डॉ श्रीवास्तव ने पेश की अनूठी मिसाल, महामारी के इस दौर में संभाली इमरजेंसी कोविड 19 कॉम्बैट टीम में जिम्मेदारी


डॉ श्रीवास्तव ने पेश की अनूठी मिसाल, महामारी के इस दौर में संभाली इमरजेंसी कोविड 19 कॉम्बैट टीम में आयुष पद पर जिम्मेदारी


देश की सेवा करने के लिए यह जरूरी नहीं है कि हर नागरिक फौज में भर्ती हो जाए और बॉर्डर पर दुश्मन से लड़ने जाए। देश की सेवा और  रक्षा करने के और भी तरीके हैं, यह हम सब को बताया इंदौर जिले की महू तहसील के कोदरिया गांव में रहने वाले प्रख्यात होम्योपैथ डॉ अनुपम श्रीवास्तव ने।
 आज पूरा देश एक युद्ध लड़ रहा है और यह पहला ऐसा युद्ध है जिसमें दुश्मन दिखाई नहीं दे रहा है। और बॉर्डर पर ही नहीं, चप्पे-चप्पे पर दुश्मन ने अपनी जड़ें फैला ली हैं।
एक और बात इस दुश्मन के बारे में कि ये दुश्मन न तो किसी तोप से, ना किसी फाइटर प्लेन से, ना ही किसी अच्छे से अच्छे मिसाइल सिस्टम से भेदा जा सकता है बल्कि इस को हराने के लिए हमें चाहिए डॉक्टरों की एक ऐसी टीम जो उसी फौजी जज्बे से अपने आप को इस युद्ध में झोंक दें जैसे युद्ध के समय फौजी बॉर्डर पर करते हैं।
 कुछ इसी तरीके से डॉ अनुपम श्रीवास्तव ने भी अपना फर्ज निभाने की सोची और उन्होंने बतौर आयुष मेडिकल ऑफिसर अपनी सेवाएं कोविड केअर सेंटर टीम में देने के लिए आगे आए इस बारे में सीएमएचओ इंदौर द्वारा कलेक्टर साहब के दिशा निर्देश में उन्हें इस टीम में बतौर आयुष मेडिकल ऑफिसर नियुक्त किया है और उन्हें  प्रेसिडेंट पार्क लाइट येलो कोविड केअर सेंटर में पदस्थ किया है।
महू में ही पूर्व में चिकित्सकीय व सामाजिक सेवाएं देते हुए उन्होंने कई लोगों को होम्योपैथी प्रतिरोधक दवाएँ एवं जानकारी उपलब्ध करवाई है। कोरोना पर सामाजिक विचार मंच की पहल पर प्रथम जनजागरूकता संगोष्ठी भी आपने 8 मार्च को ही आयोजित की थी। 
 कोदरिया गांव समेत महू के समस्त नागरिकों की ओर से जियान न्यूज अखबार और मालवा मिरर चैनल डॉ अनुपम श्रीवास्तव के इस बहादुरी भरे निर्णय के लिए मुक्त कंठ से प्रशंसा करता है और उनका नागरिकों के प्रति फर्ज निभाने पर शुक्रिया अदा करता है।


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