धार के 6 हॉस्पिटलों का निरीक्षण : फायर कंट्रोल सिस्टम नहीं…एक ही डस्टबीन में पूरे अस्पताल का बायो वेस्ट, सीएमएचओ धार डॉ. शिरीष रघुवंशी ने किया अस्पतालों का निरीक्षण, प्रबंधकों को लगाई फटकार

आशीष यादव, धार 

शहर के 6 प्राइवेट हॉस्पिटलों का सीएमएचओ व टीम ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान फायर सेफ्टी सहित तमाम सुरक्षा मापदंडों व सफाई के मसले पर हॉस्पिटल की जांच की गई। इसमें कई तरह की कमियां देखने को मिली है। इस पर हॉस्पिटल प्रबंधकों को फटकार लगाई गई है। साथ ही हॉस्पिटल के समस्त दस्तावेज तलब किए गए है।सीएमएचओ डॉ. शिरीष रघुवंशी ने सेहता हॉस्पिटल, श्रीगणेश हॉस्पिटल, श्रीकृष्णा हॉस्पिटल, नोबल हॉस्पिटल, लीलावती हॉस्पिटल व मेवाड़ हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। अस्पतालों में अव्यवस्था को देखकर नाराजगी जताते हुए हॉस्पिटल प्रबंधकों को फटकार लगाई है। यह निरीक्षण जबलपुर में गत दिनों एक निजी हॉस्पिटल में आगजनी की घटना में 10 से अधिक लोगों की मौत के बाद आग की घटनाओं से निपटने के लिए होने वाले इंतजाम की जांच के लिए के लिए था। कलेक्टर डॉ. पंकज जैन के निर्देश पर सीएमचओ डॉ. रघुवंशी ने जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमएस गेहलोद, डॉ. अर्पिता जैन के साथ निरीक्षण किया।लैब में नहीं था टेक्निीशीयन सबसे पहले सीएमएचओ डॉ. रघुवंशी टीम के साथ पाटीदार चौराहे स्थित सेहता हॉस्पिटल पहुंचे। यहां अव्यवस्थों को देखकर प्रबंधक को फटाकर लगाई। हॉस्पिटल में ना तो बायोमेडिकल वेस्ट निपटान की जरूरी प्रक्रिया का पालन नहीं हो रहा था। लैब में भी टेक्निशीयन नहीं था। नर्से भी बिना हैंड ग्लबस के मरीजों का चैकअप करती नजर आई। सीएमएचओ डॉ. रघुवंशी ने प्रबंधक को सुधार करने के सख्त निर्देश दिए। टीम श्रीकृष्णा हॉस्पिटल में पहुंची, जहां सीएमएचओ ने रिसेप्शन डेस्क पर मरीजों से लिए जाने वाले शुल्क की जानकारी लेकर अस्पताल प्रबंधक से दस्तावेज मांगे। एक ही डस्टबीन में बायो वेस्ट टीम इसके बाद श्रीगणेश हॉस्प्टिल का निरीक्षण करने पहुंची। जहां मरीज-परिजनों और स्टॉफ की सुरक्षा के लिए फायर सेफ्टी सिस्टम ही नहीं मिला। संचालक के बाहर होने का हवाला देकर अस्पताल प्रबंधक उचित दस्तावेज भी मुहैया नहीं कर पाया। सीएमएचओ डॉ. रघुवंशी ने फायर सेफ्टी को लेकर प्रबंधक को फटाकर लगाकर खुद फायर एक्सट्रींगर की जांच की। हॉस्पिटल में एक बीएएमएस डॉक्टर अदिती मंडलोई की नेमप्लेट लगी मिली। इस पर भी जवाब मांगा है। जंग लगे उपकरणों का भी इस्तेमाल पाया गया। इस तरह की गंभीर अनियमितताओं पर सीएमएचओ डॉ. रघुवंशी ने नाराजगी जताई है। मेडिकलों पर भी नियमों की अनदेखी प्राइवेट अस्पताल नियमों को ताक पर रख रहे है, लेकिन इसी तरह मेडिकल संचालकों द्वारा भी मापदंडों की अनदेखी की जा रही है। निरीक्षण में मेडिकल के जरूरी रजिस्ट्रेशन की कॉपी ही गायब थी। फटकार पड़ी तो कॉपी निकालकर मेडिकल संचालक बाहर टांगते नजर आए। लोगों को दवाई देकर बिल भी नहीं दिए जा रहे थे। इस पर सीएमएचओ रघुवंशी ने नाराजगी जताते हुए कहा किसी भी मरीज कोई भी दवाई दे दोगे क्या? बिल तक नहीं देने पर ड्रग इंस्पेक्टर को जांच के आदेश दिए।अब आगे क्या?निरीक्षण में कई तरह की अनदेखी व मापदंडों का खुला उल्लंघन पाया गया है। अब देखना यह है कि प्राइवेट हॉस्पिटलों की मनमानी पर प्रशासन की सख्ती से बदलाव आता है या फिर निरीक्षण सिर्फ औपचारिकताभर साबित होकर रह जाएगा। 



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