ओंकारेश्वर क्षेत्र में लॉकडाउन के बीच लोगों के सामने पीने के पानी का संकट, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

अपनी किस्मत को कोसते हुए पानी के लिए भटक रहे ग्रामीण....


6 माह से कोठी ग्राम पचांयत अंतर्गत ओंकारेश्वर बांध पुनर्वास स्थल - 2 के ग्रामीण नहर का पानी पीने को हैं मजबूर


 


ओंकारेश्वर (निप्र) - ओंकारेश्वर बांध परियोजना पुनर्वास स्थल - 2 कोठी ग्राम पचांयत अंतर्गत ग्रामीण पीने के पानी के लिये तरस रहे हैं। आधा किलोमीटर पैदल चलकर नहर से पानी लाकर पीने को मजबूर हैं ग्रामीण। ग्राम कोठी गांव से कुछ ही दूरी पर पुनर्वास स्थल - 2 बसाया हैं इसमें करीब 45 परिवार निवास करते हैं। पुनर्वास के लोगों को प्यास बुझाने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की ओर से सिंहस्थ 2016 में एक मात्र हैंडपम्प लगाया गया था। वह भी 6 माह पहले ही खराब हो चुका है। हैंडपम्प खराब होने से पानी के लिए ग्रामीण भटकते रहे। ग्रामीणों द्वारा पंचायत सहित संबधित विभागों में पत्र व्यवहार कर समस्या से अवगत कराते हुए न्याय की गुहार लगाई परन्तु कहीं उनकी समस्या पर किसी ने संज्ञान नही लिया अंत में हैरान परेशान होकर ग्रामीणजनों द्वारा आपस में चंदा एकत्रित कर खराब पडे बोरिंग को दुरुस्त कराया और पानी की व्यवस्था कर ली लेकिन समस्या यहीं खत्म नही होती पानी तो मिला लेकिन समय अभाव के कारण पर्याप्त पेयजल नही मिल पा रहा हैं प्रतिदिन बोरिंग पर सैंकड़ों की संख्या में खाली बर्तन प्लास्टिक की कैन जमाकर नम्बर लगा रहे हैं घंटो बाद भी अपना नम्बर नही आने पर ग्रामीणों में विवाद होते देखा जा रहा हैं।


ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत से लेकर परियोजना अधिकारी सहित प्रत्येक प्रशासनिक कार्यालयों पर फरियाद करने के बाद भी किसी प्रकार की मदद नहीं की जा ही है।


         पुनर्वास स्थल - 2 ग्राम पंचायत कोठी निवासी हरेराम एवं श्रीराम मोरे ने बताया कि एक मात्र बोर गांव में सिंहस्थ 2016 में कराया गया था। इसी बोरवेल के माध्यम से ग्रामीणों को उसी से प्यास बुझाने के लिए पानी मिल रहा था। 6 माह पहले बोरवेल की मोटर जल गई जिससे पानी आना बंद हो गया था हम लोग कोठी पंचायत गये वहा से हमें पुनर्वास खण्डवा परियोजना कार्यालय जाने का कहकर टाल दिया।


  बुधी बाई ने कहा कि बोर पम्प लगाने से खराब होने पर ग्राम पंचायत को सूचना देने के बाद भी ठीक नहीं कराया गया। 6 माह से हम गरीबों को आधाकिलोमिटर दूर नहर में उतरकर पानी लाना पड़ रहा है। 


सेवकराम ने बताया कि ग्राम पंचायत और अफसरों को जानकारी देने के बाद भी किसी प्रकार की पहल नहीं हो रही है। घूट-घूट पानी के लिए ग्रामीणों को मजबुरन लाकडाऊन में बाहर निकलकर पिने के पानी के लिये जद्दोजहद करना पड रही हैं। 


 दिनेश ने बताया कि गांव में 300 से अधिक की आबादी होने के बाद भी बोर नया नहीं कराया जा रहा है। ग्राम पंचायत को बोर खराब होने पर उनकी जिम्मेदारी है कि बोर को ठीक कराया जा सके। लेकिन यहां नहीं कराया जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि जब इस मोहल्ले में पानी बंदोबस्त प्रशासन नहीं करा पा रहा तो लिखित दे कि पानी नहीं मिलेगा। प्यास बुझाने के लिए बोर कराया जाए ताकि लोगों को राहत मिले।गांव के लोगों को पानी के लिए परेशानी हो रही है।


 


 


*""पुनर्वास स्थल 2 में 300 से अधिक की जनसंख्या""*


पुनर्वास स्थल - 2 ग्राम पंचायत कोठी की जनसंख्या 300 से अधिक है। इस गांव में एक मात्र बोरवेल है, जो 6 माह से बंद पड़ा था। पूर्व में ग्रामीणों ने आपस में पैसे मिलाकर बोरवैल ठिक करवा लिया था। बोर पम्प ठीक कराने एवं पानी की समस्या के लिए शिकायत करने खण्डवा-पुनासा जाना पड़ता है। 6 माह में 4 से अधिक बार शिकायत करने के बाद भी पैयजल व्यवस्था दुरुस्त नहीं कराया जा रही है, इससे ग्रामीण परेशान हैं।


 


 


*""पिने के पानी के लिये कोरोना वायरस को भुलकर पानी के लिये निकलना पड रहा घरों से""*


कोरोनावायरस के संक्रमण के बीच लोगों को जहां घरों से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी जा रही है साथ ही भीड़ लगाने से मना किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत कोठी अंतर्गत हैलिपैड के समीप पुनर्वास स्थल 2 में 45 परिवारजनों को पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। क्योंकि गांव में नल-जल योजना को शुरू नहीं किया जा सका है। ऐसे में कई ग्रामीण पानी के लिए अभी से जद्दोजहद कर रहे हैं। कई लोगों को आधा किलोमिटर पैदल चलकर नहर से जान जोखीम में डालकर पीने का पानी लाकर पीना पड़ रहा है। तो कुछ एक मात्र बोरवैल पर सैकड़ों की संख्या में एकत्रीत होकर अपनी अपनी बाल्टी लेकर आपस में विवाद करते देखे जा रहे हैं।


          ज्ञात रहें खंडवा जिले के पुनासा तहसील मांधाता के अंतर्गत इंदिरा सागर परियोजना एवं ओमकारेश्वर परियोजना में डूब में आए लोगों के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा पुनर्वास किया गया था अपना सब कुछ त्याग कर पुनर्वास स्थलों पर गए डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों को मूलभूत सुविधा जल प्रदाय स्टेट लाइट प्रकाश व्यवस्था विद्युत व्यवस्था के साथ अन्य सुविधा किए जाने को लेकर जिम्मेदार अभी भी पिछले लगभग 13 वर्षों से अधिक समय से डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुविधा के नाम पर केवल कागजी खानापूर्ति करने में लगे हैं गरीबी रेखा एवं परेशानी में जीवन यापन कर रहे डूब प्रभावित क्षेत्र के लोगों की समस्या के प्रति जिम्मेदार अभी भी चिंतित नहीं हैं इसको लेकर ओमकारेश्वर बांध परियोजना खेत पुनर्वास स्थल ग्राम पंचायत कोठी भोगावा धावड़ी टॉकी अखंड एवं इनपुन स्थल का निरीक्षण मीडिया कर्मी ललित दुबे मनोज त्रिवेदी रमाकांत शर्मा ठाकुर मंगल सिंह बार-बार मिल गई शिकायत के बाद पुनर्वास स्थल पहुंचकर जब लोगों से उनकी पीड़ा सुनीता कई चौंकाने वाले परिणाम सामने आए एनएसडीसी उपसंचालक महाप्रबंधक आर एंड आर खंडवा एवं कार्यालय जिला पंचायत खंडवा के बीच कागजों पर पुनर्वास वर्षों से चल रहा है किंतु धरातल पर कोई सुविधा नजर नहीं आई



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