मप्र बजट : रामराज के आधार 'शिवराज' का 'शिवमय' बजट

 



सत्येंद्र जैन (चौधरी)

मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार का अंतिम बजट वर्ष 2023- 24 पारित हो गया है।यह बजट, देश की स्वतंत्रता के अमृत काल में मध्य प्रदेश का अमृत बजट है ।रामराज में कहा गया है कि राज्य का कर प्रबंधन 'सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय ' के मंत्र से परिपूर्ण होना चाहिए ।महाकवि गोस्वामी तुलसीदास कहते हैं कि-

 बरसत हरसत सब लखें, करसत लखे न कोय।

 तुलसी प्रजा सुभाग से, भूप भानु सो होय।

राज्य का कर निर्धारण इस प्रकार हो कि जैंसे सूर्य समुद्र से, तालाब आदि विभिन्न जल स्रोतों से जल अवशोषित करता है,सोख लेता है।किसी को पता भी नहीं चलता है।किंतु जब सूर्य वाष्प रूपी संचित जल को बादल रूप में पृथ्वी पर वर्षाता है तो सभी प्रसन्न हो जाते हैं, सुखी हो जाते हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा के कुशल वित्तीय सुप्रबंधन का ही सुफल है कि कोई भी नया कर आरोपित नहीं किया है।यह सर्व समावेशी बजट है ।प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर,निवेश को बढ़ाने के साथ-साथ सभी के लिए लोक मंगलकारी बजट है।


उन्नत अर्थव्यवस्था का परिचायक बजट


शिवराज सरकार ने राज्य की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया है।तीन लाख चौदह हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट प्रस्तुत किया है।जो पिछले बजट सेे बारह प्रतिशत अधिक है।भाजपा सरकार के संकल्प क्रमिक,उत्तरोत्तर विकास को दर्शाता है।राज्य का सकल घरेलू उत्पाद भी बढ़कर 13 लाख करोड़ से अधिक हो गया है।राज्य का पूंजीगत व्यय भी बढ़कर लगभग 56 हजार करोड़ से अधिक हुआ है ,जो राज्य की जीडीपी का 4 प्रतिशत से अधिक है।वर्तमान बजट का 20 प्रतिशत है । अधो सरंचना विकास में सरकार पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक राशि व्यय करने जा रही है।यह शिवराज सरकार का साहस ही है जो चुनावी वर्ष होते हुए भी इंफ्रास्ट्रक्चर पर इतनी अधिक धनराशि व्यय कर रही है।यदि अन्य कोई सरकार होती तो इस मद की राशि को कम कर अन्यत्र उपयोग करती और जनता की 'वाहवाही' समेटने का कार्य करती ।अधिक पूंजीगत व्यय से ही मध्य प्रदेश का वास्तविक, शाश्वत विकास संभव है।इस अदम्य साहसिक निर्णय लेने हेतु मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का और उनकी टीम का मप्र के नागरिक के रूप में अभिनंदन करता हूँ। 

इस बजट में राजस्व बढ़ा है।जो 2.25 लाख करोड़ रुपए से अधिक होने की संभावना है ।राज्य के स्वयं के कर की राशि भी 86 हजार करोड़ रुपए से अधिक है। केंद्रीय करों से प्रदेश को 80 हजार करोड़ रुपए से अधिक प्राप्ति का अनुमान है।करेत्तर राजस्व प्राप्ति भी लगभग 15 हजार करोड़ रुपए है।राजकोषीय घाटा भी राज्य की जीडीपी का 4.02 प्रतिशत है।राज्य के कुल ऋण पर ब्याज भुगतान समग्र राजस्व प्राप्ति का 10 प्रतिशत का अनुमान है,यह भी नियंत्रण में है ।कांग्रेस सरकार के समय वर्ष 2002 में ब्याज भुगतान राजस्व प्राप्ति का 22 प्रतिशत से अधिक हो गया था।घोर वित्तीय असंतुलन उत्पन्न हो गया था।समस्त प्रकार के विकास कार्य अवरुद्ध हो गए थे।स्थापना व्यय में भी भारी अर्थ संकट उतपन्न होने के कारण शासकीय सेवकों को वेतन भी समय पर नहीं प्राप्त होता था।


महिला सशक्तिकरण के नए आयाम स्थापित करता बजट

प्रदेश की आधी जनसंख्या महिला समाज के उत्थान में युगांतकारी होगा। माताओं,बहनों बेटियों के समग्र कल्याण के लिए एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान किया गया है । इस अपार धन राशि को लाडली बहना योजना ,लाड़ली लक्ष्मी योजना, कन्या विवाह विकास योजना ,प्रसूति सहायता योजना, गांव की बेटी योजना ,महिला स्व सहायता समूह को बैंक से ऋण उपलब्ध कराना जैसी अनेक योजनाओं में व्यय किया जाएगा। इसके सुखद परिणाम प्राप्त होंगे।महिलाएँ आत्मनिर्भर होंगी। महिलाओं को सम्मान मिलने से सामाजिक समरसता बढ़ेगी।लैंगिक असमानता दूर होगी। लिंगानुपात में वृद्धि होगी एवं बाल विवाह जैसी कुप्रथा का उन्मूलन होगा।


युवाओं के लिए अपार अवसर का बजट

युवाओं के लिए शासकीय सेवा में एक लाख से अधिक पदों पर भर्ती की प्रक्रिया प्रगति पर है ।1000 करोड़ रुपए से अधिक का प्रावधान होने से लाखों युवाओं को मुख्यमंत्री कौशल अप्रेंटिसशिप योजना के माध्यम से लाभ मिलेगा। स्वरोजगार के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी क्रांति योजना के द्वारा उद्यमशीलता के नए द्वार खुलेंगे।युवाओं में कौशल वृद्धि हेतु भोपाल में संत रविदास ग्लोबल स्किल पार्क बनाया जा रहा है ।इसी प्रकार ग्वालियर जबलपुर सागर और रीवा में भी बड़े स्किल सेंटर स्थापित होने से भारी संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना के द्वारा बालिकाऐं,महिला समाज लाभान्वित होगा। ई स्कूटी योजना के द्वारा भी बेटियों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।


कृषि एवं कृषक कल्याण के लिए लाभदायक बजट

बजट में कृषि एवं कृषकों के कल्याण के लिए लगभग 54 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान करने से कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व लाभ होगा। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में 3200 करोड़ रुपए के प्रावधान से किसानों को प्रतिवर्ष 4000 रुपए प्राप्त हो रहे हैं ।प्रधानमंत्री मोदी सरकार की ओर से भी प्रतिवर्ष ₹6000 प्राप्त होने से किसानों को बहुत सहायता प्राप्त हो रही है।इस कारण वह अपना कृषि कार्य सुगमता से कर रहे हैं। फसल बीमा योजना में 2000 करोड़ रुपए का प्रावधान है बिजली बिल पर सब्सिडी के लिए 13000 करोड़ रुपए की राशि किसानों के लिए अत्यंत सहायक होगी। डिफाल्टर किसानों का सहकारी समितियों का ब्याज भी शिवराज सरकार द्वारा भुगतान किया जा रहा है।इस मद में दो हजार करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है।सिंचाई की क्षमता 65 लाख हेक्टेयर की लक्ष्य पूर्ति हेतु इस बजट में ग्यारह हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।


नगर एवं ग्राम विकास का परिचायक बजट

नगर विकास के लिए लगभग पंद्रह हजार करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं। ग्राम विकास के लिए भी लगभग 25 हजार करोड़ रुपए ग्राम जीवन को उन्नत करेंगे।पात्र नागरिकों को घर दिए जाने के लिए आठ हजार करोड़ रुपए महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे।


शिक्षा को उन्नत करता बजट

शिक्षा पर लगभग 38 हजार करोड़ रुपए व्यय होने से विद्यार्थियों, को अत्यंत लाभ मिलेगा।पिछले वित्त वर्ष से साढ़े पांच हजार करोड़ रुपए अधिक है।खेल बजट भी तीन गुना अधिक होने से युवाओं को प्रतिस्पर्धा में लाभ होगा।खेल जगत में मध्यप्रदेश का यश बढ़ेगा।


हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाता बजट

स्वास्थ क्षेत्र में भी लगभग सोलह हजार करोड़ रुपए से जन आरोग्य बढ़ेगा।औषधि आपूर्ति, स्वास्थ्य उपकरण ,हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर समुन्नत होगा।




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