10 वी पास झोलाछाप डॉक्टर के यहां छापामारी कार्यवाही के बाद फर्जी डिग्री वाले झोलाछाप को एफआईआर के बदले दिया तीन दिन का नोटिस!
कोर्ट में हमको जवाब देना होता है- डॉ मंजुला चौहान
11 नवम्बर 2017 में इसी झोलाछाप के क्लिनिक पर स्वयं सीबीएमओ ने कार्यवाही की थी ?
चंद्रशेखर आज़ाद नगर :- ग्राम बरझर में बीते रविवार को झोलाछाप 10 वी पास डॉक्टर निहार विश्वास के क्लिनिक पर चंद्रशेखर आज़ाद नगर तहसीलदार यशपाल मुझाल्दा,नायब तहसीलदार जितेंद्रसोलंकी ,चिकित्सा अधिकारी डॉ अमित शर्मा ने आकस्मिक निरीक्षण के दौरान झोलाछाप निहार विश्वास को एलोपैथिक दवाइयों से इलाज करते पकड़ा इसके बाद क्लिनिक का निरीक्षण करने पर 10वी पास निहार की डिग्री जो प्रथम दृष्टि से ही फर्जी होने की पुष्टि की गई इसके बाद क्लिनिक में 5 बेड के अलावा स्टूमेंट के साथ जखीरे में एलोपैथिक दवाइयां की सूची बनाकर मोके पर पंचनामा बनाकर जब्ती की जाने केबाद सी बी एमओ डॉ मंजुला चौहान ने कायवाही के बाद तहसीलदार को अगले दिन एफआईआर दर्ज करवाने बात कही थी ।जेब तहसीलदार यशपाल मुझाल्दा व चिकित्सा अधिकारी ने निरिकक्षण के दोरान झोलाछाप निहार विश्वास के क्लिनिक से पंचनामे में निहार विश्ववास द्वारा दिखाए सर्टिफिकेट को जब्ती में लिया था तब मोके पर सीबीएमओ वहाउपस्तिथ थी ।
सोमवार को मामले में चंद्रशेखर आज़ाद नगर सीबीएमओ मंजुला चौहान ने झोलाछाप निहार विश्वास के खिलाफ एफआईआर दर्ज। न करवाकर सीबीएमओ द्वारा सिर्फ एक नोटिस निहार विश्वास को जारी किया गया फिर से झोलाछाप पास इलाज के लिए सर्टिफिकेट मांगकर उसकी जांच के लिए लिखा गया ।
सीबीएमओ डॉ मंजुला चौहान से मोबाइल पे सोमवार को झोलाछाप निहार विश्वास खिलाफ एफआईआर की जानकारी पूछी तो सीबीएमओ ने बताया कि हम ऐसे कैसे एफआईआर कर सकते है ,हमको भी कोर्ट में जवाब देना होता है हमने आज निहार विश्वास को नोटिस दिया है उससे सर्टिफिकेट मांगे है उसकी जांच करेंगे बताया गया। दूसरे सवाल में पूछा कि रविवार को निरिकक्षण के दौरान तहसीलदार व डॉ अमित शर्मा के द्वारा जब्त की गई 10 वी पास निहार विश्वास की डिग्री को प्रथम दृष्टि में फर्जी बताया गया तो वह कोनसा सर्टिफिकेट था? जवाब में सीबीएमओ मंजुला चौहान ने की आधे घण्टे के निरिकक्षण में ये ऐसे पता चल सकता है ।
तीसरा सवाल पूछा मेडम इन झोलाछाप डॉक्टर के पास हमारी जानकारी के लिए कोनसे सत्य सर्टिफिकेट होंने चाहिए? इसके जवाब में सीबीएमओ मेडम कहना था कि फिर किसी दिन बताऊंगी अभी में सेम्पल ले रही हु।
पूरे मामले में अंधेरी नगरी चौपट राजा की कहानी साबित करते हुए मीडिया ने इन झोलाछाप डॉक्टरों के पास मध्यप्रदेश मेडिकल कांसलिग का रजिस्टर्ड रजिस्ट्रेशन नही है ।रजिस्टर्ड रजिस्ट्रेशन तीन तरह के होते है 1 एलोपैथिक 2 होम्योपैथी, 3 आयुवैदिक व यूनानी इन रजिस्टर्ड रजिस्ट्रेशन के बाद कोई भी प्रेक्टिशनर डॉक्टर जिस दवाई का रजिस्ट्रेशन होगा वह मध्यप्रदेश में उसी दवाई का उपचार कर सकता है । यहां ये कहा जा सकता है ।कि रविवार में झोलाछाप निहार विश्वास जब सरे आम मरीजो का एलोपैथिक दवाइयों से इलाज कर रहा था तो उस समय सी बीएमओ ने तत्काल इसकी जांच क्यो नही की ये कहि न कही चंद्रशेखर आजाद नगर के साभित झोलाछाप डॉक्टरों से आपसी मेल का संकेत दिखाई देता है।
सन 2017 में भी इसी झोलाछाप निहार के क्लिनिक पर सीबीएमओ ने खुद ककार्यवाही की थी
सीबीएमओ डॉ मंजुला चौहान शायद यह भूल गई कि 11नवंबर 2017 को पूर्व एस डी एम राजेश मेहता की उपस्तिथ में ग्राम बरझर में ही झोलाछाप निहार विश्वास के क्लिनिक पर स्वयं कार्यवाही करते देखी गई थी । इस दौरान कार्यवाही करते पत्रिका ने समाचार भी प्रकाशित किया था । उस समय शायद मेडम ने निहार विश्वास के सर्टिफिकेट की जांच भी की होगी उस समय निहार विश्वास के क्लिनिक पर कार्यवाही करते हुए का प्रमाण भी मीडिया के पास उपलब्ध है।
मीडिया को गुमराह करने में सीबीएमओ ने किसी प्रकार की कसर नही छोड़ी ये लापरवाहियां ही इस अलीराजपुर जिले में स्वाथ्य सेवाओ को बदनाम करती आ रही है।
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