अयोध्या रामजी की प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के दौरान चन्द्रशेखर अज़ादनगर के कारसेवकों की की गई उपेक्षा, सर्व हिन्दू समाज मे हो रही प्रतिक्रिया को लेकर बोले कार सेवक मदन सिंह डावर

यशवंत जैन, चंद्रशेखर आज़ाद नगर

श्रीराम जन्मभूमि के लिए 500 वर्ष के इतिहास में जहां सर्वहिन्दू समाज के कई रामभक्तो ने अपने प्राणों की आहुति दी होगी विगत 6 दिसम्बर वर्ष 1992 को पूरे भारत वर्ष में कार सेवको के द्वारा श्रीराम जन्मभूमि पर स्थित बाबरी ढांचे को गिराने वाले रामभक्तो ने अपने प्राणों की चिंता न कर श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला को विराजमान करने का संकल्प लिया था। उस आंदोलन में झाबुआ जिले से दौलत भावसार एवं शैलेश दुबे के चन्द्रशेखर आज़ाद नगर के कार सेवक मदनसिंह डावर जो कि आदिवासी समाज से है ,दिवंगत

रमेश चंद्र पुरोहित ब्राम्हण , दिवंगत मिथुन ठाकुर, दिवंगत दिनेश पंचाल, दिवंगत दिलीप चतर्भुज दिवंगत पप्पू पहाड़ सिंह हरिजन समाज से महेंद्र वर्मा इन पांच राम भक्तो के दल ने अयोध्या में चल रहे बाबरी विध्वंश आंदोलन में भाग लेकर तत्कालीन झाबुआ जिले का नाम तीर कमान लेकर आंदोलन में शामिल होकर झाबुआ जिले का नाम किया था । जब अयोध्या से इन पांचों रामभक्तो की सकुशल वापसी पर सर्व हिन्दू समाज ने एक दूसरे गले मिलकर घर घर उनका सम्मान किया था । 


विगत 21 जनवरी को सर्वहिन्दू समाज द्वारा नगर में विशाल शोभायात्रा निकाली गई थी उस शोभायात्रा में कार सेवको के सम्मान को लेकर नगर के लोगों के द्वारा कार सेवको को सम्मान नही दिया गया इस बातको लेकर नगर में चर्चा का विषय बनकर सर्वहिन्दू समाज के द्वारा निकाली गई शोभायात्रा में कार सेवको की उपेक्षा को लेकर चन्द्रशेखर आज़ाद नगर के कार सेवक मदनसिंह डावर ने मीडिया को अयोध्या में विगत 6 दिसम्बर को हुई बाबरी विध्वंस की घटना को लेकर उस आंदोलन में चन्द्रशेखर आज़ाद नगर के कार सेवक अयोध्या पहुचे थे वहां 6 दिसम्बर को बाबरी विध्वंस में उनकी भूमिका को बताया और अयोध्या से कार सेवक मदनसिंह डावर जो बाबरी ढाँचा ढहाने के बाद उसके अंदर से मन्दिर की शिला (इट) लेकर चन्द्रशेखर आज़ाद नगर आये थे उस समय नगर में उनका इतिहासिक नगर के लोगो ने सम्मान किया था। मदनसिंह डावर ने बताया कि रामजी की प्रतिष्ठा के पूर्व चन्द्रशेखर आज़ाद नगर सरस्वती शिशु मंदिर पर तैयारियों को लेकर सर्व हिन्दू समाज की बैठक में प्रान्त के प्रचारक भूपेंद्र जी कसेरा के नेतृत्व में बैठक में कार सेवको को भी आमंत्रित किया गया था उस बैठक में में स्वयं ओर महेंद्र वर्मा जो नगर के मात्र दो कार सेवक जिंदा बचे है शेष दिवंगत हो चुके है । बैठक में समाजजनों ने हिन्दू समाज द्वारा कार सेवको के सम्मान की बात की गई थी। लेकिन 21 जनवरी को शोभायात्रा में मैने उन लोगों को घोड़े पर बैठा देखा जिनका अयोध्या से कोई सम्बन्ध नही है और नही वे कभी बाबरी ध्वंस आंदोलन में शामिल हुए थे । में श्रीराम जी प्रतिष्ठा के लिए किए जा रहे रामजी के कार्यक्रम में निकाली जा रही शोभा यात्रा में एक से डेढ़ किलो मीटर पैदल चला उस समय समाजजनों ने मुझे कहा मदन दादा आप बहुत अपमान सहन कर चुके हो अब ज्यादा नही आप घर चले जाओ इसके बाद में घर को लौट आया इस पूरे कार्यक्रम के दौरान प्रान्त प्रचारक भूपेंद्र जी कसेरा ने कार सेवको की कोई खबर नही ली और कार सेवको के सम्मान के बारे में नगर जनों से इस सम्बंध में कोई पूछताछ की ।

फ़ोटो 01 कार सेवक मदनसिंह डावर द्वारा अयोध्या से लाई गई ईंट।

फ़ोटो 02 कार सेवको को अयोध्या भेजते समय विजय आशीर्वाद देती कार सेवक दिवंगत दिलीप की माता जी।

फ़ोटो 03 चंद्रशेखर आज़ाद नगर में 21 जनवरी को कार सेवक की उपेक्षा कर घोड़े पर सवार ।

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