गेहूं कटाई के साथ किसानों के काम से फ़ुर्सत मिलते ही मंडियों कि ओर किया रुक, 13 हजार से अधिक गेंहू की आवक फसलों के भाव मैं तेजी से मंडी में लगने लगी भीड़

आशीष यादव, धार

गेहूं की फसल कटाई शुरू होने के साथ ही किसान अपनी फसलो को बेचने के लिए मंडी में पहुंचने लगे हैं। नए गेहूं को मंडी में भरपूर मूल्य भी मिल रहा है। अच्छे भाव मिलने से स्थिति यह है कि मंडी में गेहूं की उपज लेकर आने वाले किसानों के वाहनों की कतार लग रही है। ऐसे में किसान अपना नंबर लगाने के लिए एक दिन पहले ही मंडी पहुंच रहे हैं।बीते सप्ताह से ही धार कृषि उपज मंडी में गेहूं की भरपूर आवक हुई। करीब पांच सौ से आठ सौ किसान गेहूं व अन्य फसल लेकर अलग-अलग ग्रामीण क्षेत्रों से यहां पहुंचे। सप्ताह भर सुबह 9 बजे से शुरू हुई नीलामी का सिलसिला शाम तक चलता रहा। उपज की नीलामी के बाद तुलाई के लिए वाहनों की कतार लगी रही। इस बार मंडी में गेहूं की उपज को अच्छे भाव मिलने से किसान वर्ग खुश नजर आ रहा है। शनिवार को मंडी में गेहूं अधिकतम 2388 रुपये क्विंटल में बिका। ग्रामीण क्षेत्रों से उपज बेचने के लिए आए किसानो ने कहा-सरकार ने समर्थन पर गेहूं खरीदी का मूल्य 2015 रुपये क्विंटल तय किया है। अभी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी भी शुरू नहीं हुई है। मंडी में समर्थन मूल्य से अधिक भाव गेहूं का मिल रहा है इसलिए शासन की खरीदी का इंतजार क्यों करें। किसान तलमीन खान अनारद ने कहा कि रुपयों की आवश्यकता है। समर्थन मूल्य पर 25 मार्च से खरीदी शुरू होगी। इसीलिए मंडी में उपज बेचने के लिए आना पड़ा। इन दिनों मंडी में रोजाना औसतन 13 हजार बोरी से अधिक गेहूं की आवक हो रही है गेहूं अधिकतम 2388 रुपये प्रति क्विंटल में बिका जबकि न्यूनतम भाव 1902 रुपये तथा माडल भाव 2260 रुपये क्विंटल रहा।


एक रात पहले ही पहुंच रहे किसान:

कृषि उपज मंडी में गांव-गांव से किसान रात में ही अपने टेक्टर अन्य साधनों से मंडी आ रहे हैं। रात रुकने के बाद सुबह से किसान अपने गेहूं की बोली के अन्तजार में रुके रहते हैं मंडी प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार किसानों की उपज की नीलामी के लिए अब टोकन दिए जायेंगे। वही वाहनों की संख्या अधिक होने पर मंडी रोड पर कतार लग गई थी वही बाद में उपज नीलाम होने के बाद व्यापारियों के निजी तौल-कांटों पर ही तौल होता है, उसके अलावा जाने और आने का मार्ग एक होने से थोड़ी दिक्कत होती है गेहूं के अलावा मंडी में सोयाबीन की आवक भी बढ़ रही है।


पांच साल में गेंहू का उच्चतम भाव:

रूस-यूक्रेन युद्ध के यूं तो कई नुकसान हो सकते हैं लेकिन इसके पाजिटिव इफेक्ट के रूप में किसानों को लाभ हो सकता है। ज्ञात हो कि विश्व के गेहूं निर्यातकों में रूस व यूक्रेन का बड़ा हिस्सा है और युद्ध के चलते इसके प्रभावित होने के प्रबल आसार हैं। ऐसे में हमारे देश से गेहूं निर्यात की संभावनाओं के चलते धार में किसानों को गेहूं के अच्छे दाम मिल रहे हैं। वर्तमान में धार जिले की मंडी में गेहूं के भाव गत पांच वर्ष के अधिकतम पर चल रहे हैं। आने वाले दिनों में गेहूं की आवक व भाव और बढ़ने की और संभावना है। गेहूं आवक की शुरुआत में भाव समर्थन मूल्य से अधिक हो चुके हैं। इसका सीधा लाभ किसानों को होगा और समर्थन मूल्य पर होने वाली शासकीय खरीदी प्रभावित हो सकती है। उल्लेखनीय है कि समर्थन मूल्य पर गेहूं के भाव 2015 रुपये प्रति क्विंटल तय किए गए हैं। जबकि वर्तमान में मंडी में अधिकतम भाव 2388 रुपये क्विंटल तक मिल रहा है।

 

पिले सोने के भाव मे तेजी:

कृषि उपज मंडी अब पीले सोने के नाम से पहचान बना चुकी सोयाबीन अब आबाद होने लगी है। मंडी में सोयाबीन की आवक बढ़ गई है। पिछले सप्ताह से इस सीजन में पहली बार तीन हजार बोरी सोयाबीन की आवक हुई। अब आगामी दिनों में और आवक बढ़ने की उम्मीद है। क्योंकि आने वाले दिनों में गेहूं की फसल आने से किसान अपनी सोयाबीन की उपज के गोदाम खाली कर रहे क्योकि आने वाले दिनों में गेहूं रखने के लिए जगह की आवश्यकता होती है इस लिए किसान अपनी सोयाबीन मंडी में ला रहे है।सोयाबीन के भाव रोज नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। मंगलवार को अनाज मंडी में सोयाबीन अधिकत 8100 रुपए प्रति क्विंटल हो गए वही पिछले दिनों ऑयल वाली सोयाबीन के भाव 9000 हजार तक हो गए थे । 


डालर की आवक कमजोर

इस बार जिले में किसानों ने अच्छी बारिश के चलते गेहूं की बोवनी अधिक की थी। डालर चने के बोवनी का रकबा काफी कम रहा। जिसका नतीजा मंडी में भी आवक काफी कम हो रही है। सीजन में भी 180 बोरी डालर चना बिक्री हेतु आ रहा है। भाव 7600 से 8000 रुपये क्विंटल चल रहे हैं। कम आवक के चलते कुछ कारोबारी गेहूं का व्यापार ज्यादा कर रहें है।


मंडी में किसानों के लिए भोजन की व्यवस्था

मंडी में किसानों को दस रुपए में छह पूड़ी और एक कटोरी सब्जी मिलने लगी है। इस भोजन योजना को शासन द्वारा कोरोना वायरस के चलते बंद कर दिया गया था। अब फिर से इस योजना को शुरू कर दिया है। इसका लाभ किसानों, मजदूरों और हम्मालों व अन्य लोगों को मिल रहा है। यह भोजन योजना सुबह 9ः30 से 4ः30 बजे तक चालू रहती है। पर्ची कटवा कर व पर्ची और पांच रुपए गेट पर देकर पूड़ी और सब्जी ले सकते हैं। साथ ही बैठने के लिए भोजन टेबल की व्यवस्था भी है। जिसे किसानों को मंडी में भोजन की व्यवस्था होने से उनको परेशान नही होना पड़ रहा है 


जाम से नहीं मिल रहा है निजात :

जैसे एक गेहूं की आवक बढ़ने लगी वैसे ही मंडी में जाम लगने से स्थिति बिगड़ने लगी है वही दुकानों के बाहर व्यापारी द्वारा वाहन व रेत व अन्य साधन रखे जिससे मंडी रोड पर जाम लगता है जिससे मंडी आने वाले ट्रैक्टरों को असुविधा होती है जिससे किसान घंटों लाइन में खड़े होकर मंडी में प्रवेश करते हैं कोई कहीं बात मंडी रोड पर व्यापारियों की दुकानों पर नगर पालिका व यातायात विभाग द्वारा कार्रवाई की गई मगर गैर जिम्मेदार व्यापारी द्वारा अपनी दुकान के सामने अतिक्रमण कर आने जाने वाले राहगीरों को दिक्कत दे रहे हैं


गेंहू के व अन्य फसलो के भाव अच्छे मिल रहे है

वही मंडी में अभी गेहूं की आवक अच्छी है वहीं गेहूं के साथ सोयाबीन डालर व अन्य फसलों के भाव भी अच्छे मिल रहे हैं जिसके कारण मंडियों में भीड़ बढ़ रही है इस बार हम समर्थन मूल्य पर ना बचते हुए मंडी में ही अपना गेहूं बेचने आये हैं क्योंकि इस बार गेहूं का भाव मंडी में अच्छे मिल रहे हैं~~ लाखन सिंह डोडिया अनारद किसान


आने वाले दिनों आवक बढ़ेगी

वही पिछले सप्ताह से गेंहू की आवक बड़ी है वही वर्तमान में गेहूं के भाव बेहतर मिल रहे हैं। फिलहाल शुरूआती आवक है, आने वालों दिनों में आवक बढ़ेगी। वही अपनी समर्थन मूल्य की खरीदी चालू नही हुई उसको देखते हुए मंडी में आवक ज्यादा हो रही है और किसानों को भाव भी अच्छे मिल रहे है भाव में तेजी होने से किसानों को लाभ होगा~~ आर वसुनिया सचिव, कृषि उपज मंडी धार 






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