राजस्थान सरकार ने महाराणा प्रताप के #कुम्भलगढ़ किले में मुस्लिम इबादत #इज्तेमा की इजाजत प्रदान की

#सुनो_तो_जरा_?
जो काम मुग़ल शासक अकबर भी न कर पाया था वो अशोक गहलोत ने कर दिखाया...
राजस्थान सरकार ने महाराणा प्रताप के #कुम्भलगढ़ किले में मुस्लिम इबादत #इज्तेमा की इजाजत प्रदान की...


जिस किले में हमेशा एकलिंगनाथ , हर हर महादेव का जयघोष होता रहा, वहा पहली बार अल्ला हु अकबर गूंजेगा।



15वीं सदी में महाराणा कुम्भा के बनवाये कुंभलगढ़ किले में, जहाँ कभी महादेव का जयघोष हुआ करता था, वहां राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने नमाज पढ़ने की इजाजत दे दी हैं. बता दें महाराणा प्रताप की जन्म स्थली कुंभलगढ़ एक तरह से मेवाड़ की संकटकालीन राजधानी रहा है. महाराणा कुम्भा से लेकर महाराणा राज सिंह के समय तक मेवाड़ पर हुए आक्रमणों के समय राजपरिवार इसी दुर्ग में रहा. इस दुर्ग को कभी कोई दुश्मन जीत नही सका.
महाराणा प्रताप के साथ आदिवासियों, दलितों, वैश्यों, ब्राह्मण सबने मिलकर युद्ध किये है, इसलिए ये मामला समस्त भारतीय समाज से जुड़ा हुआ है. जिस किले को अकबर तक नहीं जीत सका, उस ऐतिहासिक धरोहर में अशोक गहलोत सरकार ने नमाज़ की इज़ाज़त दे दी है.
इसी कुम्भलगढ़ किले में गरीबनवाज के उर्स प्रोग्राम के बाद  नमाज पढ़ने की इजाजत दी गयी हैं। यहाँ होने वाले ईद मिलादुन्नबी कार्यक्रम के बाद लंगर का भी आयोजन किया गया हैं। इस कार्यक्रम के पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग इसके विरोध में उतर आए हैं।
लोगो का कहना हैं कि यह किला भगवान एकलिंग का है, इस किले को मुगल बादशाह अकबर भी कभी जीत नही पाया। वहाँ नमाज पढ़ने की इजाजत देना हिन्दू धर्म की अस्मिता पर हमला हैं। मजहबी तुष्टिकरण के चलते हिन्दुओ की अस्मिता पर हमला गलत है। इस कार्यक्रम को रुकवाने के लिए विरोध करने वाले लोग कानूनी कारवाई के साथ स्थानीय प्रशासन पर भी दबाव डाल रहे हैं। वही उर्स का आयोजक पक्ष भी स्थानीय प्रशासन के शरण में हैं।


Ajith Gadiyaji द्वारा


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