महू के सरकारी अस्पताल में लोग नहीं रख रहे हैं सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान, खिलवाड़ कर रहे हैं अपनी तथा औरों की जिंदगी से

सरकार यानी कि पुलिस और प्रशासन किसी कानून का पालन करने के लिए या किसी तरह के एहतियात बरतने के लिए लोगों को सिर्फ प्रेरित कर सकते हैं। 135 करोड़ की जनसंख्या वाले देश में यह संभव नहीं है कि पुलिस, प्रशासन के लोग हर व्यक्ति पर ध्यान दे सकें और यही कारण है कि कुछ गैर जिम्मेदार लोग अपनी गलतियों के कारण खुद भी मुसीबत में पड़ते हैं और समाज को भी मुसीबत में डालते हैं।


ऐसा ही एक वाक्या आज महू के सरकारी अस्पताल यानी मध्य भारत में देखने मेंं आया। यहां पर मरीज पर्ची कटवाने और दवाई लेने के लिए जिस लाइन में लगे थे, उसमें सोशल डिस्टेंसिंग का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जा रहा था और वे एक दूसरे के पास-पास खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे।


इस बात को समझाने के लिए हम आपको ले चलते हैं महू के श्यामविलास चौराहे पर जहां एक मेडिकल पर लाइन लगी है लोगों की दवाई खरीदने के लिए पर लाइन में लगा हर व्यक्ति सोशल डिस्टेंस का पूरा पूरा ध्यान रख रहा है और एक दूसरे से निर्धारित दूरी पर खड़ा है।


दोनों चित्रों को देखने के बाद हमें पता चलता है कि ना तो पहले चित्र में कोई अधिकारी लोगों को जबरदस्ती लाइन में लगाने के लिए या दूरी बनाए रखने के लिए कह रहा था, ना ही दूसरे चित्र में। दोनों जगह फर्क दिखा तो उन लोगों की सोच का जो उन लाइनों में लगे थे।


हमें यह समझना होगा की हर बात के लिए पुलिस, प्रशासन का कोई ना कोई व्यक्ति झंडा लेकर हमारे पीछे खड़ा रहे, यह जरूरी नहीं है। हमें स्वयं ही अनुशासन में रहना होगा तभी  कोरोना जैसी महामारी से इस देश को निजात मिल सकती है।



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