महू में कैंट और डीईओ की गलत कार्रवाइयों पर लोग एक होकर करें मुकाबला - अनिल बक्शी 

महू में कैंट और डीईओ की गलत कार्रवाइयों पर लोग एक होकर करें मुकाबला - अनिल बक्शी 
महू में जहाँ भी प्राइवेट लैन्ड है और जो अधिग्रहण नहीं हुई वो सब भूमि बी-३ है, ए -१ नहीं
महू, ६ मार्च। केन्टोन्मेन्ट, रक्षा सम्पदा और सैन्य विभागों के खिलाफ अब तक १५ हजार आरटीआई (जनसूचना अधिकार अधिनियम) लगा कर कई न्यायालय प्रकरणों में जनता के पक्ष में मुकाबला करने वाले कानूनी जानकार और आरटीआई प्रमुख झांसी के अनिल बक्षी ने महू के पत्रकारों, वकीलों और प्रबुद्धजनों के साथ बैठक लेकर कई ऐसी बातें बताई जो आम जन की जानकारी में नहीं थी। उन्होंने मुख्य रुप से इस बात पर जोर दिया कि कैंट बोर्ड, रक्षा विभाग और सैन्य प्रशासन यदि सिविल के साथ कोई भी जबरन या गलत कार्रवाई करता है उसके लिये एकजुट होकर मौके पर विरोध करें और आरटीआई लगाकर हर चीज की जानकारी प्रमाणिक रुप से मांगे। 
नटराज होटल में कॉन्फ्रेंस करते हुए बक्षी ने ढाई घंटे की जनचर्चा में बहुत सी बारिक बातों और कमियों पर ध्यान आकर्षित कराया। उन्होंने कहा कि आप एक्ट की धाराओं का ज्ञान रखें और उसी के तहत आरटीआई लगाकर उक्त विभागों से सवाल जवाब कर सकते हैं। उन्होंने जिन बातों में जानकारी देकर चौंकाया वें थी कि सम्पत्ति कर का निर्धारण हर ५ साल में होना चाहिए और पिछला बकाया परिषद को लेने का अधिकार नहीं होता है। छावनी परिषद को पी पी एक्ट में नोटिस देने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। भूमि  चाहे वो शहरी एरिया हो या बंगला बगीचा और उसमें सिविल आबादी रह रही हो वो भूमि बी- ३ होती है। ए-१ भूमि बिना कानूनी कार्रवाई किये और बिना अधिग्रहण किये नहीं घोषित होती। बक्क्षी ने बताया कि इन सारी भूमियों पर जल-प्रकाश-सड़क निर्माण की पूरी जिम्मेदारी छावनी परिषद की होती है, बंगला बगीचा में यदि परिषद जल व्यवस्था करने में असमर्थ है तो ये काम एमईएस की जिम्मेदारी पर जाता है। बक्षी ने बताया कि किसी बंगले और बगीचे की भूमि जिसका अधिग्रहण नहीं हुआ है उस पर किसी प्रकार का बोर्ड रक्षा मंत्रालय को लगाने का अधिकार नहीं है उसे आप उखाड़ कर फेंक भी सकते हैं। हमने झांसी कैंट  बोर्ड पर प्राइवेट लेंड लिखवाया हैं। 
उन्होंने आम जनता को आगाह किया कि कोई भी अतिक्रमण, अवैध निर्माण हटाने से पहले नोटिस जरुरी होता है। अलावा जब कभी भी ऐसी मुहिम चले तो आप यह जानकारी मांग सकते हैं कि वें लिखित में किसके आदेश से आए हैं और क्या इसके लिये रक्षा मंत्रालय से स्वीकृति ली गई है। मुहीम में सेना को अधिकार  नहीं की वो पब्लिक प्रीमाइसेस में प्रवेश करे।  सबूत  वीडियो, फोटो  लेकर स्टेशन हेडक्वार्टर पर कोर्ट कार्यवाही भी कर सकते हैं। इसी प्रकार सेना यदि कोई आवागमन रास्ता रोकती है तो उसे न्यायालय में चैलेन्ज दिया जा सकता है और आरटीआई लगाकर जानकारी ली जा सकती है ऐसा किसके आदेश से हुआ, क्या इसे लेकर आम जनता को सूचना दी गई और रोड बंद करने के पीछे क्या वाजिब कारण रहे थे। 
बक्षी ने यह कहकर भी चौंकाया कि उनके पास देश भर की छावनियों के भू रेकार्ड हैं और ओल्ड ग्रांट का कोई सबूत इन विभागों के पास नहीं है इसलिये अपनी भूमि को फ्री होल्ड कराने की आवश्यकता नहीं, उनसे पहले ओल्ड ग्रांट की प्रति मांगी जाए जिसमें लिखा गया रेकार्ड हस्तलिखित होना चाहिये। क्योंकि १९२५ के समय रेकार्ड हस्तलिखित ही होते थे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कोई भी निर्माण एक दिन में नहीं होता इसलिये तीन चार मंजिला निर्माण भ्रष्टाचार से बने होते हैं जिन्हें तोड़ने पर इनसे पूरी तरह सवाल जवाब करना चाहिये और प्रबुद्ध और जागरुक लोगों को ऐसे मौके पर अड़ जाना चाहिये। उन्होेंने कहा कि पार्लियामेन्ट बिल के अनुसार हर सरकारी विभाग चाहे वो कोई सा भी हो उसमें सिटीजन चार्टर होना चाहिये जिसमें यह नोटिफिकेशन होता है कि कौन सा काम कब तक पूरा होगा। आपको आरटीआई लगाकर सिटीजन चार्टर की प्रमाणित प्रति लेना चाहिये। उन्होंने बताया कि आर्मी पब्लिक स्कूल वेलफेयर सोसायटी द्वारा संचालित होता है यह ए वन लैन्ड पर नहीं हो सकता क्योंकि यह लाभ कमा रहा है उसी प्रकार आर्मी क्षेत्र में कोई भी सिविल शॉप नहीं हो सकती। 
अब तक १५ हजार से ज्यादा आरटीआई में तमाम प्रमाण इकठ्ठा कर चुके अनिल बक्षी से कई प्रश्न किये गए जिनके उन्होंने जवाब दिये। इस अवसर पर अभिभाषक संघ के मजीद दरबारी, गीता लखवानी, राधेश्याम अग्रवाल, रोहित माहेश्वरी, रवि आर्य, हंसराज वर्मा, भारतसिंह ठाकुर, पूर्व पार्षद अजय वर्मा, प्रतिमा नारद, वामा अध्यक्षा निर्मला यादव, शंकुतला विजयवर्गीय, अभिषेक जायसवाल, केशव अग्रवाल, शैलेन्द्र शुक्ला, महेश माहेश्वरी, डॉ अश्विन जायसवाल, राधेश्याम यादव, मोहनराव वाकोडे सहित कई पत्रकार उपस्थित थे। स्वागत कैलाश कनोजिया ने किया, संचालन दिनेश सोलंकी ने और आभार माना नीलेश चौधरी ने। आयोजन महू प्रेस क्लब के सौजन्य से किया गया था।



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