संविधान( अनुसूचित जातियाँ और अनुसूचित जनजातियाँ) आदेश (दूसरे संशोधन) विधेयक, 2022 के समर्थन में लोकसभा में अपना व्यक्तव्य दिया रतलाम झाबुआ अलीराजपुर सांसद गुमान सिंह डामोर

 यशवंत जैन

चन्द्रशेखर आज़ाद नगर:- रतलाम झाबुआ अलीराजपुर लोकसभा के लोकप्रिय सांसद श्री गुमान सिंह डामोर जी ने लोकसभा में माननीय सभापति महोदया के माध्यम से संविधान( अनुसूचित जातियाँ और अनुसूचित जनजातियाँ) आदेश (दूसरे संशोधन) विधेयक, 2022 के समर्थन में विषय रखा । 

माननीय सांसद महोदय ने कहा कि जनजाति समाज का बहुत ही गौरवशाली इतिहास रहा है ।गोंड जाति जिसे अनुसूचित जाति में सम्मिलित किया था, आज हम उसे अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित करने जा रहे हैं। देश के एक बड़े भूभाग पर गोंड साम्राज्य का राज्य रहा है। मध्यप्रदेश के भोपाल में रानी कमलापति, जबलपुर में रानी दुर्गावती, शंकर शाह, रघुनाथ शाह आदि कई राजा हुए है। गोंड समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है। अनुसूचित जाति और जनजाति में भेद समझने में हमें 70 साल लग गए, यह बहुत दुर्भाग्य की बात है। 

अगर अनुसूचित जनजाति के गौरव को किसी ने समझा है तो भारतीय जनता पार्टी है। भारतीय जनता पार्टी ने अनुसूचित जनजाति समाज को मान सम्मान दिया है। पहली बार वर्ष 1999 में जनजातीय समुदाय के लिए देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्रधेय अटल बिहारी वाजपेई जी के द्वारा जनजाति मंत्रालय का गठन किया गया था।श्री डामोर ने कहा मुझे यह बात बताते हुए खुशी है। हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री मोदी जी ने पहली बार इस देश के जनजाति समाज की पीड़ा को समझते हुए *भगवान बिरसा मुंडा जी के जन्मदिन के अवसर पर 15 नवंबर को जनजातिय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की* । प्रधानमंत्री जी के इस कदम के कारण आज पूरा जनजातीय समाज गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

हमारे प्रधानमंत्री ने पहली बार अंत्योदय के माध्यम से लगभग 90% अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से लाभ पहुंचाया, हमारी बहनों के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से जनजातीय भाइयों के लिए दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना जिसके माध्यम से 28000 से अधिक गांव जो बिजली से वंचित थे वहां उजाला पहुंचा। प्रधानमंत्री आवास योजना बड़ी संख्या में पक्के मकान बने।हमारी बहनों को दूर से पानी लाना पढ़ता था उसके निवारण के लिए प्रधानमंत्री नल जल योजना। बैंकों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री जन धन योजना सहित अनेक योजना हमारे भाइयों बहनों जीवन को और उत्कृष्ट बनाया है।

 

सांसद श्री डामोर जी ने कहां अगर सही मायने में माने तो *अनुसूचित जनजाति समुदाय ही सनातन धर्म का ध्वजवाहक है* अनुसूचित जनजाति के लोग अग्नि की पूजा करते हैं, वृक्ष की पूजा करते हैं,गाय को माता मानते हैं, पहाड़ों की पूजा करते हैं ,और इसी तरह से अनुसूचित जनजाति के लोग देश की संस्कृति को मजबूत करने का काम कर रहे हैं

अनुसूचित जनजाति के लोग ही सच्चे हिंदू हैं। और मुझे यह कहते हुए गर्व का महसूस हो रहा है। मैं उस समुदाय हूं जिसने इस देश की संस्कृति को मजबूत किया।

सांसद डामोर जी ने सभापति महोदया से अनुरोध किया कि हमारी पूजा पद्धति रहन-सहन हमारे रीति रिवाज इन सब बातों के आधार पर अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को संविधान के अनुच्छेद 366 के भाग 25 में परिभाषित किया गया है। जनजाति क्षेत्र में हमारी संस्कृति को संरक्षित किया जाए आज बड़ी ही तेजी से जनजाति क्षेत्रों में धर्मांतरण हो रहा है। हमारे अशिक्षित भाइयों को प्रलोभन देकर भोले भाले जनजाति भाइयों को धर्मान्तरित किया जा रहा है। हमारी संस्कृति के खिलाफ एक वर्ग को खड़ा किया जा रहा है इस धर्मांतरण को रोका जाए।

 कुछ लोगों ने स्वयं को धर्म अंतरित कर लिया है तो *संविधान के अनुच्छेद 366 में जो परिभाषा दी गई है यदि वे उस परिभाषा में नहीं आ रहे हैं तो उनको अनुसूचित जनजाति की सूची से बाहर कर दिया जाए*।गोंड समाज जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति मैं आ रहा था जो कि अनुचित था।इसे मानसिक प्रताड़ना कहे तो इसमें भी अतिशयोक्ति नहीं होगी। हमारी अनुसूचित जातियों से परंपराये, मान्यताएं, सांस्कृति,मैं जमीन आसमान का अंतर है । इसके कारण शादी-ब्याह एवं अन्य रीति रिवाज पालन करने में बहुत समस्या आ रही थी। आज इस बिल के माध्यम से अनुसूचित जाति के पास जो एक्स्ट्रा बर्डन था वह भी कम होगा और अनुसूचित जनजाति को उसका सही सम्मान मिलेगा। इससे दोनों को फायदा होगा। उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे मध्यप्रदेश में रीवा, सीधी, सतना, आदि जगह पर "कौल"समाज जनजाति है।लेक़िन उत्तर प्रदेश में कौल जनजाति शामिल नहीं है मैं मंत्री जी से मांग करता हूं। उत्तर प्रदेश में भी कौल समाज के लोगों को जनजाति में शामिल करें और निवेदन किया कि जितने भी शेड्यूल्ड ट्राइब जिले हैं *उन्हें आकांक्षी जिले में लिया जाए साथ ही हमारे क्षेत्र के झाबुआ और अलीराजपुर को भी आकांक्षी जिला घोषित किया जाए* इस बिल के समर्थन करते हुए माननीय महोदय ने कहा की संत कबीर नगर, कुशीनगर, चंदौली, संत रविदास नगर, में गोंड समाज के लोग अनुसूचित जाति की जगह अनुसूचित जनजाति में आएंगे उनके साथ धुरिया, नायक, ओझा,पथारी, राजगोंड, समाज के लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा।



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