फर्जी करण्ट अकाउण्ट खुलवाने के मामले में इंडसइंड बैंक का मैनेजर मोहम्मद जाबाज गिरफ्तार

फर्जी करण्ट अकाउण्ट खुलवाने के मामले में गिरफ्तार इंडसइंड बैंक के  मैनेजर मोहम्मद जाबाज के द्वारा खुलवाये गये 15 करण्ट अकाउण्ट में विगत 5 माह में जमा हुए ठगी के संदेहास्पद 138 करोड रूपये। 

1. विभिन्न राज्यों की पुलिस एजेंसियों ने फ्रीज करा रखे है उक्त 15 खाते।

2. इंडसइंड बैंक के सियागंज और एयरपोर्ट रोड इन्दौर साउथ तुकोगंज ब्रांच पर खुलवाये गये थे उक्त खाते।

3. इन्दौर, नीमच, सेंधवा, धार के नाम पतों पर खोली गयी संदेहास्पद फर्जी फर्मो के नाम से चल रहे थे, उक्त खाते।

4. आर0के0 इंटरप्राइजेस सहित अन्य 14 खातों में इसी वर्ष अब तक जमा हुए कुल 138 करोड रूपये, जो कि ठगो द्वारा अधिकांषतः अन्य खातो /एटीएम / बैंक ट्रांसफर द्वारा निकाले गये। 

5. सर्वाधिक 58 करोड रूपये संजय कमोडिटी नामक फर्म में जमा हुए। 

6. आरोपी मोहम्मद जाबाज एवं उसके परिवारजनों की अवैध रूप से संग्रहित सम्पत्ति एवं बैंक खातों की भी जॉच करेगी राज्य सायबर सेल।

7. राज्य सायबर सेल इन्दौर को मिली सूचना के आधार पर यूको बैंक की पिपल्याहाना शाखा में भी मिले गुजरात, महाराष्ट्र एवं तेलंगाना पुलिस द्वारा फ्रीज करवाये गये 04 संदेहास्पद करण्ट अकाउण्ट। 

8. इन चार खातों में भी विगत 05 माह में जमा हुई संदेहांस्पद ठगी की लगभग 30 करोड रूपये की राषि।

9. यूको बैंक के उक्त संदिग्ध खातों में ऑनलाइन बैटिंग /गैम्बलिंग की राषि भी विदेशों से आना पता चला है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री योगेश देशमुख राज्य सायबर पुलिस द्वारा आर्थिक अपराधों में तकनीक के दुरूपयोग के तत्काल निकाल करने के संबंध में हाल ही दिये गये निर्देशों के पालन में की गई कार्यवाही में राज्य सायबर सेल इन्दौर पुलिस अधीक्षक श्री जितेन्द्र सिंह के द्वारा बताया गया कि इन्दौर निवासी फरियादी के द्वारा एक शिकायत आवेदन पत्र दिया। जिसमें किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से शेयर ट्रेडिंग एप के माध्यम 8521000/-रूपये की धोखाधडी करने के संबंध में लेखबध्द की गयी। शिकायत की जॉच पर से अपराध क्रमांक 81/2024 धारा 420, 34 भादवि एवं 66डी आइटी एक्ट का अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया। जिसकी विवेचना हेतु एक टीम निरीक्षक अंजू पटेल, उनि0 भारती विष्वकर्मा एवं आर0 रमेश भिडे की गठित की गयी।


       इस दौराने आरोपी जाबाज के द्वारा खुलवाये गये 15 फर्जी करण्ट अकाउण्ट की जानकारी प्राप्त करने पर 138 करोड रूपये का संदिग्ध ट्रांजेक्षन करना पता चला है। आरोपी द्वारा उक्त फर्जी करण्ट अकाउण्ट इन्दौर, नीमच, सेंधवा, धार के नाम पतों से खुलवाये गये है। आरोपी जाबाज के द्वारा खुलवाये गये आर0के0 इंटरप्राइजेस सहित अन्य 14 खातों में इसी वर्ष अब तक जमा हुए कुल 138 करोड रूपये, जो कि ठगो द्वारा अधिकांशतः अन्य खातो / एटीएम / अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर कर निकाले गये। आरोपी द्वारा खुलवाये गये संजय कमोडिटी में सबसे अधिक 58 करोड रूपयों का ट्रांजेक्षन किया गया है। आरोपी मोहम्मद जाबाज एवं उसके परिवारजनों की अवैध रूप से संग्रहित सम्पत्ति एवं बैंक खातों की की जॉच की जा रही है। उक्त संदिग्ध करण्ट  बैंक खातों को इन्दौर, उडिसा, उ0प्र0, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु की पुलिस एजेंसियांे के द्वारा उक्त फर्जी करण्ट अकाउण्ट को फ्रीज करवाया गया है। 

     राज्य सायबर सेल इन्दौर को मिली सूचना के आधार पर यूको बैंक की पिपल्याहाना शाखा के 04 खातों की जानकारी प्राप्त की गयी। जिसमें पाया गया कि उक्त संदेही करण्ट खाते होकर गुजरात, महाराष्ट्र एवं तेलंगाना पुलिस द्वारा फ्रीज करवाये गये है। उक्त 04 करण्ट खातों में विगत 05 माह में संदेहांस्पद ठगी की लगभग 30 करोड रूपये की राषि का ट्रांजेक्षन किया गया है। उक्त संदिग्ध खातों में ऑनलाइन बैटिंग /गैम्बलिंग की राषि विदेशी वेबसाइटों के माध्यम से आना पायी गयी। आरोपियों के साथ मिलकर धोखाधडी करने वाले गिरोह की तलाश जारी है।

   उक्त प्रकरण की विवेचना में उप पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र रघुवंशी, निरीक्षक अंजू पटेल, उनि भारती विष्वकर्मा, उनि0 संजय चौधरी, आर0 रमेश भिडे एवं आर0 गजेन्द्रसिंह राठौर की सराहनीय भूमिका रही।


सावधानियॉः- 

1. किसी भी अंजान व्यक्ति द्वारा दिये गये अधिक लाभ वाले प्रलोभन एवं लिंक के झांसे में आने से बचें। 

2. अनजान व्हाट्सएप नम्बर से आये मैसेज पर लाइक कर घर बैठे रूपये कमाने वाले स्कैम के झांसे में न आये। 

3. टास्किंग कार्य कर अधिक लाभ कमाने के प्रलोभन से बचें।

4. अनचाहे विडियो कॉल्स को अटैण्ड न करें। 

5. ऑनलाइन अप्पलीकेषन के माध्यम से लोन लेने से बचें। 

6. ऑनलाइन शॉपिंग अप्पलीकेषन की यूजर आइडी एवं पासवर्ड अंजान व्यक्ति के साथ शेयर न करें। 

7. डेबिट/क्रेडिट कार्ड की जानकारी अंजान व्यक्ति के साथ शेयर न करें। 

8. फोन कॉल पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिये जा रहे निर्देष का पालन बिल्कुल भी न करें। 

9. मोबाइल पर किसी भी प्रकार की रिमोट अप्लिकेशन डाउनलोड न करें।

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