मामला वेटलैंड कॉम्पलेक्स का...... महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में टेंडर जारी करने के पहले प्री-बीड बैठक होगी, बेहतर कार्य के लिए देशभर की फर्मों को करेंगे आमंत्रित

 

आशीष यादव, धार 

कलेक्टर ने तालाब सीमांकन क्षेत्र को कब्जा मुक्त रखने और कब्जाधारियों को नोटिस देने के दिए निर्देश

बैठक में अमृत 2.0 योजना की 44 करोड़ की डीपीआर को अनुमोदित किया

इस वर्ष शहर में वेटलैंड कॉम्पलेक्स के तहत तालाबों के संरक्षण को लेकर काम शुरु होने की उम्मीदें बंध गई है। कलेक्टर डॉ पंकज जैन की अध्यक्षता में वेटलैंड कॉम्पलेक्स के लिए बनाई गई मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में टेंडर आमंत्रित करने को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान करीब 40 करोड़ के वेटलैंड प्रोजेक्ट के लिए टेंडर आमंत्रित करने के पहले नगरपालिका को प्री टेक्नीकल बीड प्रक्रिया करने के लिए कहा गया है। इसके माध्यम से देशभर की कार्य सक्षम अनुभवी और प्रतिष्ठित फर्मों को आमंत्रित करने के लिए कहा गया है। बैठक में उन्हें योजना के बारे में जानकारी देंगे। प्रोजेक्ट को लेकर रिक्वायरमेंट बताई जाएगी और एक खांका कार्ययोजना को लेकर स्पष्ट किया जाएगा। कलेक्टर कक्ष में आयोजित बैठक में वेटलैंड के तहत होने वाले अन्य कामों को लेकर भी चर्चा हुई। जिसमें कैचमेंट एरिया और तालाब सीमांकन क्षेत्र को कब्जा मुक्त रखने के लिए कब्जाधारियों को नोटिस जारी करने एवं कार्रवाई हेतु एसडीएम को निर्देश दिए गए है।  



3 करोड़ बढ़ी लागत

राजा भोज द्वारा निर्मित शहर के तीन तालाब देवी सागर, मुंज सागर और धूप तालाब में जल, जैविय-जीविय संरक्षण हेतु वेटलैंड कॉम्पलेक्स में चयन किया गया है। पूरे मप्र में सात स्थानों को वेटलैंड के तहत चयनित किया गया है। कई जिलों में वेटलैंड को लेकर कार्य शुरु हो गया है। कलेक्टर ने बैठक में निर्देश दिए कि इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को भावना के अनुरुप क्रियान्वित करने के लिए प्री-बीड में दूसरे जिलों में वेटलैंड के तहत कार्यरत एजेंसियों को भी बुलाया जाए। इनसे कार्य को लेकर संवाद किया जाए और वहां पर किसी तरह की दिक्कतें तो नहीं आ रही है उसे समझा जाए। इससे हमें या टेंडर लेने वाली फर्म को बेहतर काम करने में आसानी होगी। उल्लेखनीय है कि पहले 37 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया गया था। अब नए एसआरओ दर में करीब 3 करोड़ रुपए और बढ़े है। यह प्रोजेक्ट अब 40 करोड़ का हो गया है।


कब्जाधारियों को नोटिस दो, काम में दिक्कत ना हो

वही कलेक्टर की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जिला पंचायत सीईओ केएल मीणा, अपर कलेक्टर शृंगार श्रीवास्तव, एसडीएम दीपाश्री गुप्ता, पीडब्ल्यूडी कार्यपालन यंत्री जयदेव गौतम, पीएचई अधिकारी केपी वर्मा, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी सहित नगरपालिका सीएमओ निशिकांत शुक्ला एवं वेटलैंड कंजर्वेशन कमेटी के सदस्य मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होने के पहले तालाब सीमांकन क्षेत्र में यदि कब्जे हो तो उन्हें कब्जा मुक्त किया जाए। कब्जाधारियों को नोटिस दिया जाए। जिससे काम प्रारंभ होने के दौरान किसी तरह की दिक्कतें ना आए। बैठक में बॉयो डायर्वसिटी पार्क सहित योजनाओं के होने वाले अन्य कार्यों पर चर्चा हुई।


सुखद-पाल क्षेत्र में लगेगी जालियां, मकानों को कोई खतरा नहीं

वेटलैंड कॉम्पलेक्स के तहत सौंदर्यीकरण कार्य भी एक महत्वपूर्ण घटक है। तालाबों के संरक्षण में घाटों और तालाब पालों को भी संरक्षित किया जाना है। इस प्रोजेक्ट के कारण मुंज सागर की पाल पर बसे करीब 100 परिवारों को हटाने की चर्चाएं भी चल रही थी। गुरुवार को पंच वर्षीय एकीकृत योजना वेटलैंड कॉम्पलेक्स में निविदा प्रपत्र अनुुमोदन की चर्चा के दौरान कलेक्टर ने तालाब पाल पर जालियां लगाने के लिए कहा है। जालियां लगाने से तालाब में कचरा नहीं जाएगा। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि पाल पर पट्टा लेकर बसे लोगों को मकान तोड़े जाने का कोई खतरा नहीं है। हालांकि पट्टा सीमा से अधिक किसी का निर्माण है तो संभवत: भविष्य में उसे तोड़ा जा सकता है।

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