सीएमएचओ डॉ. शिरीष रघुवंशी ने पांच अस्पतालों पर की कार्रवाई, करवाई से फर्जी अस्पतालों हल चल शुरू

आशीष यादव, धार 

प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी और नियमों की अनदेखी पर बड़ी कार्रवाई की गई है। खासतौर पर फायर ऑडिट में लापरवाही बरतने वाले दो अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए है। इनमें मनावर का रिलेक्स हॉस्पिटल व धार बस स्टैंड स्थित कांग्रेस नेता का नोबल हॉस्पिटल शामिल है। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अस्पताल का संचालन किया जा रहा था। सीएमएचओ डॉ. शिरीष रघुवंशी को निरीक्षण के दौरान अस्पताल में कई तरह की कमियां मिली थी। इस पर यह कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को आदेश जारी किए गए है। जिले में पहली इतनी बड़ी करवाई हुई जिसे फर्जी हॉस्पिटलों में हड़कंप मच गई है। इसके तहत मनावर के रिलेक्स हॉस्पिटल व धार के बस स्टैंड स्थित नोबल हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। जबकि धार शहर के तीन बड़े हॉस्पिटलों का लाइसेंस तीन सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया गया है। इनमें पाटीदार चौराहा स्थित सेहता हॉस्पिटल, तोरनोद ब्रीज स्थित लीलावती हॉस्पिटल व कोर्ट रोड स्थित मेवाड़ हॉस्पिटल शामिल है। तीनों अस्पताल के प्रबंधकों को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के भीतर करीब 10 बिंदुओं पर मिली कमियों को सुधारने के निर्देश सीएमएचओ डॉ. रघुवंशी ने दिए है। वहीं सबसे ज्यादा खामियां सेहता हॉस्पिटल में देखने को मिली थी। सेहता हॉस्पिटल में 12 बिंदुओं पर कमियां चिह्नित की गई है, जिसे सुधारने के लिए तीन सप्ताह का वक्त अस्पताल प्रबंधन को दिया गया है।


दो दिन पूर्व किया था निरीक्षण ध्यान रहे सीएमएचओ डॉ. रघुवंशी ने दो दिन पहले बुधवार को प्राइवेट अस्पतालों का निरीक्षण किया था। इस दौरान शहर के 6 अस्पतालों का निरीक्षण हुआ था। इसमें कई तरह की खामियां सामने आई थी। अस्पताल संचालन से लेकर मेडिकल संचालकों द्वारा भी नियमों की पालन करना नहीं पाया गया था। शहर के श्रीगणेश हॉस्पिटल में तो फायर कंट्रोल सिस्टम का भी अभाव था। आग बुझाने के लिए अस्पताल में सिर्फ फायर एस्ट्रींगर ही मिले थे



इसलिए हुई है कार्रवाई:


दरअसल गत दिनों प्रदेश के जबलपुर के एक हॉस्पिटल में आगजनी की घटना के बाद कई लोगों को जान गंवाना पड़ी थी। इसके पहले भोपाल के हमीदिया हॉस्पिटल में आग की घटना में लोगों की मौत हुई थी। इन घटनाओं के बाद से फायर ऑडिट को लेकर हॉस्पिटल संचालकों को निर्देश दिए जा रहे थे। लेकिन हॉस्पिटल संचालकों की मनमानी जारी थी। इस कारण यह कार्रवाई देखने को मिली है।



व्यवस्था सुधारने मिली मोहलत:


वहीं जिन हॉस्पिटल में फायर सैफ्टी ऑडिट था। लेकिन बायो मेडिकल वेस्ट, सफाई व बायोमेडिकल वेस्ट निपटान को लेकर स्थिति काफी दयनीय मिली थी, उन्हें व्यवस्था सुधारने के लिए तीन सप्ताह की मौहलत दी गई है। इनमें सेहता हॉस्पिटल पाटीदार तिराहे धार, मेवाड़ हॉस्पिटल काशीबाग कॉलोनी धार व लीलादेवी हॉस्पिटल नौगांव बायपास रोड धार शामिल है। इस समयावधि में तीनों हॉस्पिटल नए मरीज भर्ती नहीं कर पाएंगे। सिर्फ ओपीडी संचालित होगी। तीन सप्ताह तक तीनों हॉस्पिटल का लाइसेंस निलंबित रहेगा।



मौत को दावत दे रहा लीलावती हॉस्पिटल:


वही नौगांव ब्रिज स्थित ब्रिज के नीचे लीलावती हॉस्पिटल है मगर हॉस्पिटल के गैर जिम्मेदाराना कर्मचारी व प्रबंधक के द्वारा कहीं मौत को दावत देते हुए नजर आ रहा है वही हॉस्पिटल  के पास लगे विद्युत की डीपी से तार ब्रिज की रेलिग पर जा रहे है वही इस मार्ग पर शाम के समय शहर से कही  लोग यहाँ गुमने आते है किसी दिन यह दुर्घटना को दावत देता हुआ नजर आ रहा है अगर जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी समय रहते समझ सके तो हादसा होने से टल जायेगा। 



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