भूमिहीन गरीब परिवार को वर्ष 2018 में पट्टा तो दे दिया आजतक जमीन नही मिली

यशवंत जैन 

 चंद्रशेखर आज़ाद नगर(यशवंत जैन) :-मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के तहत दिशानिर्देश जारी किये थे। योजना के तहत जिन परिवारों के पास भू-खण्ड नहीं है, उन्हें राज्य सरकार नि:शुल्क प्लॉट उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे राज्य सरकार का ऐतिहासिक फैसला बताते हुए कहाथा कि योजना में ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि पर भू-खण्ड आवंटन के दिशा-निर्देश राज्य शासन द्वारा जारी कर दिए गए हैं। 

मामला है चन्द्रशेखर आज़ाद नगर के भूमिहीन परिवार का जिसके मुखिया अरविन्द एवं उसकी पत्नी को नगरपालिका द्वारा 23/7/2018 को भूमिहीन पट्टा जारी कर दिया गया । पट्टा जारी दिनांक से आज तक भूमिहीन परिवार को जमीन आवंटित नही की गई । मुख्यमंत्री आवास भू- अधिकार योजना के तहत नियमानुसार गरीब परिवार को 60 वर्गमीटर का प्लाट आवंटित किया जाना था जो कि आज तक आवंटित नही किया गया ।भूमिहीन अरविंद का परिवार नगरपरिषद के चक्कर कांट कांट कर परेशान होकर नगर परिषद द्वारा जारी पट्टे को लेकर आज तक परेशान होकर इसी आशा के साथ एक झुग्गी झोपड़े में रहकर अपना परिवार गुजर बसर कर रहे है। जब भूमिहीन अरविंद व उसकी पत्नी मीडिया के पास पट्टा लेकर पहुचे ओर आप बीती बताने पर जानकारी मिली कि अरविंद मजदूरी करने वाला ओर उसका परिवार आज भी सरकारी पट्टा मिलने के बाद भी भूमिहीन ही है वे आज भी अपने भूमिअधिकारपट्टे से आस लगा कर बैठे है कि उन्हें मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान भूमि आवंटन दिलवाएंगे। 

 मुख्यमंत्री ने कहा था कि कि ऐसे घर जिनमें एक से अधिक परिवार रहते हैं, उन्हें सरकार रहने के लिए नि:शुल्क प्लॉट उपलब्ध कराएगी। योजना के तहत परिवार का मतलब पति-पत्नी और बच्चे से है। यदि उनके पास रहने का कोई भू-खण्ड नहीं है तो राज्य सरकार उन्हें पट्टा देगी। इससे प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान बनने की राह भी खुल जाएगी और बाकी योजनाओं का लाभ भी मिल सकेगा।


शिवराज ने कहा था कि हरेक परिवार को न्यूनतम मूलभूत आवश्यकताओं के साथ सम्मानपूर्वक जीवनयापन का अधिकार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है। आवासीय भू-खण्ड प्राप्त होने पर शासकीय योजनाओं और बैंकों से लोन मिलने में सहायता मिलेगी। योजना में आबादी भूमि की उपलब्धता के संबंध में जिला कलेक्टर को अधिकार दिए गए हैं। आवंटन के लिए भू-खण्ड का अधिकतम क्षेत्रफल 60 वर्गमीटर होगा। आवेदन करने के लिए वही आवेदक परिवार पात्र होंगे जो संबंधित ग्राम के निवासी हों। आवासीय भू-खण्ड प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन SAARA पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा।

 योजना में पात्र परिवारों की ग्रामवार सूची संबंधित ग्रामवासियों से आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित करने के उद्देश्य से प्रकाशित की जाएगी, जिसकी समयावधि कम से कम दस दिन होगी। सूचना, चौपाल, गुड़ी, चावड़ी आदि सार्वजनिक स्थानों और ग्राम पंचायत कार्यालयों में लगाई जाएगी। आवेदकों को पति और पत्नी के संयुक्त नाम से उपलब्धता के आधार पर भू-स्वामी अधिकार-पत्र दिए जाएंगे। भू-खण्ड आवंटन के लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा


दिशानिर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कौन से परिवार योजना के तहत भू-खंड प्राप्त करने के अधिकारी नहीं होंगे। जिन परिवारों के पास स्वतंत्र रूप से रहने के लिए आवास है, 5 एकड़ से अधिक भूमि है, जो परिवार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) दुकान से राशन प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हैं, यदि परिवार का कोई भी सदस्य आयकर दाता है या शासकीय सेवा में है, वे व्यक्ति योजना के अंतर्गत पात्र नहीं होंगे। जबकि अरविंद एवं उसके परिवार के पास जमीन ही नही है ।




फ़ोटो 01 चन्द्रशेखर आज़ाद नगर निवासी भूमिहीन अरविंद एवं पत्नी भूमिहीन योजना का पट्टा बताते।

फ़ोटो 02 नगरपालिका द्वारा भूमिं अरविन्द को दिया अधिकार पट्टा।

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