साक्षात कल्पवृक्ष के समान फलदाई होता है कल्पसूत्र महाशास्त्र श्रद्धा विधि पूर्वक 21 बार सुनने से होता है मानव भव से बेड़ा पार- जैन

 


यशवंत जैन, चंद्रशेखर आज़ाद नगर 

श्री जैन श्वेतांबर मूर्ति पूजक संघ चन्द्रशेखर आज़ाद नगर मे पर्यूषण महापर्व की धूम के चलते कल्पसूत्र शास्त्र के लाभार्थी बाबूलाल जी जितमलजी जैन के निवास पर रात्रि जागरण एवं भक्ति के पश्चात कल्पसूत्र को शुक्रवार को महापर्व के चतुर्थ दिवस जैन उपाश्रय में श्रीसंघ की उपस्तिथि में श्रावक योगेश जैन को व्होराया गया । जैन ने कल्पसूत्र का महत्व बताते हुए कहा कि इसको श्रद्धा विधिपूर्वक 21 बार सुनने से मानव भवसागर से बेड़ापार हो जाता है। 

यह साक्षात कल्पवृक्ष के समान फलदाई है साथ 10 कल्प का विस्तार से वर्णन किया गया। परमात्मा प्रभु महावीर स्वामी का पावन जीवन चरित्र आज से प्रारंभ हुआ। तीर्थंकर परमात्मा मैं अतुल्य बल होने के बाद भी उपसर्गों को संमभाव से समतापूर्वक सहन किया, क्योंकि कर्म राज किसी को नहीं छोड़ते चाहे भगवान हो या इंसान, राजा हो या रंक सभी को अपने-अपने कर्मों को भोगना ही पड़ता है । इसलिए मनुष्य मात्र को अपने जीवन में पुण्य उपार्जन एवं धर्म वृद्धि के कार्य सदैव करते रहना चाहिए । जिससे प्रभाव से हमारा यह भव और परभव दोनों सुख प्रद हो ।साथ ही हमारा आत्म कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त हो। 

श्रीसुविधिनाथ जैन मंदिर में प्रतिदिन हो रही स्नात्र पूजा का लाभ बताते हुए सुश्राविका परिधि जैन ने कहा कि जब परमात्मा का जन्म होता है तो स्वर्ग लोक से इंद्र स्वयं परमात्मा की महिमा भक्ति करने के लिए भगवान का स्नात्र महोत्सव मनाने के लिए अनेक देवी देवताओं के साथ स्वयं मानते हैं ।और एक करोड़ 60 लाख कलशो से परमात्मा का अभिषेक करते हैं एवं उनको वंदन करने के लिए शक्रस्तव सूत्र की रचना करते हैं रात्रि में जैन मंदिर में आरती भक्ति भावना एवं धार्मिक प्रतियोगिताएं संपन्न की जाएगी साथी पंचम दिवस को महावीर स्वामी जी का जन्म वाचन समारोह एवं अष्टम दिवस को सांवत्सरिक महापर्व मनाया जाएगा।

 फ़ोटो 01कल्पसूत्र की रात्रि जागरण लाभार्थी के घर करते हुए।

फ़ोटो 02 कल्पसूत्र वांचन के लिए श्रावक योगेश जैन को वोहराते श्रीसंघ एवं लाभार्थी परिवार।

फ़ोटो 03 कल्पसूत्र शास्त्र को सिर पर धारण करते श्रावक योगेश जैन।

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