नेशनल लोक अदालत 13 अगस्त को

आशीष यादव, धार 

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार 13 अगस्त को प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री अवनीन्द्र कुमार सिंह के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय एवं समस्त तहसील न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए जिला मुख्यालय पर 12 व तहसील न्यायालयों में 25 न्यायिक खंडपीठ इस प्रकार कुल 37 खंडपीठों का गठन किया गया है। जिसमें पीठासीन अधिकारियों के साथ एक-एक विद्वान अधिवक्ता भी सदस्य के रूप में उपस्थित रहेंगे।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री सचिन कुमार घोष ने बताया कि लोक अदालत विवाद के निपटारे का एक वैकल्पिक माध्यम है, जिसमें दोनों पक्ष की जीत होती है, क्योंकि पक्षकारों के मध्य प्रकरणों का निराकरण सुलह समझौते के आधार पर होता है। जिससे भविष्य में पक्षकारों के मध्य में किसी भी प्रकार की कोई कटुता नहीं रहती है और समाज में भाईचारे की भावना का विकास होता है। राजीनामा योग्य लंबित अथवा प्री-लिटिगेशन प्रकरणों को नेषनल लोक अदालत के माध्यम से निराकरण किया जाता है। नेशनल लोक अदालत में विद्युत विभाग के प्रकरणों तथा नगर पालिका द्वारा सम्पत्ति-कर व जल-कर के प्रकरणों में विशेष छूट प्रदान की जा रही है। उन्होंने अधिक से अधिक संख्या में लोक अदालत के माध्यम से अपने प्रकरणों का निराकरण करने का अनुरोध किया है।


विद्युत चोरी के प्रकरणों में विषेश छूट

अधीक्षण अभियंता (सचा० सधा० ) वृत्त म.प्र.प.क्षे.वि.वि.कं.लि. ने बताया कि 13 अगस्त को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के अंतर्गत शासन की ओर से विद्युत चोरी के प्रकरणों में विषेश छूट की घोषणा की गई है। उक्त छूट की सुविधा केवल लोक अदालत को ही रहेगी। विशेष विद्युत न्यायालय के "लंबित प्रकरणों में आकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं ब्याज पर सम्पूर्ण छूट रहेगी । इसी प्रकार से प्री लिटीगेशन के प्रकरणों में आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं ब्याज पर सम्पूर्ण छूट रहेगी । उपभोक्ता को आंकलित सिविल दायित्व जमा किये जाने योग्य राशि का भुगतान एक मुश्त करना होगा जो भी उपभोक्ता उक्त छूट का लाभ लेना चाहते हैं वह सभागीय कार्यालय से संबंधित वितरण केन्द्र में जाकर समझोता योग्य राशि लोक अदालत के पूर्व भी जमा कर के अपना प्रकरण समाप्त करा सकते हैं तथा इस हेतु संभागीय कार्यालय से भी सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं। जिन उपभोक्ताओं के प्रकरण न्यायालय में लंबित है अथवा जिनका विद्युत चोरी का पंचनामा विभाग के द्वारा बनाया गया है, यदि उनको किसी कारणवश न्यायालय का सूचना पत्र प्राप्त नहीं हो पाया है वे विद्युत विभाग के संबंधित कार्यालय अथवा नियत दिनांक को न्यायालय में उपस्थित होकर अपने प्रकरण का निराकरण करा सकते है और जिन उपभोक्ताओं का विद्युत चोरी का पंचनामा बना हुआ है उनके "विद्युत विच्छेदन किए जा रहे हैं।  



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