जिला अस्पताल में कतारों से मिलेगी मुक्ति, ओपीडी में टोकन सिस्टम लागू, एलईडी लगी नंबर दिखेंगे और एनाउंसमेंट भी होंगे , व्यवस्थाओं का किया सरलीकरण

 आशीष यादव, धार

जिला अस्पताल में प्रतिवर्ष 2 लाख से अधिक ओपीडी दर्ज होती है । औसत रूप से 500 से 700 मरीज प्रतिदिन उपचार के लिए आते हैं । इसके कारण मरीजों की कतारें लगती है । अब जिला अस्पताल ने व्यवस्थाओं के सरलीकरण की और एक कदम बढ़ाया है । मरीजों को कतारों से निजात मिलने वाली है । यहां पर टोकन सिस्टम लागू किया जा रहा है । टोकन मिलने के बाद मरीज आराम से अपने नंबर का इंतजार करते हुए बगैर कतार के बैठ सकते हैं । इसके लिए प्रांगण में एलईडी लगाई जा रही है जिस पर मरीज का टोकन नंबर दिखाई देगा । इसी के साथ नंबर का एनाउंसमेंट भी होगा । एनाउंसमेंट उन मरीजों को सुविधा होगी जो अशिक्षित है । पढ़ - लिख नहीं सकते हैं । एलईडी पर अपना नंबर देखकर आप डॉक्टर के पास जा सकेंगे । 

पर्ची कक्ष से मिलेगा टोकन:

जिला अस्पताल में बीमार जब अपनी पर्ची बनवाने के लिए काउंटर पर जाएंगे उसी दौरान उनसे बीमारी की जानकारी लेकर संबंधित ओपीडी का टोकन दिया जाएगा । टोकन व्यवस्था में फिलहाल अर्थो , सोनोग्राफी , गायनिक , जनरल ओपीडी , एनसीडी को शामिल किया गया है । बीमारी के अनुसार ओपीडी कक्ष की जानकारी होने पर मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा । 

डॉक्टरों की मेहनत बढ़ी ऐप पर डिटेल देंगे:

टोकन व्यवस्था में जिला अस्पताल के चिकित्सकों की मेहनत बढ़ गई है । दरअसल अब उन्हें मरीजों को देखने के बाद डॉक्टर ऐप पर ओके भी करना होगा । इसके बाद ही दूसरे मरीज का नंबर आएगा । स्क्रीन पर मरीज का नंबर भी आएगा और वेटिंग नंबर भी मरीज देख सकते हैं । एक समय पर एक ही मरीज ओपीडी में जा पाएगा ।


सोमवार से होगा श्री गणेश:

जिला अस्पताल में पिछले दो दिनों से ओपीडी कक्ष के बाहर स्क्रीन लगाने की कवायद चल रही है । नई टोकन व्यवस्था सोमवार से प्रारंभ होगी । इसको लेकर चिकित्सकों को डॉक्टर ऐप लोड करवा दिया है और उन्हें इसका प्रशिक्षण भी दिया गया है ।


अब डॉक्टरों को भी बैठना होगा पूरे समय:

जिला अस्पताल में डिस्प्ले लगने के बाद अब डॉक्टरों का भी होना जरूरी है वही अधिकांश डॉक्टर अपने कक्ष में ना होते हुए निजी हॉस्पिटल में इलाज करने जाते हैं इसलिए डिस्प्ले लगने के बाद टोकन सिस्टम लागू होने से डॉक्टरों को अपने रूम में ही सेवा देनी पड़ेगी वही कही डॉक्टर अपने केबिन में मौजूद नही रहती है।वही अब शासन द्वारा यह नई व्यवस्था लागू होने से मरीजों को सही समय पर इलाज मिल सकेगा। 



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