अपने पेट्स के आंसू को न करें इग्नोर, यह उनकी आंखों की बीमारी का है लक्ष्ण, वेटरनरी ऑप्थल्मोलॉजी में तीन दिनी हैंड ऑन ट्रेनिंग वर्कशॉप का आयोजन

 *इंदौर* । जिस तरह से इंसानों में आंखों की समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं ठीक उसी तरह से आंखों की समस्या का सामना पेट्स को भी करना पड़ता है पर जानकारी के अभाव में अक्सर पेट पेरेंट्स समय रहते अपने पेट्स की आंखों की समस्या को समझ नहीं पाते हैं। कई बार पेट्स अपनी आंखों में हो रहे दर्द और इरिटेशन के कारण पंजे मारकर या फिर किसी चीज से खुजालकर आँखों को ज्यादा डैमेज कर लेते हैं इसलिए जरुरी है कि पेट पेरेंट्स को अपने डॉग्स और केट्स की आंखों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यह जानकारी वेटरनरी ऑप्थल्मोलॉजी में हैंडस ऑन ट्रेनिंग वर्कशॉप के दौरान ट्रेनी डॉक्टर्स को वेटनरी आई एक्सपर्ट डॉ. नरेंद्र चौहान ने दी। उन्होंने बताया कि यदि आपका पेट बार-बार पलकें झपका रहा है, उसकी आंखें लाल है, लगातार आंसू बह रहे हैं, वह आंखों में बार-बार पंजा मार रहा है, उसकी चाल बदली हुई है और वह जानी-पहचानी जगहों पर भी टकरा रहा है तो यह आपके लिए संकेत की तरह है कि आपके पालतू जीव को आंखों से जुड़ी कोई परेशानी हो रही है। आज शहर में हर रोज 25 से 30 केसेस पेट्स की आंखों से जुड़े हुए आते हैं। आज से चार-पांच साल पहले पेट-पेरेंट्स में इतनी जागरूकता नहीं थी पर अब लोग अपने पेट्स की समस्याओं को समझते हुए उसका निदान करने की पुरज़ोर कोशिश करते हैं। यह तीन दिवसीय कार्यशाला मायरा पेट क्लिनिक में आयोजित की गई जिसमे 7 लाइव सर्जरी के साथ डेमो दिया गया।

 *पेट्स को दुलार सब कुछ खाने न दें

वर्कशॉप में नेपाल से आए डॉ. बीसी झा ने कहा कि ने अक्सर लोग प्यार और दुलार में हर वो खाना जो हम खाते है अपने पेट्स के साथ शेयर करने लगते है ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। उनका और हमारा शरीर और उसका डाइजेस्टिव सिस्टम पूरी तर से अलग है। हर वो खाना जो हम खाते हैं वो डॉग्स के लिए अच्छा नहीं होता है; जैसे सेव , अंगूर, चॉकलेट, टमाटर, ड्राईफ्रूट्स, कच्चा प्याज और लहसुन, कोल्डड्रिंक, अल्कोहल, ग्लूकोज़ डॉग्स के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होते हैं।


 *यह है कॉमन बीमारियां* 

नेपाल से आए डॉ. स्ट्रेलित्ज़िया प्रधान ने बताया कि डॉग्स और केट्स में आंखों की कुछ बीमारियां बहुत सामान्यतः होती है; जैसे चोट लगने के कारण कोर्नियर अल्सर, किसी तरह की एलर्जी या इन्फेक्शन के कारण कंजेक्टिवाइटिस पर इस समय डॉग्स की आंखों से जुड़ी समस्या के 90 प्रतिशत केसेस में डाइबिटीज़ के कारण मोतियाबिंद दिखाई देता है। 

 

 *डॉग्स भी हो रहे है डाइबिटिक* 

जेद्दा, सऊदी अरब से आए डॉ. विपिन प्रकाश ने बताया कि यदि आप सोचते हैं कि डाइबिटीज़ सिर्फ इंसानों की बीमारी है तो आप बिलकुल गलत सोच रहे हैं। मोतियाबिंद का इलाज करवाने आए 50 प्रतिशत डॉग्स डाइबिटिक होते हैं। इंसानों की तरह डाइबिटीज़ की समस्या पेट्स में भी बढ़ रही है, जिसका मुख्य कारण गलत और ज्यादा खानपान है। ग्लोकोमा, टिक-फीवर और कोर्नियर अल्सर जैसे बीमारियों का सही समय पर इलाज नहीं मिलने पर तेज़ी से आंखों की रोशनी जाने का डर होता है। पेट्स की बीमारी में घरेलु इलाज करने के बजाए सीधे डॉक्टर से संपर्क करना ही सही होता है।

 

 *वर्कशॉप ही वेटनरी ऑप्थल्मोलॉजी सीखने का ऑप्शन

कोलकाता से आए डॉ सब्यसाची कोनार कहते हैं कि वेटनरी ऑप्थल्मोलॉजी भारत में बिलकुल ही नई फिल्ड है और देश भर में सिर्फ तीन या चार डॉक्टर्स ही इस फील्ड में एक्सपर्ट है। यही कारण है कि इस फिल्ड में काम करने के लिए काफी स्कोप है इसलिए हम इंदौर आकर इसकी ट्रेनिंग ले रहे हैं। इससे हमारी स्किल्स में इजाफा होगा और हमारे लिए नई फिल्ड में काम करने का स्कोप बढ़ेगा। इस तीन दिनी कॉन्फ्रेंस के पहले दिन छोटे पेट्स की आंखों से जुड़ी समस्याओं और उनके इलाज पर विस्तार से चर्चा की गई। हमारे देश में सुविधाएं तो हैं पर ऑक्युलर सर्जरी हमें बहुत विस्तार से नहीं पढ़ाई जाती है इसलिए इस तरह की वर्कशॉप ही हमारे लिए सीखने का एकमात्र माध्यम है।  


  *पेट्स की सर्जरी चुनौतीपूर्ण* 

डॉ.चौहान ने बताया कि जानवरों की सर्जरी वैसे तो इंसानों की तरह ही होती है पर इसमें चुनौतियां कहीं ज्यादा होती है जानवरों की आंखे अधिक प्रतिक्रियाशील होती है इस लिए पोस्ट-ऑपरेशन केयर अधिक देनी होती है। जानवरों की सर्जरी में सही मात्रा में एनेस्थीशिया देना भी बहुत चुनौतीपूर्ण होता है, कम एनेस्थीशिया मिलने पर वे सर्जरी के दौरान हिल सकते हैं, जिससे सर्जरी ख़राब हो सकती है और ज्यादा एनेस्थीशिया देने पर उनकी जान खतरे में आ सकती है। वही सर्जरी होने के बाद जैसे ही जानवर होश में आता है वह तुरंत प्रभावित स्थान पर पंजा मारने लगता है, जिससे सर्जरी बिगड़ने का डर होता है। पालतू जीवों में इसे रोकने के लिए हमें कई तरह के इंस्ट्रूमेंट्स का इस्तेमाल करना पड़ता है।   

*डॉग्स की इन ब्रीड्स में सामान्यतः दिखाई देती है आंखों की समस्या*

पग, शीट्जू, बीगल और चाओ-चाओ जैसी ब्रीड्स में आँखों की बीमारियां बहुत ही कॉमन होती है। वही सेंट बर्नाड, ग्रेट डेन और डॉबरमैन जैसी बड़ी ब्रीड्स में चेरी आई की प्रॉब्लम होना आम है।

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