मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की परियाेजना पर्यटन स्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रशिक्षण की शुरूआत

 आशीष यादव, धार 

आत्म रक्षा एक ऐसा तरीका है,जो हमको खुद के लिए भगवान बनाता है- डीएसपी निलेश्वरी डावर 



मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा यूएन वूमेन महिला एवं बाल विकास विभाग तत्वावधान में महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल परियोजना के अंतर्गत धार जिले के पर्यटन स्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए स्थानीय शासकीय माॅडल हायर सेकंडरी स्कूल की बालिकाओं का आत्म सुरक्षा प्रशिक्षण का  शुभारंभ  हुआ।  इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डीएसपी निलेश्वरी डावर ने कहा कि पुलिस और डॉक्टर हमारी जान बचाते है। इसलिए उन्हें भगवान का दर्जा दिया जाता है। आत्म रक्षा एक ऐसा तरीका है,जो हमको खुद के लिए भगवान बनाता है। क्योंकि इस प्रशिक्षण के माध्यम से हम खुद की रक्षा करना सीखते है। हम समय और परिस्थिति देखकर आत्म रक्षा के तरीको का इस्तेमाल करें।  आयोजन का शुभारंभ डीएसपी निलेश्वरी डावर, जिला शिक्षा अधिकारी महेंद्र शर्मा, जिला पुरातत्व, पर्यटन व संस्कृति परिषद के पर्यटन नोडल अधिकारी  प्रवीण शर्मा, वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक ज्योत्सना ठाकुर ने किया। इस अवसर आयोजन संस्था वसुधा विकास संस्थान की डायरेक्टर गायत्री परिहार ने बताया कि  परियोजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के सहयोग से परियोजना काल में पर्यटन स्थल की 900 लड़कियों को आत्म सुरक्षा का निशुल्क प्रशिक्षण देने का लक्ष्य है। इसी क्रम में क्रमश: दो बैच में शासकीय मॉडल स्कूल की 130 और शासकीय छात्रावास की 80 बालिकाओं के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसमे मास्टर ट्रेनर कुमकुम श्रीवास्तव द्वारा बैच की 200 लड़कियों को प्रशिक्षण देने की शुरूआत कर दी गई है। 

इस अवसर पर श्री शर्मा ने कहा कि बेटियों के लिए आज के  समय में आत्म रक्षा प्रशिक्षण लेना चाहिए। सभी बालिकाओं से यही आशा है कि वे अच्छे से इस प्रशिक्षण से आत्म रक्षा का गुर सीखे और स्वयं को मजबूत बनाकर खुद के साथ ही अन्य लड़कियों की रक्षा करे। पर्यटन नोडल प्रवीण शर्मा ने कहा कि महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन स्थल परियोजना के लोगो में शेर को रखा गया है, क्योंकि शेर शक्ति का प्रतीक है। आदिकाल से ही भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता में नारी को शक्ति माना गया है। पुरातन काल में जब देवताओं पर असुर आक्रमण करते थे, तो वे भी मां दुर्गा की शरण में जाते थे। बेटिया ने केवल स्वयं की और दूसरी महिलाओं की, बल्कि पुरुषों की भी रक्षा करती है। इसलिए सभी बालिकाएं यह प्रशिक्षण ले और सभी की रक्षा के लिए तत्पर रहे। 

व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया:

कार्यक्रम के दौरान मास्टर ट्रेनर द्वारा छात्राओं को डेमो भी दिया गया। वे किस तरह से ट्रिक के माध्यम से स्वयं को आपातकालीन परिस्थिति में बचा सकती है। वन स्टॉप सेंटर से प्रभारी श्रीमती ज्योत्सना ठाकुर एवं परामर्शदाता चेतना राठौड़ द्वारा वन स्टॉप सेंटर में मिलने वाली निशुल्क सहायता एवं सुविधाओं के बारे में जानकारी दी गई। परियोजना संकुल समन्वयक पूजा कुशवाह ने आभार माना। कार्यक्रम में स्कूल छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं सहित लगभग 200 प्रतिभागियों ने भागीदारी की। 



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