शासकीय महाविद्यालय पीथमपुर में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय आयोग नई दिल्ली एवं देवी अहिल्या विष्वविद्यालय इन्दौर के सयुक्त तत्वावधान में आजादी के अमृत महात्सव के अतर्गत ’’स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय नायकों का योगदान’’ विषय पर संगाष्ठी का आयोजन किया गया कार्यक्रमू का प्रारंभ मॉ सरस्वती एवं भगवान बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण एव दीप पज्जवल कर किया। संगाष्ठी के पमुख वक्ता डॉ मदन वास्केल एवं विषेष अतिथि डॉ. श्रीमती रेखा नागर थी। डॉ. रेखा नागर न अपने सुमधर स्वर में संस्वती वंदना पस्तुत की। अतिथिया का स्वागत संस्था के प ्राचार्य डॉ. विना ेद खत्री एवं कार्यक्रम संया ेजक
डॉ. रितु जार्ज एवं डॉ. संघमित्रा अवसरें ने प ुष्पहार से किया। अतिथियों का परिचय डॉ. रितु जार्ज ने दिया। अतिथियों का स्वागत
करते ह ुए डॉ. खत्री ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम मे ं जनजातीय नायकों का विषेष या ेगदान रहा ह ै लेकिन उनकी शौर्य
गाथा को इतिहास में समुचित स्थान प्राप्त नहीं हो सका है। इस संगा ेष्ठी के माध्यम से विद्यालय, महाविद्यालय के विद्यार्थि या ें को
उनके नाम एवं पराक्रम जानने का सुअवसर प्राप्त ह ुआ ह ै।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. मदन वास्केल ने अपनी धारा प ्रवाह श ैली एव ं अपनीे आ ेजस्वी वाणी में प ूर्व से ले
कर 1857 तक स्वतत्रता संग्राम में भाग ले ने वाले और भारत का े आजादी दिलाने वाल उन जनजाीय नायका ें को स्मरण करते
ह ुए उनके द्वारा किये गये या ेगदान का स्मरण कराया। उन्होने अपने व्याख्यान में कहा कि इतिहास को नये रूप में यदि लिखना है
ता े यह नया इतिहास सिर्फ युवा ही लिख सकते ह ै और इतिहास को लिखने के लिए साहित्य का े पढना भी जरूरी ह ै। संगा ेष्ठी
की महत्ता की तरफ इंगित करते हुए उन्होने कहा कि इस प ्रकार क े अभियान से जनमानस में इतिहास में अपना नाम दर्ज न करा
सक े शहीदों का परिचय र्नइ पीढी को करवाना ह ै। उन्होने बडी संख्या में उपस्थित विद्यार्थि यों से आहवान किया कि अपने ग्राम म ें
प ूर्वजो से ऐसे लोगा े की जानकारी प्राप्त करें जिन्होनं भारत की आजादी के लिए या ेगदान किया हो। ऐसी जानकारी जनजातीय
आयोग नई दिल्ली को प ्र ेषित करें जिसमें उन्ह ें इतिहास में यर्थ चित सम्मान एवं नाम प ्राप्त हा े सक े। राजस्थान के मानगढ एवं
बडवानी जिले के जनजाजीय नायक जिन्ह ें निमाड का रॉबिनहुड कहा जाता था। ऐसे भीमा नायक एवं ख्वाजा नायक के या ेगदान
की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि जब तक स्वतंत्रता संग्राम सेनानिया ें को इतिहास में शामिल नही ं करेंगे तब तक उनका ें
यथोचितसम्मान नहीं मिलेगा।
कार्यक्रम की विषेष अतिथि डॉ. रेखा नागर ने अपनी बात श ुरू करते ह ुए कहा कि ’’चलो सभी मिल कर लिखे आजादी
का इतिहास।’’ उन्हा ेनें कहा कि जिस देष का इतिहास नही हा ेता वह देष मृतप ्रायः होता ह ै। महारानी लक्ष्मीर्बाइ वीरांगना झलकारी
बाई, रानी दुर्गावती के या ेगदान का े इ ंगित करते ह ुए विद्यार्थि या ें का े आहवान किया कि युवा पीढी में इतिहास लिखने का समर्थ्य
होना चाहिए उन्होने अपने वक्तव्य में जनजातीय लोकगीत भी सुनाए जो कि वर्तमान पीढी इन गीता ें सें लगभग अनभिज्ञ है। इन
जनजातीयों गीता े का विद्यार्थि यों ने भरपूर आनंद लिया। कार्यक्रम में उपस्थित मनीष यादव ने विद्यार्थि या ें में इतिहास को जानने की
प ्रवृति पर जोर देते ह ुए जीवन में स्वावलम्बन एवं अनुषासन का े अपनाने हेतु प ्रेरित किया।
महाविद्यालय में जनजातीय नायका ें की विषाल प्रदर्षनी का आया ेजन किया गया। जिसमें लगभग 125 नायका ें के चित्र
एवं जीवन परिचय आदि को विद्यार्थि या ें ने अवलोकन कर जानकारी प्राप्त की तथा जनजातीयस नायका ें के साथ सेल्फी ली।
प ्रदर्षनी के आयोजन में महाविद्यालय क े प्राध्यापक डॉ. संजय प ्रसाद का विषेष योगदान रहा है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के डॉ. डी.के. वर्मा डॉ. एस.एल.निर्मल डॉ. रीतू जार्ज प्रो. विद्या रोमड े प ्रो. अविन्द सकवार
श्री हिमांष ु राठा ैर सहित बडी संख्या के विद्यालय/महाविद्यालय के छात्र एवं छात्राए ं उपस्थित थ े। जिन्हा ेने संप ूर्ण कार्यक्रम का े बडे
मना ेया ेग के साथ सुना। कार्यक्रम का आभार प ्रदर्ष न डॉ. संघमितत्रा अवसरे ने किया
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