समीकरण साधने के लिए भाजपा में आदिवासी अध्यक्ष को लेकर विमर्श शुरु, कोर समिति की बैठक में जनपद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष चयन को लेकर हुई बात, जिपं पर औपचारिक चर्चा

आशीष यादव, धार 

जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष निर्वाचन में महज 2 दिन शेष है। दोनों ही दल 14-14 सदस्यों के साथ 15 सदस्य का बहुमत हासिल करने के लिए समीकरण बनाने में जुटे हुए है। राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी समुदाय की द्रोपदी मुर्मू को मप्र से मिले विपक्षी दल से मिले वोट समीकरण को ध्यान में रखते हुए धार जिला पंचायत चुनाव में भाजपा से आदिवासी अध्यक्ष उम्मीदवार को लेकर भी चर्चाएं शुरु हो गई है। भाजपा के लिए वर्ग प्रतिनिधित्व देने से महत्वपूर्ण जिपं पर अध्यक्ष-उपाध्यक्ष को काबिज करना हो गया है। सोमवार को जिला भाजपा कार्यालय में कोर कमेटी की बैठक हुई थी। इस बैठक में 13 जनपदों में 27 और 28 जुलाई को होने वाले जनपद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष निर्वाचन को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान औपचारिक रूप से जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर भी चर्चा हुई है। अभी तक भाजपा ने अपने पत्ते नहीं खोले है। संभवत: बुधवार को भाजपा अपने जिपं अध्यक्ष का चेहरा तय कर सकती है।  यह बात तय है कि यदि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष किसी एक पद पर भाजपा आदिवासी नेतृत्व को अवसर देगी।

गंधवानी पर भी भाजपा की नजर

भाजपा में जिपं अध्यक्ष पद पर आदिवासी वर्ग से प्रतिनिधित्व देने को लेकर चर्चा दूरदर्शी राजनीति को दृष्टिगत रखते हुए भी की जा रही है। गठन के बाद से गंधवानी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा कभी भी चुनाव नहीं जीत पाई है। यहां पर भाजपा के पास कोई दमदार उम्मीदवार नहीं है। वहीं गुटबाजी भी हावी है। ऐसी परिस्थिति में इस क्षेत्र से जिपं सदस्य चुने गए सरदार   मेड़ा को उम्मीदवार बनाकर भाजपा गंधवानी में विकास कार्यों के माध्यम से तेजी से लोगों से जुड़ सकती है। वहीं इस क्षेत्र में भाजपा में टिकिट को लेकर झगड़ा भी समाप्त हो सकता है। रमेश जूनापानी जैसे लोगों के लिए अवसर बनेंगे। वहीं अन्य लोगों को चुनाव में उतारने के दौरान एक सशक्त टीम मिल जाएगी। शिवराम कन्नौज का नाम भी चर्चा में है, लेकिन नए और कम अनुभवी होने के कारण भाजपा यहां पर रिस्क नहीं लेगी।


सामान्य वर्ग के लिए है सीट

जिला पंचायत में पिछले 10 सालों से आदिवासी महिला अध्यक्ष काबिज रही है। कांग्रेस यहां पर दो मर्तबा गुटबाजी के कारण अध्यक्ष नहीं बना पाई है। इस चुनाव में जिला पंचायत का आरक्षण अनारक्षित यानि मुक्त और आम भाषा में सामान्य वर्ग के लिए अवसर लेकर आया है। ऐसी परिस्थिति में दूसरे वर्ग के लोग भी भागीदारी के लिए उम्मीद लगाकर बैठे हुए है। तमाम उम्मीदों और दावों के मध्य दोनों दलों के लिए ‘कब्जा’ महत्वपूर्ण है। वर्तमान में भाजपा से सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों में महिला श्रेणी से संगीता पटेल, टीना पिपलीपाड़ा और ओबीसी पुरुष वर्ग से विक्रम पटेल और चंचल पाटीदार को  अध्यक्ष का चेहरा माना जा रहा है।


कांग्रेस रायता सोरने में लगी

कांग्रेस 14 सदस्य होने के बावजूद अभी भी अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाने के लिए भाजपा के तुलनात्मक मजबूत नहीं मानी जा रही है। गंधवानी विधायक उमंग सिंघार ने आदिवासी सदस्य को अध्यक्ष बनाने की मांग उठाकर रायता ढोल दिया है। भाजपा यदि आदिवासी उम्मीदवार को अवसर देती है तो राष्ट्रपति चुनाव की तरह भाजपा को विपक्षी दल का समर्थन मिल जाए तो आश्चर्य की बात नहीं होगी। संभवत: विपक्षी दल के मददगार नेताओं की छवि को सुरक्षित रखने के लिए भी आदिवासी अध्यक्ष की चर्चा भाजपा में शुरु हुई हो। तमाम विपरित हालातों के बावजूद जिला कांग्रेस अध्यक्ष बालमुकुंदसिंह गौतम रायता सोरने में लगे हुए हैं। 14 को बांधे रखना और 15वें सदस्य की जुगाड़ करने के लिए महज 48 घंटे शेष है।                         


बॉक्स खबर-

विवादित महाराज को राज्यमंत्री के दर्जे का सपना मठ के बाबा की इंट्री अब राजनीति में होने वाली है। लाभ-शुभ के चलते बाबा को जल्द ही राज्यमंत्री का दर्जा दिलाने का सपना दिखाया गया है। अध्यात्म के आवरण से राजनीति का चोला ओढ़ने की आत्ममुग्धता में बाबा तो मस्त है, लेकिन विरोधी सक्रिय हो गए है। सूत्रों की माने तो राज्यमंत्री का दर्जा मिलने के पहले बाबा को अपने पुराने गुनाह डरा रहे है। बाबा ने अध्यात्म की आड़ में अपने परिवार के नाम पर लाखों की जमीन बना ली है। अपने प्रभाव के बल पर क्षेत्र में सट्टा, जुआं सहित कई गतिविधियों के संचालनकर्ताओं को बाबा का संरक्षण है। दो वर्ष पूर्व बाबा क्षेत्र की दो युवतियों के विवाद के चलते मानपुर थाने में घंटों तक बैठे रहे थे। रसूकदार के फोन के बाद बाबा रिहा हुए थे। बाबा राज्यमंत्री बने या ना बनें, लेकिन उनका अध्यात्म का आवरण खुल गया है। उनकी राजनैतिक महत्वकांक्षा ने उनके विरोधियों की संख्या बढ़ा दी है। राजनैतिक परिस्थितियां कब क्या करवट लें यह कोई नहीं कह सकता है। फिलहाल बाबा राज्यमंत्री बनने के स्वप्न को लेकर स्वयं को फीट रखने में जुटे हुए हैं। 



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