आशीष यादव, धार
धार में महिंद्रा कंपनी के अधिकृत शोरुम पर हुए गबन के मामले में कोतवाली पुलिस ने कोर्ट के समक्ष 450 पेजों का चालान पेश कर दिया हैं, पुलिस की जांच के दौरान कैशियर द्वारा जिन दो वेबसाइट के माध्यम से सट्टा लगाया गया था। उन वेबसाइटों के नाम भी उजागर हो गए हैं, इन वेबसाइटों के संचालन के बारे में जब कोतवाली पुलिस ने जानकारी जुटाई तो ये वेबसाइट यूरोप कंपनियों के माध्यम से संचालित होना पाई गई है। जिसके बारे में भी विस्तृत जानकारी चालान में पेश की गई है। वहीं पुलिस ने आरोपियों द्वारा किए गए ट्रांजेक्शन सहित विभिन्न कंपनियों के 65-बी के प्रमाणित फार्म भी जमा किए हैं, ताकि भौतिक साक्ष्यों के आधार पर भी प्रकरण मजबूत हो सके। इस मामले में शामिल पांच आरोपी पिछले ढाई माह से जेल के अंदर बंद हैं, जिसमें एक आरोपी द्वारा लगाई गई जमानत के आवेदन पर जल्द ही हाईकोर्ट में सुनवाई होना है। पुलिस के द्वारा प्रकरण की जांच बारीकी से की गई थी, जिसके कारण ही धार के बड़े सटोरिए अभी तक जेल के अंदर बंद है।
दरअसल महिंद्रा कंपनी के चार पहिया वाहनों को बेचने के लिए सौम्या व्हीकल्स प्राइवेट लिमिटेड धार में अधिकृत हैं, यहां पर कैशियर का काम देखने वाले अश्विन गोस्वामी के द्वारा गबन किया गया था। इस बात की सूचना 18 जून कंपनी के मैनेजर की ओर से कोतवाली पुलिस को आवेदन के रुप में दी गई थी। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरु करते हुए अश्विन गोस्वामी को अरेस्ट कर प्रकरण दर्ज किया। जिसमें अश्विन ने बताया कि शोरूम की पूरी राशि सटोरियों को दी थी, जिसके द्वारा मुनाफे की बात कही गई थी। किंतु सट्टे में गबन की राशि करीब 49 लाख रुपए हार चुका था, जिसके कारण ही नौकरी पर जाना बंद कर दिया था। पुलिस ने सट्टा लगाने वाले राजदीप, सावन व प्रदीप को गिरफ्तार किया, जिन्होंने गबन की राशि पारस के माध्यम से लेनी की बात बताई थी। ऐसे में पुलिस ने इस गबन के मामले में कैशियर सहित सटटा लगाने वाले व सहयोग करने वाले कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया व गबन की राशि करीब 48 लाख 18 हजार रुपए भी बरामद कर लिए थे। धार के इतिहास में यह पहला मामला रहा कि जिसमें गबन की गई राशि की इतनी बडी रिकवरी पुलिस के द्वारा की गई। शेष राशि आरोपी अश्विन ने फरारी के दौरान खर्च करने की बात कबूल की है।
कंपनी ने बताया था 39 दिन का गबन:
पुलिस ने मामले में जब प्रकरण दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा व जांच जारी रखी जिसमें कंपनी की ओर से बताया गया था कि गबन 1 अप्रैल से 9 जून के बीच में हुआ है। किंतु पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि अप्रैल के पहले मार्च माह में भी आरोपी ने गबन किया था, इस दौरान जब आरोपी को सट्टे के आदत लगवाने के लिए सटोरियों ने ही मार्च माह में उसे मैच जीतवाए थे। इसके लिए बाकायदा एक रैकेट शुरु किया गया था, सट्टे के माध्यम से करीब 4 गुना राशि का लालच अश्विन को दिया गया था। पुलिस के अनुसार मार्च माह में 9 लाख रुपए अश्विन ने सटटे के माध्यम से कमाए थे, ताकि उसका आकर्षण सट्टा लगाने के लिए बना रहे। आईपीएल मैच के दौरान अश्विन सटटा कारोबारी व आरोपी राजदीप के कहने पर ही आरसीबी के मैचों पर रुपए लगाए थे।
कियोस्क व बैंक पहुंची पुलिस:
इस प्रकरण में चालान के दौरान पुलिस ने 450 पेज पेश किए हैं, जिसमें 3 कियोस्क व 4 बैंकों से जुटाए गई जानकारी भी शामिल है। पुलिस जांच के दौरान कियोस्क सेंटर व बैंक पहुंची थी, आरोपी अश्विन सिंघाना के सटोरियों को रुपए देता था, इसके साथ ही शोरूम पर काम करने वाले अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई है। इसके साथ ही आरोपियों द्वारा आपस में की गई बातचीत के चलते 6 नंबरों की सीडीआर भी पुलिस द्वारा जुटाई गई। आरोपी अश्विन से स्टोरी इंडियन एक्सेच व लव एक्सेस 9 नाम की दो वेबसाइट के माध्यम से सटटा लगवाते थे। टीआई समीर पाटीदार के अनुसार शोरुम पर हुए गबन के मामले में पुलिस ने चालान पेश कर दिया हैं, आरोपी पिछले ढाई माह से जेल के अंदर बंद है। प्रकरण की मजबूती के लिए गबन हुई राशियों का ट्रांजेक्शन सहित दो वेबसाइट का भी उल्लेख किया गया है।
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