉट्सएप पर स्टेटस लगने से मदर्स डे सार्थक नहीं होता। ये ममता और प्यार के रिश्ते हैं इन्हें दिल से निभाये , जरूत हैं प्यार सम्मान और केरिंग की। वो ही प्यार जो तुम्हे बचपन में मां ने दिया था पहले तुम बच्चे थे अब उनका वक्त हैं। 

 इस मातृत्व दिवस के शुभ अवसर पर दुनियां में जितनी भी माताएं है उनके समान में अपने भाव समर्पित करती हूं .....

मां तुम पर क्या लिखूं , ममता का सागर लिखूं या ईश्वर की गाथा लिखूं। अपना पहला प्यार लिखूं या रब का वरदान लिखूं ।       

  मेरे सर पे दुआ के हाथ लिखूं या बचपन की याद लिखूं। मेरे मर्ज की दुआ लिखूं या तपिश में आंचल फैलती छाया लिखूं । मेरे होठों की मुस्कान लिखूं या मेरी जुदाई में गिरते आंसू लिखूं , मेरी राह देखने वाली आंखे लिखूं या रातों में उठ उठ कर मेरे लिए की जाने वाली दुआए लिखूं । इस खूबसूरत रिश्ते को मैं क्या लिखूं । देखा नहीं मैने खुदा काबा ना देखा भगवान मैं तो तेरे हर रूप में सजदा दुआ और पूजा लिखूं।

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