न्यायालय के आदेश के बावजूद अतिक्रमण हटाने की बजाय सड़क पर ही हो रहा निर्माण, प्रशासन बेपरवाह

 




महू। महू की सबसे पुरानी कॉलोनियों में से एक डायमंड कॉलोनी जो गायकवाड़ से लगी है, में बड़े पैमाने पर हुऐ अतिक्रमण के विरुद्ध रेवेन्यू कोर्ट ने अक्टूबर 2022 में आदेश पारित किया था। आदेश के अनुसार 22 अतिक्रमणकर्ता जिन्होने काफी बड़े भूभाग पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है, के अवैध अतिक्रमण को 15 दिनों में हटाया जाना था पर आज लगभग डेढ़ साल बीत जाने के बावजूद स्थानीय प्रशासन ने कुछ नहीं किया है। प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किए जाने के कारण अतिक्रमणकर्ताओ के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि उनमें से कुछ ने अब कॉलोनी की सड़क पर ही कब्जा कर लिया है और उनके द्वारा बाकायदा पक्का आरसीसी निमार्ण तक किया जा रहा है। उक्त अतिक्रमणकर्ताओ के मन में कोर्ट के आदेश या प्रशासन से किसी तरह का डर होगा, उनकी हरकतों को देखकर तो एसा बिलकुल भी नहीं लग रहा है।





कॉलोनी के प्रवर्तक दीपक कुमार बड़जात्या ने बताया कि उन्होंने है हर स्तर पर शिकायतें कर रखी हैं पर कहीं से भी किसी तरह का न्याय फरियादी को आज दिनांक तक नहीं मिल पाया है। उन्होंने यह भी बताया की नंदकिशोर चौधरी और वीरेंद्र वर्मा के विरुद्ध उन्होंने बाकायदा नामजद शिकायत की है पर अब तक कोई कार्रवाई उनके विरुद्ध नहीं हो पाई है एक और बात जो उन्होंने बताई कि उक्त नंदकिशोर चौधरी ने बिजली का अवैध कनेक्शन तार का लंगर डालकर ले रखा है और इसकी शिकायत उन्होंने तहसील समेत बिजली कंपनी के अधिकारियों को भी की पर अब तक उसके खिलाफ बिजली चोरी के मामले में भी कुछ नहीं हुआ है। बढ़ जाती है ने बिजली चोरी के फोटो खींचकर अधिकारियों को दिए हुए हैं पर इतनी जबरदस्त सबूत के बावजूद किसी अधिकारी ने चौधरी के घर पर अब तक छापा नहीं मारा है। इस सबसे तंग आकर बढ़ जाती आने कल सीएम हेल्पलाइन पर भी बिजली चोरी की शिकायत की है देखते हैं अब क्या होता है इस मामले में।
वर्ष 21 जनवरी को बड़जात्या के पक्ष में कोर्ट से उक्त 22 अतिक्रमणकर्ताओ की हरकतों के विरूद्ध स्टे आर्डर भी जारी किया गया था पर उस आदेश का भी पालन स्थानीय प्रशासन अब तक नहीं करवा पाया है। प्रशासन की इसे लापरवाही कहे या फिर जानबूझकर की जा रही अनदेखी, कारण जो भी हो पर इन अतिक्रमणकर्ताओं के हौसले तो बढ़ते ही जा रहे हैं।
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