तेज बरसात और बादलों के साथ महू राइडर्ज़ ने किया अपना मॉन्सून राइड पूरा, महू से सहस्त्रधारा तक की की राइड

"जल ही है सोना, भूलकर भी इसे न खोना", इस सामाजिक उत्कर्ष के ध्येय को लेकर शहर के महू राइडर्ज़ क्लब ने अपना मॉन्सून राइड ट्रिप महू से सहस्त्रधारा (महेश्वर) तक का रविवार को पूरा किया। 

शहर के मशहूर कैफ़े हॉटस्पॉट पर सुबह 5:30 महू एवं इंदौर से क़रीब 15 राइडर्ज़ एकत्रित हुए। इनमे मुख्य रूप से इंदौर Trr क्लब के जगदीश चौहान (जिन्होंने पिछले हफ़्ते ही पूरा राजस्थान अपनी मोटर्सायकल से पूरा किया), इंदौर से अशिर देव एवं अंकित कुलकर्णी, अंकित शुक्ला एवं मानपुर से सागर (जो मध्य प्रदेश टुरिज़म में कार्यरत है) शामिल हुए। साथ ही महू से डॉ सौरभ मोहंती, अमोल नवल, अर्जुन पाटीदार, सुमीत शर्मा, आशीष सोनी, जानवी, लेडी बाइक राइडर श्रीमती वर्णिनी मोहंती एवं कई राइड्ज़ शामिल थे।

जाम गेट पर पहले सभी नए राइडर्ज़ को बैच एवं स्टिकर दिए और अर्जुन पाटीदार जी ने ड्रैगन फ़्रूट के महत्व बताये। उन्होंने बताया कि यह फल प्रोटीन से भरा हुआ है, साथ ही हीमग्लोबिन की कमी भी दूर करता है क्योंकि इसने आयरन भी प्रचुर मात्रा में होता है। साथ ही कई और जानकारी भी दी। अर्जुन पाटीदार महू में इस फल की खेती भी करते है।

सहस्त्रधारा पहुँच कर ग्रूप में अंकित कुलकर्णी एवं सुमित शर्मा ने जल को कैसे सही उपयोग करे यह बताया। "अंबर से जब अमृत बरसे, बूंद-बूंद को क्यों तरसे", विषय पर उन्होंने विस्तार से बताया और कहा कि यह बात बहुत ज़रूरी है कि पानी को हमें बचाना है। उन्होंने रेनवाटर हार्वेस्टिंग करने का तरीका बताया। इसी तरह से प्रतिभागियों के बीच अनुभवों को साझा करने के साथ राइड समाप्त हुई।

डॉ सौरभ मोहंती और अमोल नवल इस क्लब के संचालक हैं। दोनों ने बताया कि किसी भी नए राइडर को अगर महू राइडर्स क्लब में शामिल होना हो तो उसके लिए उनसे संपर्क किया जा सकता है।





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