तपस्वी को करते हैं देवता भी नमन --सचिन भंडारी

 



यशवंत जैन 

गुवाहाटी जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ में पर्युषण महापर्व के सातवें दिन कल्पसूत्र जी महाशास्त्र का प्रवचन हुआ जिसमें स्वाध्याय बंधु सचिन भंडारी ने धर्म सभा में प्रवचन के माध्यम से कहा कि तप में अपार शक्ति होती है तप से होती निर्मल काया जिस प्रकार सोने को अग्नि में तपने के बाद ही उसमें निखार रहता है इस प्रकार शरीर को भी तप रुपी अग्नि में तपाने के बाद ही आत्मा में निखार आता है कर्मों की निर्जरा करने का सबसे सर्वश्रेष्ठ अगर कोई मार्ग है तो वह तप है गुवाहाटी नगर में संजय भाई मेहता ने 16 उपवास एवं उनकी धर्मपत्नी स्वाति बेन मेहता ने 8 उपवास की गर्म जल के आधार पर कठिन तपस्या कर कर्मों की निर्जरा एवं जिन शासन की प्रभावना की है रात्रि में मेहता के निवास स्थान पर भव्य भक्ति का आयोजन किया गया जिसमें सभी समाज जनों ने परमात्मा की भक्ति में सु मधुर गीतों की प्रस्तुति देकर तपस्वी के तप की अनुमोदना की जानकारी जैन समाज के संजय शाह ने दी

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