भारत आदिवासी पार्टी मालवा, निमाड़ समेत प्रदेश में, 30 आदिवासी बहुल सीटों पर लड़ेगी चुनाव, 9 सीटों पर घोषित किए प्रत्याशी



निर्वाचन आयोग ने पार्टी को ऑटो रिक्शा का चुनाव दिया

*इंदौर 27 अक्टूबर।* भारतीय आदिवासी पार्टी आदिवासी थी तो हितों की रक्षा के लिए एवं आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिए मालवा , निमाड़ समेत प्रदेश के 30 आदिवासी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने जा रही है । पार्टी ने आज 9 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं । पार्टी को निर्वाचन आयोग ने ऑटो रिक्शा का चुनाव चिन्ह भी अलर्ट कर दिया है जिस पर पूरे प्रदेश पर पार्टी चुनाव लड़ेगी।

पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जितेंद्र सेवकराम असलकर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सचिन गामड़, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य विक्रम सोलंकी , पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ईश्वर गिरवाल, राष्ट्रीय सदस्य चतर सिंह मंडलोई जी , प्रदेश महिला मोर्चा अध्यक्ष कोमल धोपिया ने पत्रकार वार्ता में बताया कि पार्टी आदिवासी हितों के लिए मध्य प्रदेश की विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारने जा रही है पार्टी को पूरी उम्मीद है कि यह प्रत्याशी चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेंगे और विधायक बनकर आदिवासी हितों की रक्षा के लिए काम करेंगे। पार्टी ने पेटलावद से बालू सिंह गामड़ , थांदला से मंजू डामोर, झाबुआ से गब्बर सिंह वास्केल, सैलाना से कमलेश्वर डोडियार , सरदारपुर से राजेंद्र सिंह गामड़ , बड़वानी से दीपक सेंगर , राजपुर से रविंद्र चैहान, बदनावर से विक्रम सोलंकी , बागली से शेर सिंह भूरिया को टिकट दिया है।

भारत आदिवासी पार्टी, मध्य प्रदेश में आदिवासी बहुल 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रही है और यह उम्मीदवार किसी के वोट काटने के लिए नहीं, बल्कि सुनिश्चित विजय के उद्देश्य से चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। इस हेतु भारत आदिवासी पार्टी के हजारों कार्यकर्ता, आदिवासियों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क करके उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इसके पूर्व आदिवासियों के हित लिए श्जय आदिवासी युवा शक्ति (रंले)श् का गठन हुआ था और आदिवासियों को उम्मीद थी कि अब उनसे जीवन में बदलाव आएगा, लेकिन कभी कांग्रेस से गठबंधन करके (वास्तव में पैसा लेकर) और कभी किसी से समझौता करके इन्होंने हमेशा आदिवासियों के वोट बेचे हैं और आदिवासी मुखौटा लगाकर आदिवासियों का नुकसान किया है, लेकिन आदिवासी इनकी असलियत पहचान चुका है और ऐसे सभी लुटेरों को जवाब देने का मन बना चुका है और भारत आदिवासी पार्टी, इनकी सच्ची प्रतिनिधि के रूप में काम करेगी।

ज्ञातव्य है कि मध्यप्रदेश में भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों के राज में आदिवासियों पर लगातार अमानवीय अत्याचार हो रहा है। 18 सितंबर 2023 को दो आदिवासी बरनु गोंड और भोमासिंह अनूपपुर जा रहे थे। एक्सीडेंट के दौरान भोमा सिंह की मौके पर मौत हो गई। तभी वहां से गुजर रहे अनूपपुर के भाजपा मंडल अध्यक्ष जयगणेश दीक्षित ने बदहवास और मौत के सदमे में बैठे बरनु गौंड की चप्पलों से पिटाई कर दी। ऐसे ही 13 मई 2021 को देवास के नेमावर में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कर जमीन में आठ फीट नीचे गाड़ दिया गया था। पीड़ित आदिवासी परिवार छह माह तक न्याय की गुहार लगाता रहा। ऐसे ही मार्च 2023 में इंदौर के महू में आदिवासी युवती के साथ गैंगरेप कर हत्या कर दी गई। इसका विरोध करने पर लोगों पर पुलिस ने फायरिंग और आंसू गैस के गोले दागे। 2 फरवरी 2023 को हरदा में आदिवासी युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। आरोपियों ने युवक को ट्रैक्टर से बांधकर लाठी और डंडों से पीटा था। एक अन्य घटना में 2023 में ही विदिशा जिले के लटेरी के जंगलों में वन विभाग के एक दल ने कुछ लोगों पर गोलीबारी कर दी, जिसमें 32 वर्षीय आदिवासी की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए।

जुलाई 2023 गुना के बमोरी थाना इलाके में धनोरिया गांव में एक आदिवासी महिला को कुछ लोगों ने जिंदा जलाने की कोशिश की। इसमें महिला 70 से 80 प्रतिशत झुलस गई। जुलाई 2022 को देवास जिले में आदिवासी महिला की पिटाई के बाद जूतों की माला पहनाकर घुमाया गया। 2 मई 2022 को सिवनी में तीन आदिवासी युवकों को घेरकर 15-20 लोगों ने लाठी डंडों से जमकर पीटा। इसमें दो लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई। मई 2022 में मंडला में तीन आदिवासियों की हत्या का मामला सामने आया। यहां छत पर सो रहे तीन लोगों की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। आरोपी महिला का सिर काट कर ले गए थे। ऐसी घटनाओं का निरंतर होना, अपराधियों में कानून का भय न होना, साबित करता है, क्योंकि न सत्ता पक्ष न्याय कर रहा है और न विपक्ष इसके लिए आवाज उठा रहा है। ऐसे क्रूर अत्याचारों के खिलाफ खड़े होकर, आदिवासी समाज को न्याय दिलाने और अनेक सकारात्मक उद्देश्यों को भारत आदिवासी पार्टी का गठन हुआ है, जिनमें कुछ प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं।

भारत आदिवासी पार्टी का मूल उद्देश्य प्रकृति संरक्षण करना है और जल, जंगल और जमीन बचाना है। उसके बाद भील प्रदेश पृथक राज्य बनाने के लिए यह पार्टी मुख्य रूप से भूमिका निभाएगी। साथ ही पार्टी का संकल्प मानवता बचे, और एससी, एसटी, ओबीसी एवं माइनॉरिटी को लेकर चलने का है।

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