आशीष यादव, धार
कोरोना संक्रमण की वजह से दो साल बाद 14 अप्रैल से शुरू होने वाले सहालग में लोग बेफिक्री से शादियां कर पाएंगे । कोरोना का खौफ समाप्त हो गया है और 4 माह में 41 विवाह मुहूर्त हैं , ऐसे में शादियों की धूम रहेगी । नूतन विक्रम संवत्सर 2079 में खरमास की समाप्ति होते ही विवाह , देव प्रतिष्ठा , नूतन गृहनिर्माण , गृहप्रवेश आदि जैसे मांगलिक कार्य 14 अप्रैल से बैंड-बाजा बारात और शादी की धूम शुरू होने वाली है। इसके साथ ही अन्य मांगलिक कार्य भी शुरू होंगे। 14 अप्रैल केा खरमास समाप्त हो रहे हैं। 14 अप्रैल को सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा। इस बार अप्रैल में शादी के 11 शुभ मुहूर्त हैं। जो 14, 15, 17, 19, 20, 21, 22, 23 27, 28 और 29 तारीख को हैं। 14 अप्रैल से शुरू होने वाला शादी विवाह का यह सिलसिला इस बार जुलाई माह तक चलता रहेगा। पंडित अशोकशास्त्री ने बतया कि आगामी 14 अप्रैल से खरमास समाप्त हो जाएगा। इसके बाद डेढ़ माह बाद विवाह की शहनाइयां गूंजेगी। 14 अप्रैल के बाद से लेकर 10 जुलाई तक फिर से शादी के बंपर शुभ मुहूर्त निकल रहे हैं। इसके बाद 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी प्रारंभ होने जा रही है। जो 4 नवंबर देवोत्थानी एकादशी तक रहेगी। बता दें कि इस बीच मई के महीने में विवाह के सबसे अधिक मुहूर्त हैं। सनातन परंपरा के मुताबिक मई में विवाह के कुल 19 शुभ मुहूर्त हैं। इसके जून में 17, जुलाई में 9, नवंबर में 5 और दिसंबर में 9 तिथियों को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं ज्योतिषाचार्य के अनुसार, गत 14 मार्च से मीन राशि में सूर्य ग्रह प्रवेश कर गया था। ऐसी स्थिति में 14 अप्रैल तक इसी राशि में रहने के कारण खरमास लगा हुआ है। इन एक महीने में शादी-समारोह समेत सभी मांगलिक कार्य नहीं होते। लेकिन 15 अप्रैल से फिर शुभ मुहूर्त शुरू हो रहे हैं। मालूम हो कि 22 फरवरी से 24 मार्च के बीच गुरु बृहस्पति अस्त रहे तो इस दौरान शादी विवाह समेत सभी शुभ कार्य प्रतिबंधित थे। इसके बाद 25 मार्च से होलाष्टक लग गया था। जिससे सूर्य के मीन मलमास शुरू गए। ऐसे में अब विवाह के मुहूर्त 15 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं।
15 को मेष सूर्य का होगा प्रवेश :
ज्योतिषि बताते हैं कि देवशयनी एकादशी तक 41 शुभ विवाह मुहूर्तों का योग बन रहा है । मेष राशि वृष राशि में सूर्य का प्रवेश 15 मई सुबह 5.28 बजे होगा । इसके बाद जो भी विवाह की शुभ मुहूर्त हैं , उनमें वर के लिए सूर्य एवं चंद्र की शुभता का ध्यान रखना होगा । वधु के लिए गुरु ग्रह स्वराशि में होने के कारण अशुभ होते हुए भी गुरु शुभ रहेंगे इसलिए विवाह के त्रिबल शुद्ध मुहूर्त निकालने के लिए वधु के लिए चंद्रबल देखने की ही आवश्यता रह जाएगी ।
बुधादित्य योग के साथ ग्रहण दोष भी :
ज्योतिषियों के अनुसार 14 अप्रैल को सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करते ही वहां पर पूर्व से ही स्थित बुध एवं राहु के साथ सूर्य की युति बनेगी । सूर्य एवं बुध की युति के कारण बुधादित्य योग बनेगा । लेकिन सूर्य राहु की युति के कारण ग्रहण दोष भी लग रहा है , जिसके फलस्वरूप शासक वर्ग के लिए यह समय शुभ नहीं कहा जा सकता है । सूर्य राहु की युति होने के कारण सत्ता पक्ष को गुप्त शत्रु हानि पहुंचाने की कोशिश करेंगे या सत्ता पक्ष में किसी प्रमुख व्यक्ति को शारीरिक कष्ट की आशंका भी हो रही है।
शादियों से खरीदी बढ़ेगी:
वही लगातार कोरोना के कारण बाजार में ग्राहकी कम थी वही एक माह बाद फिर से बाजार गुलजार होने की उम्मीद है वही व्यापारी अमरदीप सोलंकी ने बताया कि लगातार दो साल कोरोना से नियमों की बाध्यता के कारण बाजार में इतनी रौनक नहीं थी वही एक महीने बाद फिर से शादियों के सीजन चालू होने से बाजार में ग्राहकों की आवक बढ़ने लगी है वह खरीदी बाजार में होने लगी है वही इस बार बाजार में शादियों होने से ग्राहकी भी बढ़ेगी व व्यापार भी अच्छे होने की उम्मीद है
चार माह में यह है लग्न के महूर्त
अप्रैल - 14 , 16 , 19 , 20 , 21 , 22 , 23 , 24 , 27
मई - 2 , 3 , 9 , 10 , 11 , 12 , 15 , 16 , 17 , 18 , 20 21 , 25 , 26 , 27 , 31
जून - 1 , 6 , 8 , 10 , 11 , 13 , 20 , 21 , 23 , 24 जुलाई - 3 , 4 , 5 , 7 , 8 , 9
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