उत्साह से दिया इम्तिहान पेपर देखते ही खुश हुए बच्चे बिना मास्क नहीं दिया प्रवेश, हर छात्र की जांच की गई, पहला पेपर होने से सुबह से 8 बजे पहुँचने विद्यार्थी

आशीष यादव, धार

दो साल बाद गुरुवार से ऑफलाइन मोड पर माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा शुरू हुई । पहले दिन 12 ओर दूसरे दिन 10 वीं का हिंदी का पेपर था । यह जैसे ही विद्यार्थियों के हाथ में आया तो देखते ही तनाव व घबराहट दूर हो गई । 1 बजे पेपर खत्म होने के बाद केंद्रों से बाहर निकले विद्यार्थियों चेहरे पर खुशी नजर आई । उन्होंने कहा दो साल बाद परीक्षा हुई लेकिन पेपर आसान आया बदले पैटर्न पर ही प्रश्न अच्छे पूछे गए थे । कोई भी प्रश्न सिलेबस से बाहर का नहीं था । जिलेभर में 99 केंद्र बनाए थे जहां 10 वीं में दर्ज 29734 में से 2097 नहीं पहुंचे । डेढ़ घंटे पहले ही केंद्रों पर सुबह 8.30 बजे से विद्यार्थी पहुंचने लगे थे । 9.30 बजे से बोर्ड पर रोल नंबर देखने के बाद छात्रा परीक्षा हॉल में जाने लगे थे । कोरोना का प्रोटोकाल का पालन करते हुए केंद्रों पर सुबह 8 बजे से ही परीक्षार्थी पहुंचने लगे थे। हर केंद्र पर प्रवेश से पहले जांच हुई। इस दौरान केंद्र पर लंबी-लंबी लाइनें लगीं। बगैर मास्क किसी को प्रवेश नहीं दिया गया। परीक्षार्थी पानी की बोतल के साथ ही सैनेटाइजर बोतल लेकर आए। इसके अलावा अन्य सामग्री परीक्षा कक्ष से बाहर रखवा ली गई।आंनद कुमार पाठक ने

बताया कि परीक्षा 10 से 1 बजे तक है। परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए 7 अलग-अलग उडऩ दस्ते बनाए गए हैं कोविड प्रोटोकाल के तहत हर परीक्षा केंद्र पर आईसोलेशन रूम भी बनाए गए हैं।


सरकारी के साथ निजी स्कूल बने परीक्षा केंद्र

वही सरकारी के साथ ही निजी स्कूलों में भी परीक्षा केंद्र बनाए हैं। वही जिले में 2 परीक्षा केद्र हैं पीथमपुर व धमनोद में सरकारी स्कूलों में अधिक संख्या में छात्रों को बैठाया जा सकता था, वही कोरोना को देखते हुए निजी स्कूलों को शामिल किए वही सीमित क्षमता रखी गई। दो साल बाद परीक्षा, उत्साह के साथ डर भी दो साल से कोरोना महामारी के चलते बोर्ड परीक्षाएं नहीं हो पाई हैं। इस साल ऑफ लाइन परीक्षाएं हो रही हैं। छात्रों में परीक्षा को लेकर उत्साह है और साथ ही डर भी है। अंदर जाते समय थर्मल स्क्रीनिंग के साथ हाथ सैनिटाइज्ड करवाए । केंद्रों पर बड़ी संख्या में विद्यार्थियों की लाइन लग गई थी । स्कूल स्टाफ ने परीक्षा को लेकर तैयारियां दो दिन पहले ही पूरी कर ली थीं । परीक्षा हॉल में एक बैंच पर एक ही विद्यार्थी के बैठने की व्यवस्था की थी । पहला दिन होने के चलते सुबह - सुबह घरों से स्कूल तक आने में बड़ी जद्दोजहद करना पड़ी । 


नहीं बना कोई भी नकल प्रकरण-

पाठक मुताबिक कोरोना संक्रमित परीक्षार्थियों के लिए प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर एक अलग से कक्ष बनाया था परीक्षा केंद्रों में से कुछ संवेदनशील थे इन सभी पर नकल रोकने के लिए चाकचौबंद व्यवस्थाएं की थीं उड़नदस्ता दल ने निरीक्षण भी किया लेकिन सभी जगह स्थिति ठीक मिली जिले में किसी भी केंद्र पर कोई भी नकल प्रकरण नहीं बना 10 वीं की परीक्षाएं शुक्रवार से शुरू होकर 12 मार्च तक आयोजित की जाएंगी।

99 परीक्षा केंद्रों पर 29 हजार 937 बच्चे दर्ज किए गए थे जिले में शुक्रवार को हायर सेकंडरी की परीक्षा के लिए 99 केंद्र बनाए गए थे । जिन पर 27 हजार 637 बच्चे उपस्थित रहे वहीं 2097 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे । जबकि जिले में 29 हजार 937 परीक्षार्थियों को शामिल होना था । जिले में दसवीं की परीक्षा के लिए केंद्रों पर कोरोना गाइड लाइन का पालन करने के निर्देश थे , लेकिन परीक्षा केंद्रों में विद्यार्थियों के चेहरे पर मास्क तो थे पर सोशल डिस्टेंस नहीं दिखा । न ही परीक्षा केंद्रों पर जिम्मेदार केंद्राध्यक्ष कोरोना गाइड लाइन का पालन कर पाए । शासकीय उमावि क्रमांक दो में सुबह से परीक्षा देने पहुंचे बच्चों को बिना स्क्रीनिंग किए प्रवेश दिया गया ।


आइसोलेशन वार्ड में एक भी विद्यार्थी नही

पाठक ने बताया कि पहले दिन बारहवीं के अंग्रेजी विषय के पेपर में एक भी परीक्षार्थी कोरोना संक्रमित नहीं था । जिसके चलते सभी केंद्रों पर बनाए गए आइसोलेशन कमरे बंद पड़े रहे । उन्होंने कहा कि शुक्रवार को जिन केंद्रों पर बच्चों में सोशल डिस्टेंस न होने की जानकारी मिली है । वहां की व्यवस्थाओं को सुधारा किया जाएगा किया गया


बोले विद्यार्थी अच्छा था पेपर

पेपर अच्छा जाने से आत्मविश्वास बढ़ गया शासकीय परीक्षा देकर आए सारिका बिल्लोरे ने बताया कि सभी प्रश्न सरल पूछे गए थे । जितना सिलेबस कम करते हुए हटा दिया , उससे एक भी प्रश्न नहीं पूछा । उत्कृष्ट केंद्र पर परीक्षा देकर कक्ष के बाहर आई छात्रा अमन पटेल ने बताया पहले थोड़ी घबराहट थी लेकिन पेपर अच्छा जाने से आत्मविश्वास बढ़ गया है । कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा कक्ष में एंट्री से पहले स्क्रीनिंग व सैनिटाइज्ड कराया परीक्षा देकर आई छात्रा पूजा शर्मा ने बताया सभी प्रश्न सिलेबस के अंदर के थे । अब अगले पेपर की तैयारी में जुट जाएंगे ।


10 बजे के बाद तक प्रवेश दिया परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र पर सुबह 8.30 बजे बुलाया गया था और 9.45 बजे तक ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश की डेड लाइन तय की गई थी , लेकिन कुछ बच्चे 10 बजे के बाद भी पहुँचे उन्हें भी प्रवेश दिया गया । दो साल बाद ऑफलाइन पेपर देने पहुंचे परीक्षार्थियों में काफी उत्साह दिखा । कक्षा 10 वजी के बच्चो ने कहा कि ऑफलाइन पेपर देकर अच्छा लगा । हिंदी का पेपर काफी सरल लगा । वहीं कुछ बच्चो का कहना थाकि कि ऑफलाइन पेपर होने से मेरिट सही बनती है । इससे हमारी पढ़ाई का आंकलन भी ठीक - ठीक हो जाता है

 



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